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महिलाओं में क्यों अधिक होती है थायरॉइड की समस्या, डॉक्टर से जानें इसे मैनेज करने का तरीका

World Thyroid Day 2025: थायरॉइड की समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है। ऐसे में आगे जानते हैं इसके कारण और इसे मैनेज करने का सही तरीका।
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महिलाओं में क्यों अधिक होती है थायरॉइड की समस्या, डॉक्टर से जानें इसे मैनेज करने का तरीका


Causes Of Thyroid In Female in Hindi: हमारी जीवनशैली का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। लेकिन, आज ज्यादातर लोगों की जीवनशैली में बदलाव देखने को मिला है। यह थायरॉइड के रोगियों की बढ़ती संख्या की एक बड़ी वजह मानी जा सकती है। आजकल थायरॉइड की समस्या इतनी आम हो गई है कि हर घर में कोई न कोई इससे जूझ रहा होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं थायरॉइड की समस्या से ज्यादा प्रभावित होती हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर यह समस्या महिलाओं में इतनी आम क्यों है? और इससे कैसे निपटा जा सकता है? इस लेख में पद्म श्री डॉ. मुकेश बत्रा, संस्थापक एवं चेयरमैन एमेरिटस, डॉ. बत्राज हेल्थकेयर से जानेंगे कि थायरॉइड की समस्या महिलाओं में अधिक क्यों होती है, इसके कारण, लक्षण और इसे मैनेज करने के आसान और प्रभावी उपाय क्या होते हैं?

थायरॉइड महिलाओं में अधिक क्यों होता है? - What Causes Thyroid Issues in Females?

थायरॉइड व्यक्ति के गले में स्थिति एक छोटी सी ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि थायरॉइड हार्मोन (T3 और T4) बनाती है, जो हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल, हार्मोनल संतुलन, वजन और मेंटल हेल्थ को नियंत्रित करते हैं। जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो दो स्थितियां उत्पन्न होती हैं। इसमें हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) को शामिल किया जाता है। जब व्यक्ति के शरीर में थायरॉइड हार्मोन की कमी हो जाती है, तो इसे हाइपोथायरॉइडिज्म कह जाता है। वहीं, दूसरे को हाइपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) कहा जाता है। इसमें थायरॉइड हार्मोन जरूरत से ज्यादा बनने लगता है। यह दोनों ही स्थिति खराब होती है। अब आगे जानते हैं कि महिलाओं में थायरॉइड होने की क्या वजह हो (Why are women more prone to thyroid?) सकती हैं।

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर

महिलाएं ऑटोइम्यून बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। हाशिमोटो थायरॉइडाइटिस और ग्रेव्स डिजीज जैसी बीमारियां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को थायरॉइड पर अटैक करने के लिए प्रेरित करती हैं, जिससे थायरॉइड की कार्यप्रणाली बिगड़ जाती है।

हार्मोनल उतार-चढ़ाव

महिलाओं के शरीर में जीवन भर जैसे कि पीरियड्स, प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज आदि समय में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। ये बदलाव थायरॉइड ग्रंथि को प्रभावित कर सकते हैं। खासकर एस्ट्रोजन हार्मोन, जो महिलाओं में अधिक होता है, थायरॉइड की कार्यप्रणाली को असंतुलित कर सकता है।

Why is thyroid common in women and how to manage in

तनाव और जीवनशैली

महिलाएं कई बार पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों के कारण अधिक तनाव महसूस करती है। लंबे समय तक तनाव में रहना थायरॉइड हार्मोन की रिलीज को प्रभावित कर सकता है।

आनुवंशिक कारण

अगर परिवार में किसी महिला को थायरॉइड की समस्या है, तो अगली पीढ़ी की महिलाओं में इसके होने की संभावना अधिक होती है।

महिलाओं में थायरॉइड के लक्षण - Symptoms Of Thyroid Problems In Females In Hindi

थायरॉइड की स्थिति के अनुसार लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं।

हाइपोथायरॉइडिज्म के लक्षण

  • वजन बढ़ना
  • थकावट और सुस्ती
  • डिप्रेशन या मूड स्विंग
  • ठंड सहन न कर पाना
  • कब्ज
  • बाल झड़ना और त्वचा का रूखापन
  • पीरियड्स में अनियमितता, आदि।

हाइपरथायरॉइडिज्म के लक्षण

  • दिल की धड़कन तेज होना
  • तेजी से वजन घटना
  • घबराहट या चिड़चिड़ापन
  • नींद न आना
  • पीरियड्स कम या बंद हो जाना
  • अत्यधिक पसीना आना, आदि।

महिलाओं के थायरॉइड को कैसे मैनेज करें? - How To Manage Thyroid In Females in Hindi

  • थायरॉइड के लिए एल्ट्रोक्सिन या अन्य हार्मोन रिप्लेसमेंट मेडिसिन दी जाती हैं। इन्हें डॉक्टर के द्वारा बताए तरीके से लेना चाहिए और दवा को कभी भी अचानक बंद न करें।
  • आहार में आयोडीन, सेलेनियम और जिंक जैसे मिनरल्स युक्त आहार को शामिल करें। इसके अलावा, हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, अंडे, दही आदि खाएं।
  • योग, ध्यान, गहरी सांसों की तकनीक (प्राणायाम) अपनाएं। तनाव कम करने से हार्मोन बैलेंस बना रहता है।
  • हर दिन 30 मिनट चलना, योग करना या हल्की एक्सरसाइज़ करना थायरॉइड मैनेजमेंट में सहायक होता है।
  • हर 3 से 6 महीने में थायरॉइड का ब्लड टेस्ट कराएं ताकि स्थिति पर नियंत्रण रखा जा सके।

इसे भी पढ़ें: महिलाओं में दिखने वाले ये 5 लक्षण हो सकते हैं थायराइड का संकेत

थायरॉइड आज के समय में महिलाओं के लिए एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। इसके लक्षण कई बार सामान्य लग सकते हैं, लेकिन अगर समय पर पहचान और इलाज न किया जाए, तो यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है। इसकी जांच के लिए डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। ब्लड टेस्ट में टीएचएस हार्मोन और थायरॉइज से जुड़े हार्मोन के स्तर की जांच होती है। फिलहाल आप सही जानकारी, नियमित जांच, संतुलित जीवनशैली और मानसिक शांति से इस समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं।

FAQ

  • कौन से हार्मोन महिलाओं के थायरॉइड को प्रभावित कर सकते हैं?

    महिलाओं में पाया जाने वाला एस्ट्रोजन हार्मोन थायरॉइड ग्रंथि के कार्य को गहराई से प्रभावित करता है, और जीवन के विभिन्न चरणों जैसे कि किशोरावस्था, माहवारी, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति के दौरान यह अक्सर थायरॉइड समस्याओं को जन्म दे सकता है।
  • थायराइड होने पर क्या-क्या परेशानी आती है?

    थायरॉइड की समस्या होने पर महिलाओं को निगलने और सांस लेने में दिक्कत, चिड़चिड़ापन, घबराहट, हृदय की गति तेज होना,हाथ और उंगलियों कांपना, वजन कम होना या बढ़ना, मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द के अलावा भूख ज्यादा लगने की समस्या हो सकती है। 
  • थायराइड में कहां कहां दर्द होता है?

    थायराइड में मुख्य रूप से दर्द गर्दन, जबड़े, कान, जोड़ों, पैरों, और मांसपेशियों में होता है। यह दर्द थायराइड ग्रंथि में सूजन या हार्मोन असंतुलन के कारण हो सकता है। 

 

 

 

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