आज के समय में खराब लाइफस्टाइल, अनहेल्दी डाइट, शारीरिक गतिविधियों की कमी और कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सीधा असर हमारे शरीर के हार्मोनल संतुलन पर पड़ रहा है। ऐसे में लोगों में थायराइड असंतुलन की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। बड़े-बुजुर्गों के साथ-साथ कम उम्र के लोगों में भी थायराइड की परेशानी देखने के मिल रही है। थायराइड हमारे शरीर में मौजूद एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है, जो आपकी गर्दन के सामने स्थित होती है। यह ग्लैंड आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने वाले हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर में एनर्जी का उपयोग करके तापमान को सही रकने में मदद करते हैं। लेकिन, थायराइड में अंसतुलन का सीधा असर आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिसके कारण थकान, कमजोरी, शरीर में दर्द और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ सकती हैं। लेकिन, अपने थायराइड को संतुलित रखने (thyroid control kaise kare in hindi) और सेहतमंद रहने के लिए आप अपने फिजिकल एक्टिविटी में कुछ ऐसे योगासन (Yoga For Thyroid) शामिल कर सकते हैं, जो सीधे तौर पर आपके थायराइड ग्लैंड को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं। आइए इस लेख में हम उत्तम नगर में स्थित योग जंक्शन के योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम से जानते हैं कि थायराइड कंट्रोल करने के लिए कौन-से योग करने चाहिए?
थायराइड कंट्रोल रखने के लिए योग - Yoga Poses To Improve Thyroid Function in Hindi
थायराइड को कंट्रोल में रखने के लिए आप कई तरह के योगासनों को अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं, आइए जानते हैं इन्हें करने के तरीके और फायदों के बारे में-
1. सलंब सर्वांगासन
यह आसन थायराइड ग्लैंड को सीधे उत्तेजित करता है क्योंकि इस आसन में गर्दन की स्थिति ऐसे होती है, जिससे ब्लड फ्लो थायराइड ग्रंथि तक बढ़ता है। इस योग को करने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और वजन कम करने में मदद मिलती है। यह योगासन आपके शरीर के हार्मोन्स को भी संतुलित रखने का काम करता है। इस आसन को करने के लिए (thyroid ke liye yoga kaise karen) आप अपने पीठ के बल लेट जाएं और फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। इसके बाद कमर को हाथों से सहारा देते हुए शरीर को ऊपर उठाएं ताकि ठोड़ी छाती से लग जाए। फिर अपने पैरों को सीधा ऊपर रखें और गहरी सांस लें।
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2. हलासन
थायराइड कंट्रोल करने के लिए आप अपने फिजिटकल एक्टिविटी में हलासन भी शामिल कर सकते हैं। यह आसन आपके थायराइड ग्लैंड पर सीधा प्रभाव डालता है। इतना ही नहीं इस योग को करने से तनाव कम होता है और रीढ़ को लचीला बनाने में मदद मिलती है। नियमित रूप से इस योग को करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है, जो हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण को कम करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप सलंब सर्वांगासन को करते हुए ही हलासन में जाएं। इसके बाद अपने पैरों को सिर के पीछे जमीन पर धीरे से रखें और हाथों को सीधे जमीन पर रखते हुए शरीर को नॉर्मल करने की कोशिश करें।
3. मत्स्यासन
