बरसात के मौसम में पुनर्नवा (Punarnava) आसानी से आस-पास उगा हुआ दिख जाता है। यह पौधा शरीर को पुनर्जीवित करने, बीमारियों से लड़ने और अंगों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने की क्षमता रखता है। खास बात यह है कि पुनर्नवा मानसून के दिनों में हमारे आसपास सहज रूप से उग जाता है और इसे सब्जी या साग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर किरण के अनुसार, पुनर्नवा फेफड़ों, लिवर और किडनी के लिए बेहद लाभकारी है। यह शरीर में जमा अतिरिक्त पानी को बाहर निकालकर वॉटर रिटेंशन की समस्या से राहत देता है। जिन लोगों को पैरों या आंखों के नीचे सूजन रहती है, उनके लिए यह साग किसी दवा से कम नहीं है। साथ ही यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और यूरिक एसिड के लेवल को मैनेज करने में भी मदद करता है, जिससे डायबिटीज और गठिया के रोगियों को फायदा मिलता है। इस लेख में मेवाड़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं प्राकृतिक चिकित्सालय बापू नगर, जयपुर की वरिष्ठ चिकित्सक योग, प्राकृतिक चिकित्सा पोषण और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता (Dr. Kiran Gupta, Yoga, Naturopathy, Nutrition and Ayurveda Specialist, Professor at Mewar University and Senior Physician at Naturopathy Hospital, Bapunagar, Jaipur) से जानिए, पुनर्नवा के फायदे और सब्जी की रेसिपी क्या है?
पुनर्नवा के फायदे - Punarnava Benefits
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता बताती हैं कि आयुर्वेदिक ग्रंथों में पुनर्नवा को दीपन-पाचक, मूत्रल (डाययूरेटिक) और रसायन यानी पुनर्जीवित करने वाला बताया गया है। यह पौधा शरीर में जमा अतिरिक्त जल और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह त्रिदोष शामक यानी वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित करने वाला माना जाता है।
1. लिवर के लिए लाभकारी
लिवर शरीर का डिटॉक्स सेंटर है, जो हमारे खाए गए भोजन से एनर्जी बनाने और खून को साफ रखने का काम करता है। गलत खानपान, दवाइयों और प्रदूषण के कारण लिवर पर बोझ बढ़ जाता है। पुनर्नवा साग लिवर की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है और फैटी लिवर जैसी समस्याओं से बचाव करता है। डॉक्टर किरण बताती हैं कि नियमित रूप से पुनर्नवा का सेवन करने से लिवर हेल्थ मजबूत होती है और पाचन सुधरता है।
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2. किडनी हेल्थ और वाटर रिटेंशन
किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थ और अतिरिक्त पानी बाहर निकालने का काम करती है। लेकिन कई बार किडनी की कमजोरी या अन्य कारणों से शरीर में पानी रुक जाता है, जिसे वॉटर रिटेंशन कहा जाता है। पुनर्नवा प्राकृतिक रूप से मूत्रवर्धक (Diuretic) है, जो पेशाब के माध्यम से अतिरिक्त पानी और नमक को बाहर निकालती है। इससे सूजन, हाथ-पैर में भारीपन और किडनी से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है।
3. फेफड़ों की सेहत में सहायक
बरसात और बदलते मौसम में खांसी, जुकाम और बलगम की समस्या बढ़ जाती है। पुनर्नवा का सेवन फेफड़ों को मजबूत करता है और उनमें जमा कफ को बाहर निकालने में मदद करता है। यह दमा, एलर्जी और सांस से जुड़ी दिक्कतों में भी उपयोगी मानी जाती है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, यह कफ दोष को संतुलित करके श्वसन तंत्र को साफ रखती है।
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4. ब्लड शुगर और डायबिटीज कंट्रोल
डॉक्टर किरण के अनुसार, पुनर्नवा के पत्ते और इसका साग ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है। यह शरीर में शुगर के लेवल को स्थिर बनाए रखता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है। डायबिटीज रोगियों के लिए यह एक प्राकृतिक हरी सब्जी है जिसे भोजन में शामिल किया जा सकता है।
पुनर्नवा साग की रेसिपी - Punarnava Recipe
पुनर्नवा का स्वाद थोड़ा कसैला होता है, लेकिन सही तरीके से पकाने पर यह स्वादिष्ट और हेल्दी बन जाता है। इसे बनाने के लिए ताजे पुनर्नवा के पत्ते 1 कटोरी, प्याज 1 (बारीक कटा हुआ), टमाटर 1 कटा हुआ, लहसुन 3–4 कलियां, हल्दी, लाल मिर्च और नमक स्वादानुसार, तेल या घी 1 बड़ा चम्मच चाहिए होगा।
- पत्तों को अच्छी तरह धोकर बारीक काट लें।
- कड़ाही में तेल गरम करें और उसमें प्याज, लहसुन डालकर भूनें।
- टमाटर और मसाले डालें और हल्का पकने दें।
- अब इसमें पुनर्नवा के पत्ते डालें और धीमी आंच पर पकाएं।
- चाहें तो थोड़ा पानी डालकर ढक दें ताकि पत्ते अच्छे से गल जाएं।
- तैयार साग को रोटी या चावल के साथ परोसें।
- यह साग न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि शरीर को अंदर से स्वस्थ बनाने वाला आयुर्वेदिक टॉनिक भी है।
निष्कर्ष
पुनर्नवा साग सिर्फ एक मौसमी सब्जी नहीं है, बल्कि यह आयुर्वेद का वरदान है। यह लिवर और किडनी की सेहत को बेहतर बनाता है, फेफड़ों को मजबूत करता है, ब्लड शुगर और यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है और शरीर की इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है। मानसून में यह पौधा आसानी से उपलब्ध हो जाता है, इसलिए इसे भोजन का हिस्सा बनाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। किडनी की गंभीर समस्या या लो ब्लड प्रेशर वाले लोग इसका अत्यधिक सेवन न करें।
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