शिशु के जन्म के बाद उनके बालों की ग्रोथ से जुड़ी कई धारणाएं और मिथक लोगों के बीच काफी प्रचलित हैं। कई बार माता-पिता भी इन मिथकों पर विश्वास कर लेते हैं और अपने बच्चे की बालों की देखभाल के लिए गलत कदम उठा लेते हैं। बहुत से लोग मानते हैं कि शिशु के बालों की देखभाल के लिए कुछ विशेष उपाय करने होते हैं, जबकि इसके पीछे कई मिथक भी जुड़े हुए होते हैं। नवजात शिशु के बालों की ग्रोथ पूरी तरह से उनके जीन पर निर्भर करती है और इसे किसी घरेलू उपाय से बढ़ाया या बदला नहीं जा सकता। आमतौर पर, बालों की नियमित साफ-सफाई, हल्के तेल की मालिश और सही पोषण ही बालों की ग्रोथ के लिए पर्याप्त होते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और पीडियाट्रिशन डॉ. माधवी भारद्वाज (Dr Madhavi Bharadwaj) ने एक वीडियो में शिशु के बालों से जुड़े मिथकों के बारे में बताया है।
1. मिथक: बच्चे के बार-बार बाल कटवाने से बढ़ते हैं
सच्चाई: डॉक्टर ने बताया कि जन्म के 3-4 महीने बाद शिशु के बाल गिरने लगते हैं, जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है। डॉक्टर बताती हैं कि शिशु के जन्म के बाद शिशु और मां दोनों के ही बाल झड़ सकते हैं, जिसे लेकर लोगों को पैनिक नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि 6-9 महीने के बाद ये बाल अपने आप अच्छी क्वालटी को होने लगते हैं।
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2. मिथक: तेल लगाने से बाल अच्छे होते हैं
सच्चाई: शिशु के बालों में तेल लगाने से स्कैल्प की मसाज होती है, जिससे ब्लड सप्लाई भी बढ़ती है, ऐसे में ऑयलिंग शिशु को रिलैक्स करने का एक अच्छा तरीका है, जिससे हेयर ग्रोथ में भी मदद मिल सकती है। हालांकि, जिन बच्चों के सिर में पपड़ी जमने जैसी समस्याएं होती हैं उनमें डॉक्टर तेल लगाने की सलाह नहीं देते हैं।
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3. मिथक: मुंडन से बाल मोटे और घने होते हैं
सच्चाई: यह सबसे प्रचलित मिथक है कि शिशु के बाल मुंडवाने से बाल मोटे और घने हो जाते हैं। असल में, बालों की मोटाई और घनापन जीन पर निर्भर करते हैं। बाल मुंडवाने से केवल बालों का सिरा हटता है, जिससे बाल थोड़े कठोर दिखाई दे सकते हैं, लेकिन इसका बालों की जड़ या ग्रोथ पर कोई असर नहीं होता। डॉक्टर ने समझाते हुए बताया कि जब शिशु के बाल बढ़ रहे होते हैं तो किनारे तक आते हुए बाल पतले होने लगते हैं। ऐसे में जब आप बच्चे के सिर का मुंडन करवाते हैं तो बाल स्कैल्प की सतह से ही हटाए जाते हैं। ऐसे में बालों की जड़ें तो वही रहती हैं जो कि पहले थीं। इसलिए, मुंडन का फर्क शिशु के बालों की ग्रोथ पर नहीं पड़ता है। लेकिन जब मुंडन के बाद दोबारा बाल आते हैं तो शुरुआत में मोटे ही दिखते हैं जो देखने में अच्छे लगते हैं। ऐसे में लोगों को लगता है कि शिशु के बाल मोटे और अच्छे आ रहे हैं, जब कि असल में जब बाल बढ़ते हैं तो फिर से पतले होने लगते हैं।
निष्कर्ष
शिशु के बालों से जुड़े कई मिथक हमारे समाज में प्रचलित हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश का वैज्ञानिक आधार नहीं है। बालों की ग्रोथ और उनके घनेपन का मुख्य कारण जीन होते हैं और इसे बदलना संभव नहीं है। शिशु के बालों की सही देखभाल के लिए माता-पिता को मिथकों से हटकर सच्चाई पर ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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