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ग्रेव्स डिजीज: हांथों में कंपन के साथ पसीने से तर-बतर हो जाता है शरीर, जानें इस गंभीर बीमारी का कारण

ग्रेव्स डिजीज एक ऐसी ऑटोइम्यून बीमारी है, जो दिखने में साधारण लग सकती है, लेकिन अगर समय पर इसके बारे में पता न चले तो यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं इसके कारण और लक्षणों के बारे में-
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ग्रेव्स डिजीज: हांथों में कंपन के साथ पसीने से तर-बतर हो जाता है शरीर, जानें इस गंभीर बीमारी का कारण


हमारे शरीर में एक थायराइड ग्लैंड होती है, जो गले के सामने वाले हिस्से में तितली के आकार की होती है। यह ग्रंथि शरीर के लिए कुछ जरूरी हार्मोन बनाती है, जो हमारे शरीर को एनर्जी देने, मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने, दिल की धड़कनों को नियमित रखने और शरीर के तापमान को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन, सोचिए अगर आपके शरीर के इतने अहम कामों को संतुलित रखने वाली ये प्रणाली खुद अपने आप आपके शरीर के किसी हिस्से से लड़ने लगे तो इसका प्रभाव आपके शरीर पर कैसे पड़ सकता है? ऐसे ही ग्रेव्स डिजीज एक ऐसी ऑटोइम्यून बीमारी है, जो दिखने में साधारण लग सकती है, लेकिन अगर समय पर इसके बारे में पता न चले तो यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है, खासतौर पर थायराइड ग्लैंड पर। ऐसे में आइए शिवमोग्गा के सह्याद्रि नारायण मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के कंसल्टेंट एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. सुजान आर. मुदादेवन्नावर से जानते हैं कि - ग्रेव्स डिजीज के लक्षण और कारण क्या हैं?

ग्रेव्स डिजीज क्या है? - What is Graves Disease in Hindi?

ग्रेव्स डिजीज एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से शरीर के थायराइड ग्लैंड पर हमला कर देता है, जिसेक कारण थायराइड ग्लैंड जरूरत से ज्यादा मात्रा में थायराइड हार्मोन (T3 और T4) बनाने लगती है। इस स्थिति को पीड़ित व्यक्ति को हाइपरथायरायडिज्म की समस्या होने लगती है। थायराइड हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज़्म, दिल की धड़कन और शरीर के तापमान को कंट्रोल करती है। लेकिन, हार्मोन्स में होने वाली इस गड़बड़ी के कारण शरीर के कई हिस्से पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

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ग्रेव्स डिजीज के लक्षण क्या हैं? - What Are The Symptoms Of Graves Disease in Hindi?

थायराइड हार्मोन शरीर के लगभग हर हिस्से को प्रभावित करता है, इसलिए इसके लक्षण भी बहुत शरीर में अलग-अलग हो सकते हैं जिसमें-

  • भूख नॉर्मल रहने के बावजूद वजन कम होना
  • दिल की धड़कन का तेज या अनियमित होना
  • घबराहट, बेचैनी और मूड स्विंग्स होना
  • गर्मी न सह पाना या बहुत ज्यादा पसीना आना
  • मांसपेशियों में कमजोरी, खासतौर जांघों के आसपास
  • हाथों में कंपन होना
  • बार-बार शौच जाना
  • महिलाओं के पीरियड्स अनियमित होने और पुरुषों में यौन इच्छा की कमी
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आंखों से जुड़ी ग्रेव्स डिजीज के लक्षण - Graves Eye Disease Symptoms in Hindi

कुछ मामलों में ग्रेव्स डिजीज के लक्षण केवल शरीर के अंदर नहीं, बल्कि बाहर भी नजर आत हैं, जिसे ग्रेव्स ऑफ्थैल्मोपैथी के रूप में जाना जाता है और लगभग 30% मरीजों में आंखों से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलती है-

  • आंखों का बाहर उभर आना
  • आंखों में जलन या चुभन जैसा महसूस होना
  • तेज रोशनी से परेशानी होना
  • धुंधली या दोहरी दृष्टि होना
  • आंखों में दर्द या सूजन होना

ग्रेव्स डिजीज होने के कारण - Causes Of Graves Disease in Hindi

ग्रेव्स डिजीज होने का मुख्य कारण इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी है। इसमें शरीर एक शाक एंटीबॉडी बनाता है, जो TSH हार्मोन की नकल करता है और थायराइड ग्लैंड को ज्यादा हार्मोन बनाने के लिए बढ़ावा देता है। इसके होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनमें शामिल है-

  • परिवार में किसी को पहले से ये बीमारी होना
  • अन्य ऑटोइम्यून बीमारी जैसे टाइप 1 डायबिटीज, ल्यूपस, रूमेटॉइड आर्थराइटिस होना
  • बहुत ज्यादा मानसिक या शारीरिक तनाव होना
  • बहुत ज्यादा स्मोकिंग करना

ग्रेव्स डिजीज की जल्दी पहचान क्यों जरूरी है? - Why is Early Recognition Of Graves Disease Important in Hindi?

ग्रेव्स डिजीज न सिर्फ थायराइड से जुड़ी एक समस्या है, बल्कि ये आपके पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, अगर समय पर इस बीमारी की पहचान करके इसका इलाज किया जाए तो कई गंभीर परेशानियों को होने से रोका जा सकता है- जैसे-

  • दिल से जुड़ी समस्याएं जैसे अनियमित दिल की धड़कन और दिल की धड़कन का रुकना
  • ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या, जिसमें हड्डियां कमजोर होकर आसानी से टूट सकती हैं
  • थायराइड स्टॉर्म, जो एक बहुत ही गंभीर और जानलेवा स्थिति है, जिसमें थायराइड हार्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगते हैं, जिसके कारण तेज बुखार, दिल की धड़कन तेज होना और बेहोशी जैसी स्थितियां हो सकती है।

निष्कर्ष

ग्रेव्स डिजीज एक गंभीर लेकिन कंट्रोल करने वाली बीमारी है। अगर इसके लक्षणों को अनदेखा न किया जाए और समय पर डॉक्टर से सलाह ली जाए तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

Image Credit: Freepik

FAQ

  • ग्रेव्स डिजीज की जांच कैसे करें?

    अगर आपके शरीर में ग्रेव्स डिजीज से जुड़ी कोई लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर की सलाह पर आप TSH, T3 और T4 ब्लड टेस्ट करवाएं। इसके साथ ही थायराइड स्कैन या अल्ट्रासाउंड से भी ग्लैंड की स्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है।
  • ग्रेव्स रोग किस कमी से होता है?

    ग्रेव्स डिजीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो थायराइड ग्लैंड को प्रभावित करती है, जिसके कारण यह ग्रंथि बहुत ज्यादा एक्टिव हो सकती है। यह समस्या शरीर में किसी खास पोषक तत्व की कमी से नहीं होती है, बल्कि इम्यून सिस्टम के द्वारा गलती से थायराइड ग्लैंड पर हमारे करने के कारण होती है।
  • थायराइड का दर्द कहां होता है?

    थायराइड का दर्द आमतौर पर गर्दन में महसूस होता है, खासकर थायराइड ग्लैंड के आसपास। यह दर्द गर्दन के एक तरफ से दूसरी तरफ जा सकता है, जो जबड़े और कान तक भी फैल सकता है।

 

 

 

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