
थायराइड की बीमारी आजकल आम होती जा रही है। दरअसल, ये एक प्रकार का हार्मोन है जिसका असंतुलन शरीर में मेटाबॉलिज्म सहित फर्टिलिटी तक को प्रभावित कर सकता है। सबसे ज्यादा लोग इस बीमारी में मोटापे की दिक्कत को महसूस करते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये दिक्कत शरीर में वॉटर रिटेंशन की वजह बन सकती है। दरअसल, कुछ लोग इस दौरान शरीर में अचानक से होने वाली अतिरिक्त सूजन को महसूस करते हैं जो कि वॉटर रिटेंशन से जुड़ा हुआ हो सकता है। ऐसे में Dr. Pooja Pillai, Consultant - Internal Medicine, Aster CMI Hospital, Bangalore से जानते हैं कि क्या थायराइड में वॉटर रिटेंशन ज्यादा होता है?
थायराइड में वॉटर रिटेंशन ज्यादा होता है?
Dr. Pooja Pillai बताती हैं कि हां, थायराइड की समस्या शरीर में पानी जमा होने की समस्या को प्रभावित कर सकती है। हाइपोथायरायडिज्म में, जब थायराइड कम सक्रिय होता है, तो मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और शरीर में अतिरिक्त पानी और नमक जमा हो सकता है, जिससे हाथ, पैर या चेहरे में सूजन आ सकती है। दरअसल, इसे ऐसे समझें कि हाइपोथायरायडिज्म मेटाबॉलिज्म में कमी और द्रव संतुलन संबंधी समस्याओं के कारण वॉटर रिटेंशन का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं, थायराइड हार्मोन्स फ्लूइड इंबैलेंस (thyroid fluid imbalance) को संतुलित करने में भूमिका निभाते हैं और इसके फंक्शन से जुड़ी गड़बडी वॉटर रिटेंशन की वजह बन सकती है।
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क्या ये थायराइड के रोगियों में मोटापे का भी कारण है?
डॉ. पूजा आगे बताती हैं कि यह पानी जमा होने से व्यक्ति मोटा दिख सकता है। हालांकि, केवल पानी जमा होने से ही वास्तविक मोटापा नहीं होता। थायराइड के रोगियों में वजन बढ़ना मुख्य रूप से धीमे मेटाबॉलिज्म, फैट के संचय और ऊर्जा के स्तर में कमी के कारण होता है, जिससे शारीरिक गतिविधि कम हो सकती है। ऐसे में डॉ. पूजा का सुझाव है कि थायराइड का उचित उपचार हार्मोन को नियंत्रित करने, पानी जमा होने की समस्या को कम करने और धीरे-धीरे वजन कम करने में मदद कर सकता है। संतुलित आहार लेने और सक्रिय रहने से थायराइड की देखभाल के साथ-साथ वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
थायराइड में वॉटर रिटेंशन से कैसे बचें?
थायराइड में वॉटर रिटेंशन से बचने के लिए सबसे पहले तो इस बात पर ध्यान दें कि आपको ये दिक्कत कब से हो रही है और डॉक्टर को दिखाएं। अतिरिक्त तरल पदार्थों को बाहर निकालने के लिए खूब पानी पिएं। शरीर में पानी जमा होने की समस्या को कम करने के लिए सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें। इतना ही नहीं, पोटेशियम शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करने में मदद कर सकता है, ऐसे में डाइट में पोटैशियम युक्त चीजों को बढ़ा दें जैसे कि केले, एवोकाडो और पालक खाएं। इसके अलावा कुछ लोगों को लगता है कि कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने से शरीर में पानी जमा होने की समस्या को कम करने में मदद मिलती है, इसलिए ज्यादा कार्ब्स के सेवन से बचें।
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नियमित शारीरिक गतिविधि को बेहतर बनाने और शरीर में पानी जमा होने की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है। साथ ही पर्याप्त नींद हार्मोन को नियंत्रित करने और शरीर में पानी जमा होने की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है।
साथ ही ज्यादा दिक्कत होने पर मूत्रवर्धक खाद्य पदार्थ खाएं जैसे शतावरी, अजवाइन और खीरे जैसे मूत्रवर्धक खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। हाई फाइबर वाला आहार पाचन में मदद कर सकता है और शरीर में पानी जमा होने की समस्या को कम कर सकता है। साथ ही साबुत अनाज, फल और सब्जियां द्रव संतुलन को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
इसके अलावा लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से बचें। घूमने-फिरने और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार के लिए नियमित रूप से ब्रेक लें और कोशिश करें कि वॉटर रिटेंशन से बचें और अपने ब्लड सर्कुलेशन को सही करें।
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Oct 20, 2025 15:06 IST
Published By : Pallavi Kumari