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PCOS में चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे और बालों के झड़ने जैसी समस्याओं को नेचुरली कैसे ठीक करें?

How to Naturally Reduce Facial Hair like Problems in PCOS : क्या पीसीओएस की समस्या के दौरान होने वाले एक्ने, फेशियल हेयर और बाल झड़ने जैसी समस्याओं का नेचुरली उपचार किया जा सकता है या नहीं?
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PCOS में चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे और बालों के झड़ने जैसी समस्याओं को नेचुरली कैसे ठीक करें?

How to Naturally Reduce Facial Hair like Problems in PCOS : पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) की समस्या है। यह महिलाओं के अंडाशय (Ovaries) पर बुरा असर डालते हैं। इस स्थिति में महिलाओं की अंडाशय (Ovaries) में छोटे-छोटे सिस्ट (गांठ) बन जाती हैं। ये गांठें फर्टिलिटी की प्रोसेस में समस्या पैदा कर सकती हैं , बता दें कि महिलाओं में पीसीओएस के दौरान हो रहे हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण चेहरे पर अनचाहे बाल, एक्ने और हेयर फॉल जैसी समस्याएं होने लगती हैं। अगर आप इस तरह की समस्याओं का सामना कर रही हैं, तो आइए इनसे नेचुरली बचाव के टिप्स जानते हैं। इन नेचुरल टिप्स के बारे में डॉ चांदनी जैन गुप्ता एमबीबीएस, एमडी त्वचा विशेषज्ञ और सौंदर्य चिकित्सक, एलांटिस हेल्थकेयर, नई दिल्ली (Dr Chandni Jain Gupta MBBS, MD Dermatologist and Aesthetic physician, Elantis Healthcare, New Delhi) ने बताया है।

PCOS के लक्षणों से कैसे बचाव करें?- How to Prevent Symptoms of PCOS

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1. चेहरे के बाल (हिर्सुटिज्म) कैसे हटाएं?

  • पुदीने की चाय: कुछ स्टडी से पता चला है कि पुदीने की चाय पीने से एंड्रोजन के स्तर (टेस्टोस्टेरोन) को कम किया जा सकता है। इससे चेहरे के बालों की ग्रोथ कम होती है। ऐसे में आप दिनभर में 1-2 कप पुदीने की चाय पी सकते हैं।
  • हल्दी: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एंड्रोजन गुण पाए जाते हैं। हल्दी का इस्तेमाल चेहरे पर बालों की ग्रोथ को कम कर सकता है। ऐसे में आप हल्दी का इस्तेमाल फेस मास्क या पेस्ट के रूप में कर सकते हैं। आप इसे चाय में मिलाकर भी पी सकते हैं।
  • चीनी और नींबू का स्क्रब: आप चेहरे के बालों को हटाने के लिए चीनी और नींबू के रस से एक नेचुरल एक्सफोलिएटिंग स्क्रब बना सकते हैं।   यह कॉम्बिनेशन बालों की ग्रोथ को धीमा करने और स्किन को हल्का करने में मदद करता है।
  • ग्रीन टी: ग्रीन टी में पॉलीफेनॉल होते हैं, जो एंड्रोजन के स्तर को कम करते हैं। ऐसे में रोजाना ग्रीन टी पीने से चेहरे के बालों को कम करने में मदद मिल सकती है।

2. मुंहासे से कैसे करें बचाव?

  • एप्पल साइडर सिरका: सेब के सिरके को एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण मुंहासों के लिए अच्छा ऑप्शन माना जाता है। इसके लिए आप सेब के सिरके को पानी में घोलकर टोनर की तरह लगा सकते हैं। यह टोनर आपकी स्किन के पीएच को बैलेंस करता है और मुहांसे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कम करता है।
  • टी ट्री ऑयल: टी ट्री ऑयल अपने एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण मुहांसों के लिए फायदेमंद साबित होता है। आप इस टी ट्री ऑयल को नारियल तेल में मिलाकर मुहांसों पर लगा सकते हैं। इससे स्किन पर नेचुरल निखार आता है।
  • एलोवेरा: एलोवेरा में सुखदायक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुहांसों के उपचार के लिए बेहतरीन होते हैं। ऐसे में ताजा एलोवेरा जेल को सीधे स्किन पर मॉइस्चराइजर की तरह लगा सकते हैं।
  • डाइट का ध्यान: मुहांसों से बचाव के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थों (जैसे मछली या अलसी से ओमेगा-3 फैटी एसिड और फलों और सब्जियों से एंटीऑक्सीडेंट) से भरपूर आहार का सेवन कर सकते हैं। पीसीओएस से ग्रस्त कुछ लोगों के लिए हाई-ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थों को कम कर सकते हैं।

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3. बालों का झड़ना (एलोपेसिया) कैसे कम करें?

  • मेथी के बीज: मेथी बालों के झड़ने की समस्या को कम कर सकती है। इसके लिए मेथी के बीजों को रात भर भिगोएं और उन्हें पीसकर पेस्ट बना लें। आपको इस पेस्ट को स्कैल्प पर लगाना है। मेथी में प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड अच्छी मात्रा में पाई जाती है, जो बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं।
  • रोजमेरी तेल: बालों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए रोजमेरी तेल से स्कैल्प की मालिश करना फायदेमंद होता है। कई शोध बताते हैं कि यह ब्लड सर्कुलेशन और बालों के रोम की एक्टिविटी को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
  • प्याज का रस: प्याज का रस बालों के लिए फायदेमंद होता है। कुछ अध्ययनों में प्याज के रस को बालों की रिग्रोथ के लिए फायदेमंद बताया गया है। इसमें सल्फर कंपाउंड होता है, जो स्कैल्प में सर्कुलेशन में सुधार कर सकते हैं और बालों के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। आप प्याज के रस को सीधे स्कैल्प पर लगाएं और लगभग 30 मिनट बाद सिर धोएं।  

ओवरऑल लाइफस्टाइल में बदलाव

  • बैलेंस डाइट: आपको फाइबर से भरपूर, रिफाइंड शुगर और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए। बता दें कि पीसीओएस में इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या आम होती है। ऐसे में आप हार्मोन को बैलेंस करने के लिए डाइट में लीन प्रोटीन (जैसे बीन्स, नट्स और बीज), सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन कर सकते हैं। वहीं, बालों की सेहत को बनाए रखने के लिए जिंक युक्त खाद्य पदार्थों (जैसे कद्दू के बीज, बीन्स और छोले) को डाइट में शामिल करना चाहिए।
  • एक्सरसाइज पर ध्यान दें : रोजाना एक्सरसाइज करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाने, हार्मोन को संतुलित करने और स्ट्रेस के स्तर को मैनेज करने में मदद करते हैं। एक्सरसाइज करने से पीसीओएस के लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। ऐसे में आप एरोबिक एक्सरसाइज (जैसे चलना या तैरना) और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकते हैं।
  • तनाव प्रबंधन: तनाव पीसीओएस के लक्षणों (जैसे मुंहासे और बालों का झड़ना) को खराब कर सकता है। ऐसे में आप ध्यान, योग, गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज और पर्याप्त नींद लेने जैसी एक्टिविटी का अभ्यास कर सकते हैं। इससे ओवरऑल हेल्थ को फायदा होता है।

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बता दें कि पीसीओएस को नेचुरली मैनेज करने के लिए आपको वजन पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार किया जा सकता है। साथ ही, ऊपर बताई टिप्स से हार्मोन लेवल को संतुलित करने में मदद मिल सकती है। ये टिप्स पीसीओएस के लक्षणों को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकते हैं। 

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