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हार्ट अटैक या सडेन कार्डियक अरेस्ट से जान बचाने में कितनी कारगर है सीपीआर (CPR) तकनीक?

हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की समस्या में सीपीआर यानि कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन तकनीक बहुत उपयोगी मानी जाती है, जानें इसके बारे में।

Prins Bahadur Singh
Written by: Prins Bahadur SinghUpdated at: Oct 22, 2021 17:15 IST
हार्ट अटैक या सडेन कार्डियक अरेस्ट से जान बचाने में कितनी कारगर है सीपीआर (CPR) तकनीक?

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आज के समय में असंतुलित खानपान और जीवनशैली के कारण दिल से जुड़ी समस्याओं के मरीजों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है। दिल से जुड़ी गंभीर समस्याएं जैसे हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले युवा लोगों में भी देखे जा रहे हैं। हार्ट अटैक ऐसी समस्या है जिसमें मरीज को बचने की उम्मीद अधिक रहती है अगर उन्हें सही समय पर उन्हें इलाज मिल जाए लेकिन कार्डियक अरेस्ट आने पर तुरंत उपचार न मिलने पर मरीज के बचने की संभावना कम हो जाती है। डॉ. तिलक सुवर्णा, सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट कहते हैं कि कई बार ऐसा होता है कि मरीजों को शुरुआत इलाज न मिलने के कारण जान गंवानी पड़ जाती है। इन स्थितियों में मरीजों को सीपीआर (CPR) देकर बचाया जा सकता है। सीपीआर यानि कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (Cardiopulmonary Resuscitation) की प्रक्रिया आती है तो आती है तो आप इस फर्स्ट एड तकनीक को आजमाकर किसी की जान बचा सकते हैं। आइये जानते हैं यह तकनीक हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के लिए कैसे फायदेमंद है?

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की समस्या में सीपीआर है रामबाण

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(image source - freepik.com)

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट ऐसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति है जिसमें मरीजों को तुरंत किसी भी प्रकार के प्रभावी फर्स्ट ऐड ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। गोंडा जिला अस्पताल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आर के यादव बताते हैं कि सीपीआर यानि कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (Cardiopulmonary Resuscitation) की प्रक्रिया के बारे में जानकारी रखने से आप अस्पताल के बाहर मरीजों को ऐसी स्थिति आने पर फर्स्ट ऐड दे सकते हैं। कार्डियक अरेस्ट की समस्या को बहुत गंभीर माना जाता है और ऐसी स्थिति में आपको मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत होती है लेकिन अगर अस्पताल पास में ही मौजूद नहीं है तो उसे तुरंत सीपीआर दिया जाना चाहिए। हमारे हृदय का काम रक्त को पंप करना होता है। हार्ट अटैक की स्थिति में हृदय काम करना बंद कर देता है ऐसे में शरीर के अन्य अंगों तक रक्त की आपूर्ति के लिए आपको मरीज को सीपीआर  (कार्डियोपल्मोनरी रिसोसिटेशन) देना चाहिए। सीपीआर में व्यक्ति के सीने को दबाना और मुंह से उसे सांस देना होता है। यह शरीर और दिमाग को ऑक्सीजन देने में सहायता करता है।

कैसे दिया जाता है सीपीआर?

डॉ. तिलक सुवर्णा के मुताबिक सीपीआर के माध्यम से मरीज के हृदय को एक्टिव करना होता है। हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में हृदय काम करना बंद कर देता है जिसकी वजह से शरीर में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है। सडेन कार्डियक अरेस्ट आने पर मरीज के हार्ट को दोबारा काम करने के लिए एक्टिव करना होता है। ऐसे में आप  मरीज को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिसोसिटेशन दे सकते हैं। सीपीआर को हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की समस्या में रामबाण माना जाता है। आपने अगर सीपीआर का प्रशिक्षण नहीं लिया है तो आप इन स्टेप्स को फॉलो कर आपातकालीन स्थिति में चैस्ट कंप्रेशन्स के साथ सीपीआर कर सकते हैं।

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  • सबसे पहले जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक आया है, उसे समतल जगह पर लिटाएं।
  • अब व्यक्ति के सीने के पास बैठकर अपनी एक हथेली उसके छाती के बीच में रखें।
  • दूसरी हथेली, पहली हथेली के ऊपर रखें।
  • इस स्थिति में अपनी कोहनी को सीधा रखें।
  • अब व्यक्ति के सीने के 5-6 सेन्टीमीटर के हिस्से को अपने शरीर का भार देकर जल्दी-जल्दी दबाएं।
  • सीने को दबाते समय आपकी स्पीड एक मिनट में कम से कम 100 से 120 बार की होनी चाहिए।
  • सीने को दबाते हुए हर 30 बार के बाद मरीज को मुंह से ऑक्सीजन दें।
  • मुंह से ऑक्सीजन देते समय व्यक्ति की नाक बंद कर लें।
  • इस बीच ध्यान दें कि आपके सांस देने के दौरान व्यक्ति की छाती ऊपर उठ रही है।

मरीज सीपीआर देते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस दौरान अगर मरीज की छाती अगर ऊपर नहीं उठ रही है तो उसे अपनी गोद में रखकर मुहं से दोबारा ऑक्सीजन दें। इसके अलावा सीपीआर के लिए तीन और पांच का अनुपात होना चाहिए। इसमें आपको पांच बार हार्ट की पेसिंग और तीन बार सांस देना चाहिए। सही ढंग से सीपीआर देने से आप हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट ही नहीं बिजली के झटके लगने और पानी में डूबने के बाद दिल की गति रुकने की समस्या में भी मरीज की जान बचा सकते हैं।

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