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कौन सी जड़ी बूटी एडिमा से छुटकारा दिलाती है? आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानें

एडिमा में होने वाली सूजन को कम करने में कुछ एंटी इंफ्लेमेटरी चीजें बेहद कारगर तरीके से काम करती हैं, आइए जानते हैं आयुर्वेदिक एक्सपर्ट (ayurvedic home remedies for edema) से।
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कौन सी जड़ी बूटी एडिमा से छुटकारा दिलाती है? आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानें


एडिमा की समस्या जिन भी लोगों को होती है उनके हाथ पैरों की सूजन की समस्या होती है। दरअसल, इस सूजन की वजह हाई बीपी और किडनी से जुड़ी समस्या हो सकती है। इसके अलावा नमक का ज्यादा सेवन भी एडिमा की वजह बन सकता है। ऐसे में कुछ घरेलू उपायों में आप कुछ आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों की मदद ले सकते हैं जो कि सूजन को कम करने के साथ एडिमा के कारण से भी लड़ने में मदद कर सकता है। इसके अलावा भी सेहत के लिए इन जड़ी बूटियों के कई फायदे हैं, जानते हैं इस बारे में डॉ. प्रताप चौहान, प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य एवं संस्थापक, जीवा आयुर्वेद से।

एडीमा में मददगार आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां

डॉ. प्रताप चौहान बताते हैं कि एडिमा यानी शरीर में सूजन, अक्सर पानी रुकने की वजह से होती है। आपने शायद ध्यान दिया होगा कि पैरों, टखनों या हाथों में सूजन कभी-कभी अचानक बढ़ जाती है। आयुर्वेद इस स्थिति को केवल लक्षण नहीं मानता बल्कि शरीर के भीतर हो रही असंतुलन का संकेत मानता है। यही कारण है कि इलाज केवल सूजन कम करने तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि उसकी जड़ तक पहुंचना जरूरी है।

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एडिमा और दोष असंतुलन

आयुर्वेद में सूजन को मुख्य रूप से कफ और वात दोष की गड़बड़ी से जोड़ा जाता है। जब कफ अधिक हो जाता है तो शरीर में तरल पदार्थ रुक जाते हैं। वहीं, वात की गड़बड़ी रक्त और द्रव प्रवाह को प्रभावित करती है। यह समझना आपके लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह तय होता है कि कौन सी जड़ी बूटियां सबसे प्रभावी रहेंगी।

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एडिमा में किन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का सेवन करें

आप सोच रहे होंगे कि कौन सी औषधियां वास्तव में मददगार साबित हो सकती हैं। डॉ. प्रताप चौहान बताते हैं कि कई ऐसी जड़ी बूटियां है जिनका नियमित और सही तरीके से सेवन करने पर सूजन में आराम मिलता है। जैसे कि

गोकशुर (Tribulus terrestris): यह मूत्रवर्धक है और शरीर से अतिरिक्त जल को बाहर निकालने में मदद करता है। दरअसल, एडिमा की एक बड़ी वजह शरीर में पानी का अतिरिक्त जमा होना है और यह जड़ीबूटी इस समस्या को कम करने में मदद कर सकती है।

पुनर्नवा (Boerhavia diffusa): आयुर्वेद में इसे सूजन के लिए प्रमुख औषधि माना जाता है। यह लिवर और किडनी को भी मजबूत बनाती है। इसके अलावा पुनर्नवा एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भी भरपूर है जो कि सूजन की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।

अरंड मूल (Castor root): इसका उपयोग पुराने समय से जमा होने वाले पानी को शरीर से बाहर निकालने और सूजन कम करने में किया जाता रहा है।

दशमूल (Dashmool): दस जड़ों का यह संयोजन वात और कफ संतुलन में विशेष प्रभावी है। ये एडिमा की समस्या में बेहद कारगर तरीके से काम करने में मददगार है। साथ ही ये एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भी भरपूर है जो कि सूजन की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।

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इनके अलावा हल्दी, अदरक और दारुहल्दी जैसी जड़ी बूटियां भी रक्त प्रवाह सुधारने और सूजन घटाने में सहायक मानी जाती हैं। अगर आपको लंबे समय तक एडिमा की समस्या है तो आप इन तीनों की मदद ले सकते हैं जो कि सेहत के लिए बेहद कारगर तरीके से काम करते हैं।

सावधानियां और जीवनशैली सुधार

डॉ. प्रताप चौहान बताते हैं सिर्फ औषधियां लेना ही समाधान नहीं है। आपको नमक का सेवन नियंत्रित रखना होगा, देर तक बैठे या खड़े रहने से बचना होगा और हल्की एक्सरसाइज करनी होगी। याद रखिए कि हर व्यक्ति की प्रकृति अलग होती है, इसीलिए औषधि का चयन और मात्रा किसी योग्य वैद्य की सलाह से ही होना चाहिए।

निष्कर्ष

एडीमा केवल असुविधा का कारण नहीं है, यह शरीर के गहरे असंतुलन का भी संकेत है। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जैसे गोकशुर, पुनर्नवा और दशमूल आपको राहत दे सकती हैं, लेकिन स्थायी परिणाम पाने के लिए जीवनशैली सुधार और व्यक्तिगत परामर्श आवश्यक हैं। डॉ. प्रताप चौहान कहते हैं कि अगर आप समग्र दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो सूजन से राहत पाना और बेहतर स्वास्थ्य संभव है।

FAQ

  • एडिमा और सूजन में क्या अंतर है?

    एडिमा वॉटर रिटेंशन की वजह से होता है जिसमें पैरों और टखनों में सूजन की समस्या होने लगती है। जबकि, सूजन इम्यून सिस्टम द्वारा ट्रिगर होती है जो कि शरीर के किसी भी हिस्से में दिख सकती है। सूजन तेज गति से होती है और एडिमा थोड़ा स्लो होता है।
  • एडिमा कितने दिन में ठीक होता है?

    एडिमा को ठीक होने में हफ्तेभर का समय लग सकता है और कई बार किडनी और हाई बीपी के मरीजों में दवा लेने के साथ तेजी से असर नजर आ सकता है। हालांकि, इसके ठीक होने का समय हर किसी के लिए अलग हो सकता है।
  • एडिमा कितने प्रकार के होते हैं?

    एडिमा मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं जैसे कि परिधीय यानी पेरिफेरल एडिमा (peripheral edema), पल्मोनरी एडिमा (pulmonary edema) या मस्तिष्कीय एडिमा (cerebral edema)। इसके अलावा पिटिंग या नॉन-पिटिंग एडिमा भी होते हैं जो कि हृदय की विफलता, गुर्दे की बीमारी या एलर्जी से जुड़े हो सकते हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Sep 30, 2025 11:56 IST

    Published By : Pallavi Kumari

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