खानपान और जीवनशैली के कारण आज के समय में तमाम ऐसी बीमारियां हैं जो लोगों में तेजी से बढ़ रही हैं। दिल से जुड़ी बीमारियां भी ज्यादातर लोगों में असंतुलित खानपान और उनकी खराब जीवनशैली के कारण हो रही हैं। हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं भी खानपान और जीवनशैली से जुड़े कारकों की वजह से लोगों में हो सकती हैं। कोरोनरी हार्ट डिजीज जैसे आर्टरी में ब्लॉकेज, हृदय वाल्व में खराबी आदि भी ज्यादातर लोगों में खानपान की जुड़ी गलत आदतों और शारीरिक गतिविधि न करने के कारण हो रही हैं। इसके अलावा दिल से जुड़ी कई ऐसी गंभीर बीमारियां भी हैं जो हर साल लगभग सैकड़ों लोगों को प्रभावित करती हैं लेकिन लोग इसके बारे में बिलकुल अनजान रहते हैं। दरअसल दिल से जुडी कुछ गंभीर और दुर्लभ बीमारियां आनुवांशिक और हृदय से जुडी स्थितियों के कारण होती हैं। चूंकि ये बीमारियां काफी दुर्लभ हैं यानी बहुत कम लोगों में इसके लक्षण देखे जाते हैं इसलिए लोगों को इन बीमारियों के बारे में जानकारी बहुत कम है। आज हम आपको दिल से जुड़ी ऐसी ही 7 दुर्लभ बीमारी या समस्या के बारे में बताने जा रहे हैं जो बहुत कम लोगों में होती हैं लेकिन इन्हें काफी गंभीर माना जाता है। आइये जानते हैं इनके बारे में।
दिल से जुड़ी 7 दुर्लभ बीमारियां और उनके लक्षण (7 Most Rare Heart Disease And Their Symptoms)
दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों के बारे में जागरूकता होने से आप इन स्थितियों के लक्षणों को पहचानकर सही समय पर इनके इलाज के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में अब कम उम्र के लोगों में भी दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है और इसके पीछे खानपान, जीवनशैली और आनुवांशिक कारकों को जिम्मेदार माना जा रहा है। गोंडा जिला अस्पताल में कार्यरत सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आर के यादव के मुताबिक दिल से जुड़ी कुछ गंभीर स्थितियां ऐसी भी हैं जिनके बारे में लोगों को बिलकुल भी जानकारी नहीं है। हालांकि कई ऐसी बीमारियां भी होती हैं जो काफी दुर्लभ हैं और इनके मामले बहुत कम आते हैं इसकी वजह से भी लोगों में इन बीमारियों या समस्याओं के प्रति उतनी जागरूकता नहीं है। आज के समय में 6000 से अधिक ज्ञात दुर्लभ बीमारियां हैं जिनमें से कुछ दिल और रक्त संचार प्रणाली को प्रभावित करती हैं। ये बीमारियां दुनियाभर के लगभग 5 प्रतिशत लोगों में देखी जाती हैं। आइये जानते हैं ऐसी दुर्लभ बीमारियों के बारे में।
इसे भी पढ़ें : हार्ट अटैक या सडेन कार्डियक अरेस्ट से जान बचाने में कितनी कारगर है सीपीआर (CPR) तकनीक
1. कार्डियक सिंड्रोम X (Cardiac Syndrome X)
कार्डियक सिंड्रोम X दिल से जुड़ी एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है और यह समस्या ज्यादातर एंजाइना और सीने में दर्द का अनुभव करने वाले लोगों में होती हैं। इस बीमारी के बारे में किये गए शोध और रिपोर्ट्स के मुताबिक सीने में गंभीर दर्द करने वाले मरीजों में अध्ययन के बाद इस बीमारी के बारे में पता चला था। तमाम शोध और अध्ययन के बाद 1973 में डॉ हार्वे केम्प ने इस बीमारी को "सिंड्रोम एक्स" शब्द दिया, जो बाद में "कार्डियक सिंड्रोम एक्स" के रूप में जाना जाने लगा। इसे अब आमतौर पर माइक्रोवैस्कुलर एनजाइना के रूप में जाना जाता है, और इस बीमारी में हृदय में मौजूद छोटी धमनियों में असामान्यता देखी जाती है।
लक्षण -
- सीने में गंभीर दर्द
- एंजाइना
- धमनियों में दिक्कत
2. प्रिंजमेंटल एंजाइना (Prinzmetal Angina)
हृदय में रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं में ऐंठन और सामान्य रक्त प्रभाव के बाधित होने की समस्या को प्रिंजमेंटल एंजाइना कहते हैं। यह दिल से जुड़ी एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है। यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। इस बीमारी का नाम अमेरिकी डॉक्टर मायरोन प्रिंजमेटल के नाम पर रखा गया है। ज्यादातर लोगों में यह समस्या असंतुलित खानपान और कोरोनरी हार्ट डिजीज की वजह से होती है।
लक्षण -
- सीने में गंभीर दर्द
- रक्त वाहिकाओं में ऐंठन की वजह से बेहोशी
- हार्ट अटैक
इसे भी पढ़ें : दिल की गंभीर समस्या है 'सडेन कार्डियक अरेस्ट', एक्सपर्ट से जानें इसके कारण और बचाव के टिप्स
3. बार्लो सिंड्रोम (Barlow’s Syndrome)
