बिजनौर के रहने वाले 35 वर्षीय सोहेल खान को लगातार सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या हुई। शुरुआती जांच में कुछ पता नहीं चला, लेकिन एमआरआई में दिमाग के बाएं हिस्से में ट्यूमर नजर आया। बायोप्सी से पता चला कि यह ग्रेड 2 ग्लियोमा है। डॉक्टरों ने सर्जरी करके ट्यूमर का ज्यादातर हिस्से को हटा दिया और रेडिएशन थेरेपी दी। इलाज के बाद लक्षणों में काफी सुधार देखा गया। यह केस दर्शाता है कि समय पर लक्षणों की पहचान करके जांच कराने से ग्लियोमा जैसे गंभीर ट्यूमर को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
ब्रेन ट्यूमर सुनते ही मन में डर बैठ जाता है क्योंकि ब्रेन ट्यूमर जानलेवा हो सकता है। ग्लियोमा एक ऐसा ब्रेन ट्यूमर है जो दिमाग या रीढ़ की हड्डी की ग्लियल कोशिकाओं से बनता है। ये कोशिकाएं न्यूरॉन्स को सहारा देने और उनको बचाने का काम करती हैं। जब ये कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं, तब ग्लियोमा ट्यूमर बनता है। यह ट्यूमर धीमी गति से बढ़ने वाला भी हो सकता है और तेजी से भी। इसके लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ गंभीर बन सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि समय पर पहचान और इलाज से ग्लियोमा को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे ग्लियोमा के लक्षण, कारण और इलाज जैसी जरूरी जानकारी, ताकि आप समय रहते सतर्क हो सकें। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Dr Sunil Kumar HOD, Associate Professor & Radiation Oncologist, Hind Institute of Medical Sciences & Hospital, Barabanki, Uttar Pradesh से बात की।
ग्लियोमा क्या है?- What is Glioma
ग्लियोमा एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) है जो ग्लियाल सेल्स से बनता है। ये कोशिकाएं, दिमाग में चलने वाली प्रक्रिया को समझने में मदद करती हैं। जब इनमें असामान्य ग्रोथ होती है, तो यह ट्यूमर का रूप ले लेती है। ग्लियोमा कई ग्रेड में हो सकता है जैसे- ग्रेड 1 यानी धीमी ग्रोथ से लेकर ग्रेड 4 यानी गंभीर ग्रोथ जैसे ग्लियोब्लास्टोमा तक।
इसे भी पढ़ें- एक-दूसरे से अलग होते हैं ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन कैंसर, डॉक्टर ने बताया कौन सा है ज्यादा खतरनाक
ग्लियोमा के लक्षण- Symptoms of Glioma
ग्लियोमा के लक्षण ट्यूमर के आकार और दिमाग के प्रभावित हिस्से पर निर्भर करते हैं-
- लगातार सिरदर्द होना, खासकर सुबह के समय
- याददाश्त कमजोर होना
- मिर्गी के दौरे आना भी ग्लियोमा का लक्षण है।
- शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी या सुन्नपन होना।
- बोलने, सुनने या समझने में दिक्कत होना भी ग्लियोमा का लक्षण हो सकता है।
- मूड स्विंग्स भी अक्सर ग्लियोमा के लक्षण के रूप में देखा जाता है।
- संतुलन बनाने में परेशानी होना
इसे भी पढ़ें- क्या एयर पॉल्यूशन से बढ़ता है ब्रेन ट्यूमर का खतरा? डॉक्टर से जानें
ग्लियोमा होने के कारण- Causes Behind Glioma
डॉक्टर के मुताबिक, अब तक ग्लियोमा के सटीक कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ फैक्टर्स इसके रिस्क को बढ़ा सकते हैं-
- जेनेटिक म्यूटेशन या अनुवांशिक बदलाव होना
- रेडिएशन एक्सपोजर
- ज्यादातर मामले 45 से ऊपर की उम्र में होना
- पुरुषों में महिलाओं की तुलना में थोड़ा ज्यादा खतरा होना
- ब्रेन ट्यूमर की फैमिली हिस्ट्री होना
ग्लियोमा का पता कैसे लगाते हैं?- How is Glioma Diagnosed
ग्लियोमा की पहचान के लिए डॉक्टर इन टेस्ट को करवाते हैं-
- एमआरआई स्कैन
- शुरुआती जांच में सीटी स्कैन
- ट्यूमर की कोशिकाओं को चेक करने के लिए बायोप्सी
- ब्रेन फंक्शन और रिफ्लेक्स की जांच के लिए न्यूरोलॉजिकल एग्जामिनेशन
ग्लियोमा का इलाज कैसे होता है?- Glioma Treatment in Hindi
ग्लियोमा का इलाज ट्यूमर के ग्रेड, आकार और स्थान पर निर्भर करता है। आमतौर पर इन विकल्पों का इस्तेमाल किया जाता है-
- ट्यूमर को सर्जरी की मदद से हटाया जाता है।
- बची हुई कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए रेडिएशन थेरेपी दी जाती है।
- दवाओं की मदद से कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए कीमोथेरेपी दी जाती है।
- सर्जरी के बाद रिकवरी के लिए फिजियोथेरेपी की मदद ली जाती है।
ग्लियोमा से बचाव संभव है?- Can Glioma Be Prevented
ग्लियोमा को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, लेकिन कुछ आदतें अपनाकर इसके खतरे को कम किया जा सकता है-
- मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का सीमित इस्तेमाल करना।
- हेल्दी डाइट और नियमित एक्सरसाइज करना।
- समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाना।
- रेडिएशन से बचाव करना।
ग्लियोमा एक गंभीर स्थिति है, लेकिन लक्षणों को पहचानकर मरीज को जोखिम से बचाया जा सकता है। अगर आपको बार-बार सिरदर्द, दौरे या भूलने जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
image credit: news-medical.net
FAQ
ग्लियोमा सर्जरी के बाद क्या होता है?
सर्जरी के बाद मरीज को कुछ समय तक निगरानी में रखा जाता है। इसके बाद रेडिएशन या कीमोथेरेपी दी जा सकती है। रिकवरी के दौरान सिरदर्द, थकान या हल्का चक्कर आ सकता है, जो समय के साथ ठीक हो जाता है।ग्लियोमा फर्स्ट स्टेज क्या है?
ग्लियोमा की पहली स्टेज को ग्रेड 1 ग्लियोमा कहा जाता है, जो धीमी गति से बढ़ता है और कम खतरनाक होता है। इसे अक्सर सर्जरी से पूरी तरह हटाया जा सकता है और इसके दोबारा लौटने की संभावना भी कम होती है।क्या सर्जरी के बाद ग्लियोमा वापस आ सकता है?
हां, ग्लियोमा विशेष रूप से हाई ग्रेड ट्यूमर, सर्जरी के बाद दोबारा आ सकता है। इसलिए नियमित मॉनिटरिंग जरूरी होती है। ग्रेड 1 में दोबारा आने की संभावना कम होती है, लेकिन ग्रेड 3 या 4 में दोबारा ट्यूमर बनने की संभावना ज्यादा रहती है।