
हमारा शरीर अगर स्वस्थ रहता है तो हम अपने बाकी काम करने के लिए सक्षम होते हैं। लेकिन अगर हमारे मस्तिष्क से जुड़ी परेशानी हमारे जीवन पर प्रभाव डालने लगे तो व्यक्ति को कई अन्य समस्याओ का सामना करना पड़ता है। वैसे ही जब किसी को मिर्गी के दौरे पड़ते से तो वह अपने आपको डरा हुआ महसूस करता है। मिर्गी को फिट के नाम से भी जानते हैं। यह बीमारी व्यक्ति के मस्तिष्क को प्रभावित करती है। यब बीमारी किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है। यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर परेशानी होती है, यानि की (nerve cell) संबंधी बीमारी। इसमें तंत्रिका (nerve cell) की कार्यप्रणाली में रुकावट आने लगती है जिसके वजह से व्यक्ति को मिर्गी के दौरे पड़ने लगते हैं। मिर्गी एक ऐसा बीमारी है जिसका सही तरीके से इलाज न होने पर यह बीमरी फिर से कुछ समय बाद दोबारा उभर सकती है। इसलिए ऐसे में मीर्गी के मरीजों को रूटीन चेकअप करवाते रहना चाहिए। आइए जानते हैं क्या है मिर्गी के लक्षण, और उपाय।
मिर्गी के लक्षण
- शरीर अकड़ जाए
- अचानक से कापते हुए गिर जाना
- आंखों के सामने अंधेरा छा जाना
- मुंह से झाग आना
- हाथ-पैर जोर-जोर से पटकना
- कांपते हुए पेशाब निकल जाना
- आंखों की पुतलियां ऊपर कर लेना
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क्यों पड़ता है मिर्गी का दौरा?
- जब व्यक्ति बेहद तनाव में होता है
- अपनी दवाई लेना भूल जाता है
- अच्छे से नींद ना लेना
- ज्यादा शराब का सेवन करना
- हॉर्मोंस में बदलाव आना
- एक दम से ब्लड शुगर का गिर जाना
- स्ट्रोक
- ब्रेन टयूमर
- जन्म दोष
- सिर में चोट लगना
- ब्लड प्रेशर का कम होना
- बेहद तेज रोशनी में आना इत्यादि
मिर्गी के प्रकार
मिर्गी का बीमारी को इस तरह से बांटा जा सकता है:
- सामान्यीकृत मिर्गी (Generalized Epilepsy)
- आंशिक (फोकल) मिर्गी (Partial (focal) Epilepsy)
- एब्सेंस सीज़र (Absence Seizures)
- जटिल आंशिक सीज़र (Complex Partial Seizures)
मिर्गी का इलाज
विटामिन का सेवन
मिर्गी के समस्या को कम करने के लिए विटामिन फायदेमंद होते हैं। लेकिन इसके साथ आपको अपने अन्य दवाई भी लेनी होगी। क्योंकि दवा को बीच में छोड़ देने से मिर्गी का दौरा फिर से पड़ सकता है। इसलिए इलाज पूरा कराना जरूरी है और समय-समय पर डॉक्टर से चेकप भी कराएं।
अपनी डाइट पर ध्यान रखें
हमारा आहार सेहत पर असर डालता है। ऐसे में मिर्गी का परेशानी में भी खान-पान में बदलाव जरूरी है, जिससे इस परेशानी से निजात पा सकें। इसलिए अपनी डाइट में लो कब्ज और लो प्रोटीन वाले आहार लें, क्योंकि इससे मिर्गी के मरीजों को दौरे कम पड़ते हैं।
मस्तिष्क को कंट्रोल रखना
जिन लोगों को मिर्गी के दौरे आते हैं उनके लिए अपने मस्तिष्क पर पर कंट्रोल रखना चाहिए। योग करना सेहत के लिए लाभकारी होता है तो आप इस परेशानी को दूर रखने के लिए योग का सहारा ले सकते हैं और अपने आप को किसी काम में व्यस्त रखें। लेकिन इन सबके बीच अपना दवा ले जारी रखें।
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मिर्गी की समस्या को कम करने के लिए समय पर दवा लेना जरूरी है, क्योंकि इस परेशानी को दूर करने के लिए सही तरीके से इलाज की जरूत होती है। अगर किसी ने अपना इलाज बीच में यह सोचकर छोड़ दिया है कि वह ठीक हो गए तो ऐसे ना करें क्योंकि कुछ समय बाद इसका दैरा फिर पड़ सकता है।
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