आयुर्वेद में शरीर के सभी रोगों का इलाज उपलब्ध है। हालांकि, इसमें कैंसर की कोई निश्चित इलाज के बारे में नहीं बताया गया है। लेकिन, गंभीर रोगों से बचाव के लिए कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का जिक्र मिलता है। आयुर्वेद के अनुसार इसको लगातार बढ़ने वाले रोग की श्रेणी में शामिल किया जाता है। यह शरीर में गांठ की तरह शुरु होता है। जिसको वात, कफ और पित्त के कुपित होने से जोड़ा जाता है। लेकिन, आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियों और जड़ी बूटियों का जिक्र मिलता है, जो असाध्य रोगों से बचाव करने में आपकी मदद करते हैं। नोएडा के वेव क्योर सेंटर के नेचूरोपैथी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ एस के पाठक से जानते हैं कि कैंसर से बचाव के लिए कौन सी जड़ी बूटियों का उपयोग किया जा सकता है।
कैंसर से बचाव के लिए उपयोगी जड़ी बूटियां - Ayurvedic Herbs To Reduce Cancer Risk In Hindi
हल्दी
हल्दी (Curcuma longa) आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि के रूप में जानी जाती है। इसका प्रमुख सक्रिय तत्व, करक्यूमिन (Curcumin), एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। यह कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने और उन्हें नष्ट करने में सहायक हो सकता है। हल्दी (Turmeric) का नियमित सेवन शरीर में सूजन को कम होती है, जो कैंसर के विकास में एक प्रमुख कारक होता है।
पिप्पली
पिप्पली के उपयोग से आप पाचन तंत्र, श्वसन और प्रजनन प्रणाली को बेहतर कर सकते हैं। यह दर्द को कम करने, बलगम को दूर करने और इंफेक्शन से बचाव करती है। पिप्पली दमा, खांसी, साइटिका, जुकाम आदि रोगों में लिया जा सकता है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और आपको कैंसर जैसे घातक रोग से बचाव होता है।
अश्वगंधा
अश्वगंधा (Withania somnifera) एक अद्भुत आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो शरीर को तनाव से लड़ने में मदद करती है। यह एक एडाप्टोजेन है, जो शरीर के तनाव को कम करने और शरीर के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होती है। अश्वगंधा में एंटी-कैंसर गुण होते हैं, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक सकते हैं।
तुलसी
तुलसी (Ocimum sanctum) को आयुर्वेद में 'किंग ऑफ हर्ब्स' कहा जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों से भरपूर होती है। तुलसी (Tulsi) में मौजूद तत्व कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं और उन्हें नष्ट करने की क्षमता भी रखते हैं। तुलसी का सेवन शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करता है और कैंसर के जोखिम को कम करता है।
गुडुची
गुडुची, जिसे गिलोय भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यूनिटी) को मजबूत करती है और शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करती है। गुडुची (Tinospora cordifolia) में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को कैंसर से बचाने में सहायक होते हैं। यह जड़ी-बूटी शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखती है और उन्हें कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती है।
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इसके अलावा, आंवला, नीम और शतावरी का सेवन करने से भी आप कैंसर या अन्य गंभीर बीमारियों से खुद का बचाव कर सकते हैं। इन जड़ी बूटियाों का सेवन करने से पहले आप आयुर्वेदिक डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें। डॉक्टर आपकी शरीर की स्थिति के अनुसार आपको सुझाव देगें।