थायराइड हार्मोन में असंतुलन को संतुलित करने के लिए मत्स्यासन भी बेहद फायदेमंद होता है। इस मुद्रा को करने से थायराइड ग्रंथि को खोलने और उसे संतुलित करने में मदद मिलती है। यह आसान आपके गले और छाती की मांसपेशियों को एक्टिव करते हैं, जो थायराइड के लिए बहुत जरूरी है। इस आसन को करने के लिए आप अपने पीछ के बल लेच जाएं और पैरों को सीधा रख लें। इसके बाद हाथों को जांघों के नीचे रखें और धीरे से छाती को ऊपर की ओर उठाएं। फिर अपने सीर को पीछे की ओर झुकाएं ताकि सिर का ऊपरी हिस्सा जमीन को छु सके।
4. विपरीत करणी मुद्रा
विपरीत करणी योग मुद्रा भी आपके सेहत और थायराइड कंट्रोल करने के लिए एक बेहतरीन आसन माना जाता है। इस मुद्रा को करने से तनाव और एंग्जाइटी कम होती है, जो शरीर में थायराइड असंतुलन का एक बड़ा कारण हो सकता है। इस आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जिससे हार्मोन्स को बैलेंस करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं इस आसन को करने से आपके शरीर की थकान कम होती है और मोटापे पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस आसन को करने के लिए आप दीवार के पास लेट जाएं और अपने पैरों को दीवार से ऊपर टेक लगाकर रख दें। इस दौरान अपनी पीठ को जमीन पर बिल्कुल सीधी रखें और हाथों को शरीर के पास फैलाएं।
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5. मार्जरी आसन-बिटिलासन
थायराइड कंट्रोल करने में मार्जरी आसन और बिटिलासन करना भी बेहद फायदेमंद (cow cat pose for thyroid) होता है, क्योंकि ये आसन न सिर्फ आपके पूरी शरीर के द्वारा होता है, बल्कि गले की मूवमेंट भी अहम भूमिका निभाती है। यह आसन करने से गर्दन और रीढ़ की हड्डियों में लचीलापन लाने में मदद मिलती है, जिससे थायराइड ग्लैंड में ब्लड फ्लो बेहतर होता है। यह मुद्रा आपके शरीर के पूरे एंडोक्राइन सिस्टम को एक्टिव करता है। इस आसन को नियमित करने से न सिर्फ थायराइड हेल्थ पर असर पड़ता है, बल्कि ये आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद माना जाता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले गाय या बिल्ली की मुद्रा में अपने हाथ और घुटने पर आ जाएं। इसके बाद सांस लेते हुए पीठ को नीचे की ओर झुकाएं गाय की मुद्रा में और सिर को ऊपर की ओर उठाएं। फिर सांस छोड़ते हुए पीठ को गोल करें बिल्ली मुद्रा में और सिर नीचे की ओर ले जाएं।
निष्कर्ष
थायराइड ग्लैंड को हेल्दी बनाए रखने के लिए योग करना आपके लिए बेहद फायदेमंद और प्रभावी हो सकता है। इसलिए, अपने थायराइड लेवल को संतुलित करने के लिए आप नियमित रूप से इन आसनों को कर सकते हैं, जो न सिर्फ आपके थायारइड को कंट्रोल करेंगे, बल्कि ये संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा। इसके साथ ही, डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवा, हेल्दी डाइट और पर्याप्त मात्रा में नींद लेना भी आपके लिए बहुत जरूरी है।
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FAQ
थायराइड होने से क्या दिक्कत होती है?
थायराइड होने के कारण आपको शारीरिक और मानसिक रूप से कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि थायराइड ग्लैंड आपके शरीर के कई अहम कामों को प्रभावित कर सकती हैं, जिसमें मेटाबॉलिज्म का धीमा होना, दिल की धड़कनों पर असर और मेंटल हेल्थ जुड़ा है।थायराइड का दर्द कहां होता है?
थायराइड के कारण आमतौर पर आपके गर्दन में दर्द महसूस होता है खासकर थायराइज ग्लैंज के आसपास। यह दर्द सूजन या थायराइडाइटिस के कारण हो सकता है।थायराइड के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
थायराइड होने के शुरुआती लक्षणों में आपके शरीर में बिना किसी ज्यादा मेहनत के थकान महसूस होना, वजन बढ़ना या घटना, बालों का झड़ना, स्किन में ड्राईनेस, कब्ज की समस्या, मांसपेशियों में दर्द और पीरियड्स में गड़बड़ी शामिल है।