न जानें कितने दंपत्ति बच्चा नहीं होने की समस्या से परेशान हैं। इसके पीछे तनाव सबसे आम कारण है। बता दें कि इसका असर प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। काम और जीवन में संतुलन नहीं बैठ पाता है इसलिए इसका प्रभाव प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। इसके अलावा जीवनशैली, गलत खानपान और व्यायाम न कर पाने के कारण भी ये समस्या हो सकती है। और अभी तो दुनिया में कोविड ने भी अपना खौफ फैला रखा है। ऐसे में जब शरीर और मस्तिष्क दोनों गर्भधारण करने की अवस्था में नहीं होता है। इस मुश्किल से निपटने के लिए तनाव कम करना जरूरी है। इसके लिए योग एक अच्छा विकल्प है। अब सवाल ये हैं कि क्या योग से महिलाओं की फर्टिलिटी बेहतर हो सकती है? जानते हैं आगे...
इनमें कई शोध सामने आए हैं, जिनके अनुसार योग से उन महिलाओं को फायदा मिलेगा जो प्रेग्नेंट होना चाहती हैं। बता दें कि योग से उन दंपत्तियों को फायदा होता है जो माता-पिता बनना चाहते हैं। यहीं कारण होता है कि कई फर्टिलिटी क्लिनिक्स में फर्टिलिटी योग सिखाया जाता है। इनसे प्रेग्नेंसी की संभावना बढञ जाती है। जानते हैं योग के फायदे-
तनाव का कम होना
योग से तनाव कम होता है। जिन महिलाओं में कॉरटिसोल (तनाव का हॉर्मोन) ज्यादा होता है वे दूसरों के मुकाबले गर्भधारण करने में कम समर्थ होते हैं। ऐसे में गर्भधारण के लिए प्रयास कर रहे या फर्टिलिटी ट्रीटमेंट करा रहे कई दंपतियों में परेशान और तनाव में रहना स्वभाविक है। योग आपके तनाव के स्तर को कम करने में सहायक है।
योग से रक्त प्रवाह हो सही
संभावना है कि आपकी फर्टिलिटी में कोई समस्या हो, जिसके कारण आपके गर्भधारण करने में बाधा आ रही हो। योग से आपके शरीर में रक्त प्रवाह में वृद्धि होती है क्योंकि यह सभी जहरीले और नुकसानदेह पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल देता है। इससे शरीर स्वस्थ रहता है और स्वास्थ्य से संबंधित जो समस्याएं होती हैं उन्हें यह रोकता है।
हॉर्मोन का संतुलन
हॉर्मोन का असंतुलन प्रजनन से संबंधित समस्याओं के सबसे आम कारणों में से एक है। ऐसे में इसका सामान्य होना जरूरी है। योग से आपको हॉर्मोन का स्तर नियंत्रण में रखने में मदद मिलती है।
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खुद से रीकनेक्ट करें
हम अपनी रोज की जिंदगी की भाग-दौड़ में हम अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना भूल जाते हैं। योग से हम खुद के साथ रीकनेक्ट कर सकते हैं। अपनी सारी चिन्ताएं छोड़िए और सिर्फ अपने ऊपर फोकस कीजिए।
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1. पश्चिमोत्तासन : यह एक ऐसा आसन है जो आपकी पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों, हिप्स और नसों को खींचने के लिए किया जाता है। इससे मानसिक तनाव कम होता है और यह आपके शरीर की प्रजनन प्रणाली जैसे अंडाशय और पेट के लिए अच्छा है।
2. जानुशीर्षासन : इसे एक पैर आगे करके सामने की ओर झुकने वाले आसान के रूप में भी जाना जाता है। इस आसन से पिंडलियां और उसकी नसें तनती हैं तथा आपके शरीर की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
ये लेख डॉ. अनंदिता सिंह, फर्टिलिटी कंसलटेंट, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, कोलकाता से बातचीत पर आधारित है।
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