माइट्रल वाल्व के एक या अधिक फ्लैप फ्लॉपी और इनके ठीक से बंद न होने की स्थिति को बार्लो सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का हृदय वाल्व रोग है, जो माइट्रल वाल्व को प्रभावित करता है। 1966 में दक्षिण अफ्रीका के प्रोफेसर जॉन ब्रेरेटन बार्लो ने इस समस्या के बारे में जानकारी इकठ्ठा की थी और उनके नाम पर ही इस समस्या को बार्लो सिंड्रोम नाम दिया गया। इस बीमारी को कैनरी सिंड्रोम भी कहा जाता है।
लक्षण -
- अनियमित दिल की धड़कन (अतालता)
- चक्कर आना या हल्कापन
- सांस लेने में कठिनाई
- थकान
- छाती में दर्द
4. एबस्टीन एनोमली (Ebstein’s Anomaly)
दिल से जुड़ी इस गंभीर और दुर्लभ स्थिति का नाम जर्मन डॉक्टर विल्हेम एबस्टीन के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने पहली बार 1866 में इस समस्या के बारे में जानकारी दी थी। एबस्टीन एनोमली एक जन्मजात यानी जन्म के समय से ही होने वाली समस्या है जिसमें हार्ट वाल्व (दाएं आलिंद और दाएं वेंट्रिकल के बीच ट्राइकसपिड वाल्व) में से एक ठीक से नहीं बनता है। इसकी वजह से हार्ट में ब्लड लीकेज की समस्या हो सकती है।
लक्षण -
- सांस लेने में समस्या
- थकान
- दिल की धड़कन का असामान्य होना
- कम ऑक्सीजन (सायनोसिस) के कारण होठों और त्वचा का नीला पड़ना
इसे भी पढ़ें : शरीर में मैग्नीशियम की कमी से हो सकती हैं दिल से जुड़ी ये गंभीर बीमारियां, जानें बचाव
5. ईसेनमेंजर सिंड्रोम (Eisenmenger Syndrome)
ईसेनमेंजर सिंड्रोम भी एक जन्मजात बीमारी है जिसमें दाएं और बाएं हृदय में से एक में असामान्यता देखने को मिलती है। यह समस्या दिल के कक्षों के बीच में एक छेद होने की वजह से होती है।
लक्षण -
- अत्यधिक थकान
- सांस लेने में तकलीफ
- ब्लड प्रेशर का बढ़ना
- चक्कर आना और सीने में दर्द
6. टेट्रालजी ऑफ फॉलोट (Tetralogy Of Fallot)
साल 1888 में फ्रांसीसी डॉक्टर एटियेन-लुई आर्थर फॉलोट ने इस समस्या की खोज की थी। टेट्रालॉजी ऑफ फैलोट एक जन्मजात हृदय की बीमारी है जो तब होती है जब बच्चे दिल के चार संरचनात्मक दोषों के साथ पैदा होते हैं। इस समस्या के साथ पैदा होने वाले बच्चों में ये दोष जन्म से मौजूद होते हैं।
- पल्मोनरी स्टेनोसिस
- ओवरराइडिंग महाधमनी
- वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट
लक्षण -
- रक्त में ऑक्सीजन के निम्न स्तर (सायनोसिस) के कारण त्वचा का नीला पड़ना
- सांस की तकलीफ
- वजन बढ़ना।
- खेलने या व्यायाम के दौरान आसानी से थक जाना
- चिड़चिड़ापन
- लंबे समय तक रोना
- बेहोशी
इसे भी पढ़ें : युवाओं में दिल की बीमारी की ओर संकेत करते हैं ये 5 लक्षण, जानें कैसे रखें हार्ट को हेल्दी
7. कोनिस सिंड्रोम (Kounis Syndrome)
कोनिस सिंड्रोम एनजाइना से जुड़ी हुई समस्या है और इसे एलर्जी की प्रतिक्रिया की वजह से होने वाला हार्ट अटैक भी कहा जाता है। कोनिस सिंड्रोम को ग्रीक हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर निकोलस जी कोनिस के नाम पर रखा गया है।
लक्षण -
- धमनियों में ऐंठन
- दिल की धड़कन का अनियमित होना
- सांस लेने में दिक्कत
- उल्टी
दिल की गंभीर बीमारियों से बचाव के उपाय (Heart Disease Prevention Tips)
असंतुलित खानपान और बदलती जीवनशैली के कारण ज्यादातर भारतीय आबादी दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रही है। इससे बचाव के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- तनाव और चिंता की समस्या बढ़ने पर एक्सपर्ट डॉक्टर से इलाज जरूर कराएं।
- खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
- अल्कोहल के सेवन से बचें।
- स्मोकिंग की लत को छोड़ें।
- जंक फूड्स या प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें।
- चीनी और साल्ट के सेवन से भी परहेज रखें।
- हार्ट के लिए फायदेमंद ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।
- रोजाना एक्सरसाइज या योग जरूर करें।
- सकारात्मक दृष्टिकोण (पॉजिटिव थिंकिंग) बनाए रखें, इससे स्ट्रेस को दूर करने में फायदा मिलेगा।
- लक्षण दिखने पर लापरवाही न बरतें।
- समय-समय पर हार्ट हेल्थ की जांच कराएं।
इसे भी पढ़ें : कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ क्या है और कोविड से बचाव के लिए क्यों जरूरी है इस पर ध्यान देना? जानें डॉक्टर से
ऊपर बताई गयी दिल से जुड़ी गंभीर स्थितियां गंभीर और दुर्लभ मानी जाती हैं। दिल की बीमारियों से बचाव के लिए आपको खानपान और अपनी जीवनशैली पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
(All Image Source - Freepik.Com)