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अंडों से जुड़े इन 3 मिथकों पर अक्सर लोग करते हैं भरोसा, जानें इनकी सच्चाई

अंडे खाना शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इससे शरीर को कई गंभीर समस्याओं से बचाया जा सकता है, लेकिन अंडों को लेकर कई मिथक भी फैले हुए हैं। आइए इन मिथकों के पीछे की सच्चाई जानते हैं।
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अंडों से जुड़े इन 3 मिथकों पर अक्सर लोग करते हैं भरोसा, जानें इनकी सच्चाई


अंडे खाना शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इससे बॉडी को कई समस्याओं से बचाया जा सकता है। हालांकि, अंडे ऐसे सुपरफूड में आते हैं, जिन्हें जरूरत से ज्यादा खाना नुकसानदायक भी हो सकता है। यही वजह है कि अंडों को लेकर कई तरह के मिथक फैले रहते हैं। कई बार ये मिथक सही होते हैं और कई बार ये गलत भी होते हैं। आज के आर्टिकल में हम अंडों से जुड़े कुछ सामान्य मिथकों की सच्चाई जानेंगे। इस बारे में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. शुभा इमैनेनी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट की है। इस वीडियो के कैप्शन में उन्होंने अंडों से जुड़े कुछ बहुत ही आम मिथकों की सच्चाई बताई है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

जानें अंडों से जुड़े इन मिथकों के पीछे की सच्चाई

Myth 1 - अंडे में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है और इसके रोजाना सेवन से हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है

राष्ट्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान परिषद (National Health and Medical Research Council) के दिशानिर्देशों के मुताबिक, हर दिन अंडे का सेवन करने से कोरोनरी हृदय रोग (Coronary Heart Disease) का जोखिम नहीं बढ़ता है। इसके अलावा, हेल्दी लोगों पर कई रिसर्च हुई हैं, जिनमें सामने आया है कि रोजाना अंडे खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल पर कोई खास असर नहीं होता है।

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Myth 2 - ऑर्गेनिक और फ्री-रेंज वाले अंडे सेहत के लिए सामान्य अंडों (Standard Eggs) से ज्यादा बेहतर होते हैं

डॉ. शुभा इमैनेनी की वीडियो के मुताबिक, ऑर्गेनिक (Organic), फ्री-रेंज (Free-range) और स्टेंडर्ड अंडों (Standard Eggs) के बीच पोषण संबंधी कोई अंतर नहीं होता है। दरअसल, अंडों में एकमात्र पोषण संबंधी अंतर सिर्फ उन्हीं अंडों से आता है, जब मुर्गियों को किसी खास तरह का आहार दिया जाता है। जैसे कि बाजारों में ओमेगा-3 से भरपूर अंडे बेचे जाते हैं। इन अंडों के लिए मुर्गियों को ओमेगा-3 रिच फूड खिलाया जाता है।

egg myths

Myth 3 - अंडे में फैट की मात्रा ज्यादा होती है और इसके सेवन से डायबिटीज की समस्या हो सकती है

भारतीय आहार दिशानिर्देशों (Indian dietary guidelines) में उच्च संतृप्त वसा (High Saturated Fat) वाले खाद्य पदार्थों को सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है। अंडे में संतृप्त वसा (Saturated Fat) की मात्रा कम होती है। डॉ. शुभा इमैनेनी की वीडियो के मुताबिक, एक अंडे में औसतन 1.7 ग्राम (60 ग्राम) होता है। इससे डायबिटीज की समस्या नहीं होती है। हालांकि, डायबिटीज रोगियों को अंडे खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

 

 

 

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डायबिटीज के रोगी कितने अंडे खा सकते हैं?

यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) के मुताबिक, 100 ग्राम अंडे में 12 ग्राम प्रोटीन होता है। अंडे को प्रोटीन का अच्छा सोर्स माना जाता है। बता दें कि डायबिटीज रोगियों की डाइट में प्रोटीन शामिल करना फायदेमंद होता है। हालांकि, सभी की बॉडी अलग होती है। ऐसे में आपको डाइट में अंडे शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आपको अपने हिसाब से अंडे की मात्रा कम या ज्यादा नहीं करनी चाहिए।

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अंडे पोषक-तत्वों से भरपूर होते हैं। इसमें विटामिन-ए, बी2, बी5, बी12, डी, ई, फोलेट, बायोटिन, आयरन, आयोडीन, फास्फोरस, सेलेनियम और प्रोटीन जैसे पोषक-तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। अंडों का सीमित मात्रा में रोजाना सेवन किया जा सकता है। अगर आप अंडों का ज्यादा सेवन करते हैं, तो पेट दर्द, गैस, ब्लोटिंग, अपच, उल्टी, मतली जैसी कई पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही, अंडों में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। इससे किडनी पर ज्यादा दबाव पड़ता है।

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