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WHO ने हेपेटाइटिस-D को माना कैंसरकारक, जानें क्‍या है यह और इससे सुरक्षित रहने के उपाय

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हेपेटाइटिस के एक रूप हेपेटाइटिस-डी को कैंसरकारक घोषित कर दिया है। समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।
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WHO ने हेपेटाइटिस-D को माना कैंसरकारक, जानें क्‍या है यह और इससे सुरक्षित रहने के उपाय


लिवर को नुकसान पहुंचाने वाली हेपेटाइटिस बी और सी जैसी बीमारियां तो काफी सुनी होंगी, लेकिन हेपेटाइटिस-डी (Hepatitis-D) के बारे में आपने ज्‍यादा नहीं सुना होगा। यही वजह है कि विशेषज्ञ इसे साइलेंट किलर वायरस मानते हैं। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (IARC) ने हेपेटाइटिस-डी को कैंसरकारी और घातक वायरस घोषित किया है। डब्‍ल्‍यूएचओ के अनुसार, हर 30 सेकंड में हेपेटाइटिस से संबंधित गंभीर लिवर रोग या लिवर कैंसर के कारण दुनिया में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। आश्चर्य की बात यह है कि इसके रोकथाम के उपाय मौजूद होने के बावजूद इसके मामलों में लगातार ग्रोथ हो रही है। डब्‍ल्‍यूएचओ के अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में लगभग 4.8 करोड़ लोग हेपेटाइटिस-डी से संक्रमित हैं। ऐसी स्थिति में इस बीमारी को समझना जरूरी हो गया है। चलि‍ए जानते हैं हेपेटाइटिस-डी क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने Dr Sunil Kumar HOD, Associate Professor & Radiation Oncologist, Hind Institute of Medical Sciences & Hospital, Barabanki UP से बात की।

हेपेटाइटिस-डी क्या है?- What is Hepatitis-D

हेपेटाइटिस-डी वायरस एक दुर्लभ और खतरनाक वायरस है जो लिवर को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है। यह वायरस केवल उन लोगों को प्रभावित करता है जिनके शरीर में पहले से हेपेटाइट‍िस-बी वायरस मौजूद होता है।

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हेपेटाइटिस-डी कैसे फैलता है?- Transmission of Hepatitis-D

हेपेटाइटिस-डी, संक्रमित ब्‍लड या शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित सुई, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, टैटू या पियर्सिंग उपकरण, असुरक्षित यौन संबंध और संक्रमित मां से बच्चे में यह वायरस जा सकता है।

हेपेटाइटिस-डी के लक्षण- Symptoms of Hepatitis-D

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हेपेटाइटिस-डी के लक्षण, शुरुआत में हल्के हो सकते हैं जैसे-

समय पर जांच नहीं होने पर यह तेजी से लिवर सिरोसिस और कैंसर में बदल सकता है।

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हेपेटाइटिस-डी कैंसर का खतरा क्यों बढ़ाता है?- Why is Hepatitis-D Cancer-Causing

डब्‍ल्‍यूएचओ-आईएआरसी के मुताबिक, हेपेटाइट‍िस-डी, लिवर की स्‍वस्‍थ कोशिकाओं को तेजी से नष्ट करता है और फाइब्रोसिस व सिरोसिस को बढ़ाता है। इसी वजह से लिवर कैंसर का खतरा हेपेटाइट‍िस-बी की तुलना में कई गुना बढ़ जाता है।

हेपेटाइटिस-डी से बचाव कैसे करें?- How to Prevent Hepatitis-D

  • हेपेटाइट‍िस-बी वैक्‍सीन (Hepatitis-B Vaccine) अवश्य लगवाएं। यही हेपेटाइटिस-डी वायरस से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
  • टैटू या इंजेक्शन हमेशा स्‍टरलाइज उपकरणों से ही कराएं।
  • असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं।
  • इस्‍तेमाल की हुई सुई और ब्लेड का इस्तेमाल न करें।
  • अगर हेपेटाइट‍िस-बी है, तो नियमित स्‍क्रीन‍िंग कराएं।

हेपेटाइटिस-डी का इलाज उपलब्ध है या नहीं?- Hepatitis-D Treatment

हेपेटाइटिस-डी वायरस, का कोई निश्चित इलाज फिलहाल उपलब्ध नहीं है। थेरेपी और एंटी-वायरल दवाएं कुछ मरीजों में इंफेक्‍शन को धीमा करती हैं, लेकिन सबसे अच्छा उपाय समय रहते इसकी जांच और बचाव ही है।

हेपेटाइटिस-डी आज एक ऐसा गंभीर वायरस बन चुका है जिसे WHO ने कैंसरकारी श्रेणी में शामिल किया है। यह तेजी से लिवर को खराब करता है और बिना लक्षण वाले मरीजों में भी घातक साबित हो सकता है। समय रहते सावधानी और वैक्सीनेशन से ही इस जानलेवा बीमारी से बचाव संभव है।

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image credit: www.cdc.gov

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