
Junk Food and cancer: पिछले कुछ सालों में लोगों के बीच जंक फूड खाने का क्रेज बढ़ गया है। घर के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक आजकल नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, चिप्स जैसी चीजों के शौकीन होते जा रहे हैं। जाहिर सी बात है जंक फूड खाने में बहुत ज्यादा टेस्टी लगते हैं और अगर एक बार इनका स्वाद जुबान को चढ़ जाए तो नॉर्मल खाना अच्छा नहीं लगता है। जैसे-जैसे लोगों के बीच जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक का क्रेज बढ़ रहा है वैसे-वैसे लोगों के बीच गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं। जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और कोल्ड ड्रिंक का सेवन सबसे ज्यादा बढ़ते बच्चों को प्रभावित कर रहा है।
इतना ही नहीं कोल्ड ड्रिंक और जंक फूड छोटे बच्चों में कैंसर का खतरा भी बढ़ा रहा है। हाल ही में इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने कहा कि जंक फूड के कारण कैंसर का खतरा कई गुणा बढ़ सकता है। बच्चों में जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक किस तरह से कैंसर का खतरा बढ़ा रहे हैं और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है इसके बारे में जानने के लिए हमने गुरुग्राम के सीके बिरला अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी की कंसल्टेंट डॉक्टर पूजा बब्बर से बातचीत की।
क्या जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक की वजह से कैंसर होता है?
डॉ. पूजा बब्बर का कहना है जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से बच्चों का डीएनए डैमेज होता है। डीएनए खराब होने से बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ये कैंसर की वजह बन सकता है। कोल्ड ड्रिंक और जंक फूड का सेवन करने से हमारा शरीर सही तरीके से रिस्पांस नहीं कर पाता है। फास्ट फूड से मिलने वाली कैलोरी में हर 10 फीसदी का इजाफा कैंसर के खतरे को कई गुना बढ़ा सकता है।
डॉ. पूजा बब्बर का कहना है कि कई बार पेरेंट्स बच्चों की डाइट को बैलेंस करने के लिए जंक फूड के साथ-साथ फल और सब्जियां भी खिलाते हैं, लेकिन जब डीएनए डैमेज होता है तो फल व सब्जियों के पोषक तत्व उन्हें नहीं मिल पाते हैं। डीएनए डैमेज और सही पोषण न मिलने के कारण बच्चों में कैंसर के लक्षण बहुत तेजी से उभरते हैं।
ऐसे छुड़ाएं बच्चों की जंक फूड खाने की आदत
एक्सपर्ट का कहना है कि जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों की आदत जहां तक संभव हो बच्चों को न लगाएं। अगर आपका बच्चा पिज्जा, बर्गर, नूडल्स जैसी चीजें खाने की जिद करता है तो उसे घर पर बनाकर दें। बच्चों की आंखों को खाने में सुंदर दिखने वाली चीजें ज्यादा पसंद आती है इसलिए घर पर पिज्जा, बर्गर जैसी चीजों को बनाते समय उसे डेकोरेट करना बिल्कुल न भूलें।
एक्सपर्ट के मुताबिक बच्चों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां पनप न पाए इसके लिए उनकी आदत बचपन से ही हेल्दी खाना खाने की डालें। 2 से 3 साल की उम्र में ही बच्चों को रूटीन फिक्स करें। बच्चों को खाने के अलावा स्नैक्स के तौर पर सेब, केले के चिप्स, मिल्क शेक, पपीता और ताजी सब्जियां दें। इससे बच्चों का पेट भरा रहेगा और बच्चे जंक फूड खाने की जिद बिल्कुल नहीं करेंगे।
With Inputs: Pooja Babbar, Consultant Medical Oncology at CK Birla Hospital, Gurugram