Thyroid Ke Liye Konsa Oil Use Karna Chahiye In Hindi: आज के समय में ज्यादातर लोग थायराइड की समस्या से परेशान रहते हैं, जो शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। थायराइड में दो तरह की समस्या होती हैं, हाइपोथायरायडिज्म हो या हाइपरथायरायडिज्म। हाइपोथायरायडिज्म की समस्या में थायराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है। वहीं, हाइपरथायरायडिज्म की समस्या में थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का अधिक उत्पादन करती है। इसके कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में थायराइड की समस्या में लोग सही कुकिंग ऑयल का चुनाव नहीं करते हैं और इसको अनदेखा कर देते हैं, जबकि शरीर में हार्मोन्स को बैलेंस करने और थायराइड की समस्या से राहत देने में पोषक तत्व अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में आइए वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की क्लिनिकल डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशन की प्रमुख निधि सहाय (Nidhi Sahai - Head of Clinical Dietetics & Nutrition at Max Super Speciality Hospital, Vaishali) से जानें थायराइड रोगियों के लिए कौन सा कुकिंग ऑयल अच्छा है?
थायराइड की समस्या में कौन सा कुकिंग ऑयल अच्छा है? - Which Cooking Oil Is Good For Thyroid Problem?
डाइटिशियन निधि सहाय के अनुसार, थायराइड की समस्या में कोल्ड-प्रेस्ड एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, कोल्ड-प्रेस्ड नारियल तेल, अनप्रोसेस्ड मूंगफली का तेल, कोल्ड-प्रेस्ड तिल का तेल और घी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इन तेलों को डाइट में शामिल करने से स्वास्थ्य को हेल्दी रखने और थायराइड की समस्या में राहत देने में सहायक है।
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कोल्ड-प्रेस्ड नारियल तेल
कोल्ड-प्रेस्ड नारियल तेल (Cold-pressed coconut oil) में मीडियम-चेन ट्राइग्लिसराइड्स (MCT) होते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने और शरीर को एनर्जी देने में मदद मिलती है। बता दें, कम एक्टिव थायराइड वाले लोग अक्सर मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहते हैं, साथ ही, इन लोगों में थकान बनी रहती है। ऐसे में नियमित रूप से नारियल तेल में खाना पकाने से शरीर में पोषक तत्वों को अवशोषित करने और शरीर की थकान को कम करने में मदद मिलती है। ध्यान रहे, खाना पकाने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें। इस तेल का स्मोक पाइंट हाई होता है, साथ ही, इसमें अधिक फैट होते हैं। ऐसे में इसका सीमित मात्रा में इस्तेमाल न करने से शरीर में एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। ऐसे में पहले से हार्ट की समस्या या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित लोग इसका इस्तेमाल करने से पहले डाइटिशियन से सलाह जरूर लें।
कोल्ड-प्रेस तिल का तेल
तिल के तेल में अच्छी मात्रा में सेलेनियम और जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व थायराइड के कार्यों को बेहतर करने में मदद मिलती है, साथ ही, इसमें मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड फैट हार्मोन्स को संश्लेषण करने में सहायक होता है। बता दें, कोल्ड-प्रेस तिल के तेल (Cold-Pressed Sesame Oil) को तेज आंच पर नहीं पकाना चाहिए।
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कोल्ड-प्रेस्ड एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल
कोल्ड-प्रेस्ड एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल यानी जैतून के तेल (Cold-Pressed Extra Virgin Olive Oil) में मोनोअनसैचुरेटेड फैट और पॉलीफेनॉल से भरपूर ऑलिव ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और पुरानी बीमारियों से बचाव करने में मदद मिलती है।
कोल्ड-प्रेस्ड या अनप्रोस्सेड मूंगफली का तेल
कोल्ड-प्रेस्ड या अनप्रोस्सेड मूंगफली के तेल में अच्छी मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं, साथ ही, इसमें सेचुरेटेड, मोनोअनसेचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट्स होते हैं। इसका सेवन करने से सूजन को कम करने और मेटाबॉलिज्म को बैलेंस करने में मदद मिलती है।
शुद्ध घी खाएं
घी में हेल्दी फैट्स, विटामिन-ए, ई, डी और के जैसे पोषक तत्व होते हैं। इसमें खाना पकाने से हार्मोन्स को बैलेंस करने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद मिलती है। इसमें खाना पकाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
निष्कर्ष
थायराइड की समस्या में कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल में खाना पकाना फायदेमंद है। इससे पोषक तत्वों का बचाव करने, हानिकारक उत्पादों के उत्पादन और हार्मोन्स के असंतुलन से बचाव करने में मदद मिलती है। ध्यान रहे, ऐसे में थायराइड की समस्या में डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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FAQ
थायराइड होने से शरीर में क्या दिक्कत होती है?
थायराइड की समस्या होने पर लोगों को घबराहट होने, चिड़चिड़ापन होने, स्ट्रेस होने, थकान होने, अनिद्रा होने, अधिक पसीना आने, हार्ट बीट अनियंत्रित होने, बालों के पतला होने, बालों के झड़ने, मांसपेशियों के कमजोर होने और अनिद्रा की समस्या जैसी परेशानियां हो सकती हैं, जो थायराइड की समस्या के लक्षण हैं।थायराइड में क्या खाना चाहिए?
थायराइड की समस्या होने पर लोगों को इसकी सूजन को कम करने के लिए डाइट में साबुत अनाज, सब्जियों और फलों, दाल, ग्रीन टी और नारियल को डाइट में शामिल करना चाहिए। इससे थायराइड की समस्या से राहत देने में मदद मिल सकती है।थायराइड पेशेंट को क्या नहीं खाना चाहिए?
थायराइड के पेशेंट्स को पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली जैसी गोइट्रोजन युक्त सब्जियों, सोया उत्पाद, अल्कोहल, कैफीन, अधिक मीठा, मसालेदार खाने, प्रोसेस्ड फूड, ट्रांस फैट और जरूरत से ज्यादा से ज्यादा फाइबर का सेवन करने से बचें।