
What is Alexander Disease: किसी काम करते समय यदि आपको स्ट्रेस और थकान ज्यादा हो रही है तो यह एक बड़ी परेशानी का भी संकेत हो सकता है। कई तरह न्यूरोलॉजिक्ल समस्याएं होने पर आपको सिरदर्द और काम में फोकस न करने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। इस तरह एक अक्लेक्जेंर रोग एक दुर्लभ समस्या है। इसमें नर्वस सिस्टम को सुरक्षित करने वाले माइलिन को नुकसान पहुंचता है। माइलिन वसायुक्त सफेद रंग का पदार्थ होता है, जो मस्तिष्क से पूरे शरीर में संकेतों को भेजने में मदद करता है। इसकी वजह से बच्चों की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है। साथ ही, उनको अन्य समस्याओं का भी जोखिम बना रहता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर एस पी सिंह से जानते हैं कि अक्लेक्जेंडर रोग के कारण और लक्षण क्या हो (Alexander Disease Causes And Symptoms) सकते हैं?
अलेक्जेंडर रोग क्या होता है? - What Is Alexander Disease In Hindi
अलेक्जेंडर रोग एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार है, जो दिमाग के सफेद पदार्थ यानी माइलिन को नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें रोगी के ब्रेन में में माइलिन (myelin) की परत ठीक से निर्मित नही हो पाती है। इसकी वजह से न्यूरॉन्स के द्वारा सिंग्नल्स भेजने की प्रवृति में बदलाव आ सकता है। यह रोग ज्यादातर बच्चों में देखने को मिलता है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति गंभीर रूप धारण कर सकती है।
अलेक्जेंडर रोग में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? - Symptoms Of Alexander Disease In Hindi
इस रोग के लक्षण व्यक्ति की आयु और रोग की गंभीरता के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। जिनको आगे विस्तार से बताया गया है।
- रोगी को कमजोरी महसूस होती है।
- किसी चीज को याद रखने में समस्या होना।
- अलेक्जेंडर रोग में बच्चों को मिर्गी होने की समस्या हो सकती है।
- व्यक्ति को चलने में कठिनाई हो सकती है।
- बच्चे को बोलने और आंखों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, आदि।
अलेक्जेंडर रोग होने के क्या कारण हो सकते हैं? - Causes Of Alexander Disease In Hindi
व्यकित के जीन्स में होने वाले म्यूटेशन के कारण यह समस्या हो सकती है। म्यूटेशन की वजह से ब्रेन ग्लियरल सेल्स और माइलिन की परत प्रभावित हो सकती है। इस रोग की यह एक मुख्य वजह मानी जाती है।
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What is Alexander Disease: अलेक्जेंडर रोग का फिलहाल कोई निश्चित इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि डॉक्टर इस रोग के लक्षण को कम करने और मरीज की लाइफस्टाइल में सुधार करने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा, फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी और सपोर्टिव केयर की मदद ली जा सकती है। इस तरह के लक्षण महसूस होने पर व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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