
Hypertensive Heart Disease: हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज, हृदय से संबंधित उन बीमारियों को कहा जाता है, जो हाई बीपी को सही तरह से मैनेज न करने के कारण होती हैं। असल में, जब किसी को लंबे समय से हाई बीपी होता है और वह सही तरह से संतुलित नहीं होता है, तो ऐसे में हार्ट को अतिरिक्त मेहनत करने पड़ती है, जिससे हार्ट मसल्स थिक यानी मोटी हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में हार्ट के लिए ब्लड पंप करना दिनों दिन मुश्किल हो जाता है और वह प्रभावशाली तरीके से काम नहीं कर पाता है। ऐसे में व्यक्ति को हार्ट अटैक, कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। इन्हें ही हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज कहा जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज होने पर किस तरह के लक्षण नजर आते हैं और इसका इलाज क्या हो सकता है। इस बारे में सभी जरूरी बातें जानने के लिए हमने नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr. Consultant - Cardiology डॉ. अमित हांडा से बात की।
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हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज के लक्षण- Hypertensive Heart Disease Symptoms
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सीने में दर्दः हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज होने पर मरीज को सीने में दर्द, भारीपन और टाइटनेस महसूस हो सकती है। ऐसा अक्सर तब होता है, जब व्यक्ति किसी तरह की शारीरिक गतिविधियां कर रहा है।
सांस फूलने की दिक्कतः हार्ट से जुड़ी हर बीमारी में आपने देखा होगा कि सांस फूलने की समस्या हो जाती है। ऐसा ही हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज में भी होता है। अगर हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज से ग्रस्त मरीज कोई वर्कआउट करते हैं, जिससे हार्ट पर दबाव बनता है। इस स्थिति में सांस फूलने की दिक्क्त देखी जा सकती है।
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दिल का अनियमित धड़कनाः हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज के मरीजों में दिल तेजी से और अनियमित धड़क सकता है। ऐसा एनर्जी की कमी की वजह से या थोड़ी-सी थकान के कारण देखा जा सकता है।
सूजनः हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज के कारण पैर, फुट और एड़ी में सूजन आ जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इन हिस्सों में अतिरिक्त मात्रा में फ्लूइड जमा हो जाता है।
चक्कर आनाः हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज के मरीजों में चक्कर आना, सिर घूमना भी लक्षणों में शामिल है। कभी-कभी सिर इतना ज्यादा घूमता है कि व्यक्ति बेहोश हो जाता है।
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हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज का इलाज- Hypertensive Heart Disease Treatment
वैसे तो हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज के ट्रीटमेंट के लिए कई चीजें जिम्मेदार होती हैं। इसमें लाइफस्टाइल और डाइट से जुड़े बदलाव भी शामिल हैं। वहीं, मेडिकल ट्रीटमेंट की बात करें, तो डॉक्टर मरीज की जांच सही इलाज का निर्णय लेते हैं। इसमें कोरोनरी एंजियोप्लास्टी, कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी, इंप्लांटेबल डिवाइस आदि ट्रीटमेंट के विकल्प मौजूद हैं। ध्यान रखें कि डॉक्टर मरीज की स्थिति को देखते हुए उसके बॉडी की जरूरत के हिसाब से सही फैसला करते हैं। इसलिए, बहुत जरूरी है कि हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज के मरीज अपने स्वास्थ्य को लेकर जरा भी लापरवाही न करें।
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FAQ
हाइपरटेंशन का मुख्य कारण क्या है?
हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी का मुख्य कारण खराब जीवनशैली, खानपान की बुरी आदतें, धूम्रपान और शराब का सेवन करना हैं। इसके साथ-साथ कुछ मेडिकल कंडीशन भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं, जैसे किडनी की बीमारी, डायबिटीज, हार्मोनल असंतुलन, और स्लीप एपनिया।हाइपरटेंशन को कैसे खत्म करें?
हाइपरटेंशन को खत्म नहीं किया जा सकता है। हां, एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट, पयार्सप्त नींद, स्ट्रेस मैनेजमें, शराब और धूम्रपान न करने की मदद से इसे मैनेज जरूर किया जा सकता है। वैसे अगर किसी को हाइपरटेंशन है, तो उन्हें डॉक्टर से अपना ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। कई बा हाइपरटेंशन को मैनेज करने के लिए डॉक्टर द्वारा दी गई दवा अधिक कारगर होती है।हार्ट की बीमारी का पता कैसे लगे?
हार्ट से संबंधित बीमार होने पर कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे सीने में दर्द या बेचैनी, सांस फूलना, चक्कर आना, अनियमित दिल की धड़कन, थकान आदि।
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Dec 24, 2025 12:52 IST
Published By : Meera Tagore