Can We Eat Cucumber In Water Retention Problem In Hindi: कई लोग वॉटर रिटेंशन की समस्या से परेशान रहते हैं, इसको एडिमा के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में शरीर में तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे लोगों को सूजन आने, पफीनेस होने और बेचैनी होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, खासकर इस दौरान लोगों को पैरों, हाथों और टखनों में सूजन आने की समस्या होती है। इसके कारण लोगों को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। वाटर रिटेंशन के कारण लोगों को हार्मोन्स में बदलाव आने, नमक का अधिक करने करने, किडनी, हार्ट या लिवर की समस्या जैसी समस्याओं के कारण हो सकती है। ऐसेमें आइए जयपुर के डॉ. मेधावी न्यूट्रीफिट की निदेशक एवं वरिष्ठ सलाहकार, डायटिशियन एवं न्यूट्रिशियनिस्ट डॉ. मेधावी गौतम (Dr. Medhavi Gautam, Director and Senior Consultant, Dietitian and Nutritionist, Dr. Medhavi Nutrifit, Jaipur) से जानें क्या वाटर रिटेंशन की समस्या में खीरा खा सकते हैं?
क्या वाटर रिटेंशन की समस्या में खीरा खा सकते हैं? - Can We Eat Cucumber In Case Of Water Retention Problem?
एक्सपर्ट के अनुसार, वाटर रिटेंशन की समस्या में खीरे का सेवन किया जा सकता है। लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में करें। खीरे में भरपूर मात्रा में पानी होता है, साथ ही, इसमें कैलोरीज भी कम होती है। ऐसे में इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसका सेवन करने से शरीर को हाइड्रेट करने और शरीर से एक्स्ट्रा सोडियम और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है, जिससे सूजन और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है।
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वाटर रिटेंशन में खीरा खाने के फायदे - Benefits Of Eating Cucumber In Water Retention In Hindi
ड्यूरेटिक गुण
खीर में भरपूर मात्रा में पानी और अन्य कई तत्व पाए जाते हैं, साथ ही, इसमें ड्यूरेटिक या मूत्रवर्धक गुण होते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से यूरिन को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इससे शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा पानी को बार निकालने में मदद मिलती है। जिससे शरीर की सूजन को कम करने और वाटर रिटेंशन की समस्या को कम करने में मदद मिलती है।
सोडियम कम करने में सहायक
वाटर रिटेंशन की समस्या का मुख्य कारण शरीर में पानी जमा होने की समस्या के कारण हो सकता है। ऐसे में खीरे में नेचुरल रूप से सोडियम कम होता है, साथ ही, इसमें मौजूद ड्यूरेटिक गुण शरीर में जमा सोडियम या अतिरिक्त फ्लूइड को निकालने में मदद मिलती है। इससे वाटर रिटेंशन की समस्या में राहत मिलती है।
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सूजन कम करने में सहायक
खीरे में भरपूर मात्रा में फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेट्स के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से वाटर रिटेंशन के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
पाचन को दुरुस्त करने में सहायक
कब्ज और खराब पाचन जैसी समस्याएं होने पर भी लोगों को ब्लोटिंग और वाटर रिटेंशन की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इससे राहत के लिए खीरे का सेवन किया जा सकता है। खीरे में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन के दुरुस्त करने और इससे जुड़ी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है।
पोटैशियम से भरपूर
खीरे में भरपूर मात्रा में पोटैशियम होता है। इसका सेवन करने से शरीर में तरल पदार्थों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिससे सोडिसम के प्रभावों को कम करने और यूरिन के जरिए एक्स्ट्रा सोडियम के स्तर को कम करने में भी मदद मिलती है।
सावधानियां
खीरे का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। अधिक मात्रा में खाने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में वाटर रिटेंशन, सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द होने और अधिक सूजन आने जैसी समस्या को नजरअंदाज न करें।
निष्कर्ष
वाटर रिटेंशन की समस्या में खीरे का सेवन किया जा सकता है। खीरे में बहुत से गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स और तरल पदार्थ को यूरिन के माध्यम से बाहर निकालने में मदद मिलती है। लेकिन ध्यान रहे, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें और वाटर रिटेंशन से जुड़ी समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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FAQ
रोजाना खीरा खाने से क्या होता है?
खीरे में भरपूर मात्रा में पानी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से स्किन को हेल्दी बनाए रखने, शरीर को हाइड्रेट करने, शरीर की गर्मी को कम करने, पाचन में सुधार करने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।वाटर रिटेंशन में क्या नहीं खाना चाहिए?
वाटर रिटेंशन की समस्या होने पर लोगों को नमक, चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके कारण लोगों को वाटर रिटेंशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।शरीर में पानी भरने के क्या लक्षण हैं?
शरीर में पानी भरने यानी वॉटर रिटेंशन की समस्या होने पर लोगों को पेट में भारीपन, थकान होने, सांस लेने में परेशानी होने, पैरों, हाथों और टखनों में सूजन आने की समस्या हो सकती है। ऐसे में वॉटर रिटेंशन के इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।