योग से सेहत को अनेकों फायदे मिलते हैं। योग से न केवल वजन कम होता है बल्कि यह चिकित्सा विज्ञान का भी हिस्सा है। इससे आपको ठण्ड के मौसम में जिस गर्मी की जरुरत होती है वह मिलती है। यह खासकर उनके लिए होता है जो ठण्ड के मौसम को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। सर्दियों की शुरुआत कई सारी परेशानियों के साथ होती है। हम अक्सर इस दौरान लगातार बीमार होते हैं और आलसी बन जाते हैं और सबसे महत्वपूर्ण चीज हम एक्सरसाइज करना छोड़ देते है। यह जरूरी है कि सर्दियों के मौसम में भी एक्सरसाइज करना जारी रखा जाए लेकिन आलस की वजह से हम अपने वर्कआउट को रेगुलर नहीं करते हैं।
सर्दियों के समय में योग से स्वस्थ आदत बन सकती है। जैसे पर्याप्त पानी पीना, रेगुलर एक्सरसाइज या फ्रेश एयर लेना आदि। उदाहरण के तौर पर काम से कम 5 मिनट का ब्रेक लेना, थोड़े समय के लिए योग की प्रैक्टिस से सांसों में ताजापन लाया जा सकता है, जितना संभव हो सके, योग करें। जैसे कि सांस अंदर ले फिर रिलैक्स करें और फिर सांस बाहर छोड़ें।
ठंड के मौसम में शरीर में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है जिससे ऑर्गन की प्रभावशीलता कम हो जाती है, शरीर का तापमान कम हो जाता है और मांसपेशियां तथा जॉइंट्स संकुचित हो जाते है। इसलिए आपको एक जगह बैठे रहने में अच्छा लग सकता है और बिस्तर पर ही रहने का मन कर सकता है। योग की प्रैक्टिस करने से आप बेहतर महसूस करेंगे। योग प्रैक्टिस से हमें आंतरिक गर्मी मिल सकती है। योग शरीर को गर्म और स्वस्थ बनाए रखता है। यह ठंड के
मौसम में शरीर और मन को कोई भी चीज करने के लिए ज्यादा कुशलता से सपोर्ट और तैयार करता है। आइए जालते हैं सर्दियों में योग करने से अद्भुत लाभों पर-
फेफेड़े के लिए
अगर आप मेट्रो शहरों में रह रहे हैं तो प्रदूषण पहले से ही आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है। सर्दियों का मौसम आने पर प्रदूषण की स्थिति और खराब हो जाती है। योग करने से श्वसन प्रणाली सुरक्षित रहती है और सांस लेने की समस्या कम होती है।
ग्लोइंग स्किन के लिए
सर्दियां और स्किन एक दूसरे की दुश्मन होती है। सर्दियां आने से स्किन सूखी और डल हो जाती है। सर्दियों में नमी की कमी ठंडी हवाएं, लो ह्यूमिडिटीए और उचित वेंटिलेशन की कमी से स्किन शुष्क और डिहाइड्रेटेड हो जाती है। योग की प्रैक्टिस करने से छोटे-छोटे छिद्र साफ हो जाते हैं। स्किन डिटॉक्स हो जाती है, कोमलता बढ़ती है और त्वचा की हाइड्रेशन बनी रहती है।
इसे भी पढ़ें- एक्सरसाइज के दौरान इलेक्ट्रोलाइट क्यों है जरूरी? बता रहे हैं एक्सपर्ट
मानसिक स्वास्थ्य हो बेहतर
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (एसएडी) जैसी मेन्टल कंडीशनए जिसे विंटर ब्लूज़ भी कहा जाता हैए यह अब कॉमन समस्या बनती जा रही है। दिमाग में मेलाटोनिन हार्मोन पीनियल ग्लैंड द्वारा बनता है और इसकी कमी से एसएडी होती है। इसमें लो, मूड, सुस्ती की भावना, थकान, भूख में बढ़ोत्तरी, और नींद न आने जैसे लक्षण शामिल हो सकते है। योग करने से ये लक्षण कम होते है और तनाव भी कम होता है।
इसे भी पढ़ें- फिट रहने के लिए वर्कआउट करना है पसंद तो जिम जाने से पहले बैग में रखें कुछ जरूरी चीज़ें
जॉइंट और मांसपेशियों के लिए योग
सर्दियों का मौसम जब शुरू होता है तो पुराने जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न आ जाती है। योग का आसन करने से सर्कुलेशन बढ़ता है। जॉइंट्स की गतिशीलता बनी रहती है और अकड़न दूर होती है। योग दर्द को कम करता है, शरीर को गर्म रखता है इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और सूजन कम होती है।
(डॉ पी वेंकट कृष्णन, इंटरनल मेडडडिन, पारस अस्पताल, गुड़गांव से बातचीत पर आधारित है।)
Read More Article On Fitness In Hindi
Read Next
कैफीन का आपकी एक्सरसाइज पर किस तरह पड़ता है प्रभाव? जानें कितनी मात्रा में कैफीन का सेवन है सही
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version