Asthma and Heart Disease: जब किसी व्यक्ति को एक साथ अस्थमा और हार्ट की बीमारी हो जाती है, तो उसकी सेहत को डबल चुनौती का सामना करना पड़ता है। अस्थमा जहां फेफड़ों की एक क्रॉनिक बीमारी है, वहीं हार्ट डिजीज हार्ट की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है। इन दोनों बीमारियों के साथ जीना केवल फिजिकल ही नहीं बल्कि मेंटल स्ट्रेस को भी बढ़ा देता है। सांस लेने में तकलीफ और छाती में दर्द या भारीपन जैसी शिकायतें रोजमर्रा की जिंदगी को मुश्किल बना देती हैं। खास बात यह है कि दोनों बीमारियों के लक्षण कई बार एक जैसे दिखते हैं, जिससे लोग भ्रम में पड़ जाते हैं और सही समय पर इलाज नहीं ले पाते। मौसम में बदलाव, वायु प्रदूषण, स्ट्रेस, धूम्रपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल इन दोनों बीमारियों को और गंभीर बना सकते हैं। ऐसे में सही जानकारी, समय पर डायग्नोसिस और लगातार मेडिकल सुपरविजन बेहद जरूरी हो जाता है। हर साल 6 मई को विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day 2025) मनाया जाता है, ताकि अस्थमा के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल हो सके। इसी कड़ी में यह लेख आगे बताएगा कि इस स्थिति में क्या लक्षण दिखाई देते हैं, कारण क्या हो सकते हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि मरीज की जिंदगी बेहतर और सुरक्षित रह सके। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के पल्स हॉर्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शुक्ला से बात की।
अस्थमा और हार्ट डिजीज का क्या कनेक्शन है?- Relation Between Asthma and Heart Disease
अस्थमा और हार्ट डिजीज का गहरा कनेक्शन है क्योंकि दोनों ही बीमारियां शरीर के ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम को प्रभावित करती हैं। अस्थमा होने पर, फेफड़ों में सूजन के कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इससे हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ता है। वहीं, हार्ट डिजीज में ब्लड फ्लो प्रभावित होता है, जिससे फेफड़ों में फ्लूइड जमा हो सकता है और अस्थमा के लक्षण बिगड़ सकते हैं। दोनों बीमारियां साथ होने पर सांस फूलना, थकान और सीने में दर्द जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं और मरीज को खास देखभाल की जरूरत होती है।
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अस्थमा और हार्ट डिजीज के साथ जुड़े लक्षण- Asthma and Heart Disease Symptoms
- तेज सांस चलना या सांस लेने में तकलीफ होना
- सीने में जकड़न या भारीपन महसूस होना
- जल्दी थकान महसूस होना
- पैरों या टखनों में सूजन होना
- दिल की धड़कनों का अनियमित या तेज होना
- सोते समय सांस उखड़ना या खांसी आना
दोनों बीमारियों के लक्षणों में समानता होने के कारण कभी-कभी मरीज को भ्रम हो सकता है। इसलिए लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
अस्थमा और हार्ट की बीमारी साथ होने के कारण- Causes of Having Both Asthma and Heart Disease
- जो लोग धूम्रपान करते हैं, उन्हें फेफड़ों और हार्ट से संबंधित बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
- मोटापा या ज्यादा वजन से सांस की नली पर दबाव बनाता है और हार्ट पर भी दबाव बनता है। इससे अस्थमा और हार्ट डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
- देर से सोना, खराब खानपान और स्ट्रेस इस स्थिति को बिगाड़ते हैं।
- फेफड़ों के साथ-साथ हार्ट की धमनियों को भी नुकसान पहुंचाता है।
- जेनेटिक फैक्टर के कारण अस्थमा और हार्ट की बीमारी का खतरा होता है। अगर परिवार में किसी को ये समस्याएं रही हैं, तो जोखिम बढ़ जाता है।
अस्थमा और हार्ट की बीमारी साथ होने के जोखिम- Risks of Having Both Asthma and Heart Disease
जब अस्थमा और हार्ट डिजीज दोनों साथ हो जाएं, तो मरीज को हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और ऑक्सीजन की कमी का खतरा ज्यादा होता है। अस्थमा का अटैक, हार्ट पर ज्यादा दबाव डाल सकता है, वहीं हार्ट की समस्या फेफड़ों में फ्लूइड जमा करने का कारण बन सकती है जिससे सांस लेना और मुश्किल हो जाता है। ऐसे मरीजों को अचानक चक्कर आना, बेहोशी या सीने में तेज दर्द की स्थिति में तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए।
अस्थमा और हार्ट की बीमारी से बचाव कैसे करें?- How to Prevent Asthma and Heart Disease
- कार्डियोलॉजिस्ट और पल्मोनोलॉजिस्ट दोनों की निगरानी में रहकर रेगुलर मेडिकल चेकअप कराएं।
- बीपी, हार्ट रेट और ऑक्सीजन लेवल की नियमित जांच करें।
- एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और प्रदूषण वाले इलाकों में जाने से बचें।
- हल्की एक्सरसाइज और ब्रीदिंग तकनीकों की मदद ली जा सकती है।
- मानसिक तनाव से हार्ट और अस्थमा दोनों बिगड़ सकते हैं। ध्यान और रिलैक्सेशन पर फोकस बढ़ाएं।
अगर आपको या आपके किसी परिजन को यह अस्थमा और हार्ट डिजीज जैसी डबल हेल्थ कंडीशन है, तो प्रोफेशनल मेडिकल गाइडेंस अपनाना ही सबसे अच्छा रास्ता है।
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FAQ
क्या अस्थमा में दिल की धड़कन बढ़ जाती है?
हां, अस्थमा अटैक के दौरान सांस की तकलीफ और ऑक्सीजन की कमी के कारण शरीर में तनाव बढ़ता है, जिससे दिल की धड़कन तेज हो सकती है।हृदय रोग और अस्थमा में क्या अंतर है?
अस्थमा फेफड़ों की बीमारी है जिसमें वायुमार्ग सिकुड़ जाते हैं, जबकि हृदय रोग हार्ट और ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है। दोनों के लक्षण मिलते-जुलते हो सकते हैं लेकिन कारण और इलाज अलग होते हैं।अस्थमा में कौन सा टेस्ट किया जाता है?
अस्थमा की पुष्टि के लिए स्पाइरोमीट्री टेस्ट किया जाता है, जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता को चेक किया जाता है। इसके अलावा पीक फ्लो मीटर और एलर्जी टेस्ट भी किए जाते हैं।