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बच्चों को ऑटोइम्यून रोग के क्या कारण हो सकते हैं? जानें इस समस्या के लक्षण

बच्चे को सर्दी-जुकाम, खांसी और डायरिया आदि समस्याएं होना एक आम परेशानी मानी जाती है। लेकिन, कुछ बच्चों में ऑटोइम्यून रोग की वजह से डायबिटीज, हैशिमोटो थायरॉयडिटिस और ग्रेव्स डिजीज हो सकता है। आगे जानते हैं ऑटोइम्यून रोग के कारण और लक्षण क्या हो सकते हैं।
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बच्चों को ऑटोइम्यून रोग के क्या कारण हो सकते हैं? जानें इस समस्या के लक्षण


अभिभावक अक्सर बच्चों के बीमार होने पर घबरा जाते हैं। मौसम में बदलाव व संक्रमण के कारण बच्चों को वायरल, बुखरा, सर्दी-जुकाम, खांसी और डायरिया जैसी समस्या देखने को मिलती है। लेकिन, कई बार बच्चों को कुछ गंभीर और जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इन रोगों को ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune Diseases) कहते हैं। इसमें टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes), जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस (JIA), सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (SLE) और सेलेक डिजीज (Celiac Disease) को शामिल किया जाता है। जब आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता गलती से आपके शरीर के टिश्यू और अंगों को डैमेज करने लगती है, तो इसे ऑटोइम्यून रोग कहा जाता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स डॉक्टर दीपिका रुस्तगी से जानते हैं कि बच्चों में ऑटोइम्यून रोग के कारण और लक्षण क्या हो सकते हैं।

बच्चों में होने वाले कुछ सामान्य ऑटोइम्यून रोग - Some Common Autoimmune Diseases in Children In Hindi

हमारा इम्यून सिस्टम शरीर को बैक्टीरिया, वायरस, फंगस आदि से बचाने के लिए एंटीबॉडीज और प्रतिरक्षा कोशिकाएं बनाता है। लेकिन जब यह सिस्टम किसी गड़बड़ी के कारण शरीर के अपने अंगों को बाहरी तत्व समझकर उन पर हमला करने लगता है, तो यह स्थिति ऑटोइम्यून डिजीज कहलाती है। बच्चों में यह रोग दुर्लभ होते हैं, लेकिन समय रहते पहचान और इलाज न हो तो यह जीवनभर की समस्या बन सकते हैं। इसमें कुछ तरह के रोग होने की संभवना अधिक होती है, आगे जानते हैं इन रोगों के बारे में विस्तार से।

  • टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) - इसमें इम्यून सिस्टम पैंक्रियाज (pancreas) की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है।
  • जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस (JIA) - कुछ बच्चों को जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है, ऐसे में उनको चलने-फिरने में कठिनाई होती है। इसे जुवेनाइल अर्थराइटिस कहा जाता है।
  • सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (SLE) - यह शरीर के विभिन्न अंगों (त्वचा, किडनी, जोड़ों) को प्रभावित कर सकता है।
  • सिलिएक डिजीज (Celiac Disease) - कुछ बच्चों को गेहूं, जौ आदि में मौजूद ग्लूटेन प्रोटीन से एलर्जी हो जाती है, जिससे आंतों को नुकसान पहुंचता है।
  • हैशिमोटो थायरॉयडिटिस और ग्रेव्स डिजीज - यह रोग गले के पास स्थित थायरॉयड ग्रंथि पर असर डालते हैं।

autoimmune disease in children

बच्चों में ऑटोइम्यून रोग के कारण - Causes Of Autoimmune Disease in Children In Hindi

ऑटोइम्यून रोग के सटीक कारण आज भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन वैज्ञानिकों ने कुछ प्रमुख कारणों की पहचान की है। जिनको आगे बताया गया है।

  • अनुवांशिकता (Genetics): यदि परिवार में किसी को ऑटोइम्यून डिजीज है, तो बच्चे को भी यह हो सकती है।
  • पर्यावरणीय कारण (Environmental Triggers): कुछ वायरस, बैक्टीरिया या संक्रमण इम्यून सिस्टम को ट्रिगर कर सकते हैं।
  • हार्मोनल असंतुलन: कुछ रोग किशोरावस्था में हार्मोनल बदलाव के कारण उभरते हैं।
  • एलर्जी या अति-संवेदनशीलता: कुछ बच्चों का इम्यून सिस्टम बहुत तेज प्रतिक्रिया करता है, जिससे वह गलती से शरीर के टिश्यू को नुकसान पहुंचाने लगता है।

बच्चों में ऑटोइम्यून रोग के क्या लक्षण हो सकते हैं? - Symptoms Of Autoimmune Disease In Children In Hindi

ऑटोइम्यून रोग के लक्षण उस पर निर्भर करते हैं कि कौन-सा अंग प्रभावित हो रहा है। आगे जानते हैं इस समस्या के कुछ लक्षण

  • लगातार बुखार या थकान
  • जोड़ों में सूजन और दर्द
  • त्वचा पर चकत्ते या लाल धब्बे
  • बार-बार पेट दर्द या दस्त
  • वजन में अचानक कमी
  • बालों का झड़ना
  • आंखों में सूजन या दर्द
  • थकावट और एकाग्रता में कमी
  • ग्रोथ में रुकावट या उम्र से पीछे रह जाना
  • यदि बच्चे में लगातार ऐसे लक्षण दिख रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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बच्चों में ऑटोइम्यून रोग का इलाज दवाओं, इंसुलिन इंजेक्शन, ग्लूटेन-फ्री डाइट, फिजियोथेरेपी और योग करने की सलाह दी जाती है। ऑटोइम्यून रोग बच्चों में दुर्लभ जरूर हैं, लेकिन यह गंभीर भी हो सकते हैं। समय पर इनकी पहचान कर सही उपचार और इमोशनल समर्थन से बच्चा एक स्वस्थ और सामान्य जीवन जी सकते हैं। इस दौरान अभिभावकों को धैर्य और उचित देखभाल से बच्चे के परेशानी को कम करना चाहिए।

FAQ

  • बच्चों में वायरल इन्फेक्शन क्या होता है?

    बच्चों में वायरस के कारण केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) में होने वाला संक्रमण मेनिनजाइटिस और एन्सेफ़ेलाइटिस का कारण बन सकता है।
  • बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करें घरेलू उपाय?

    बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने पर आप सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है। यदि,लक्षण हल्के हो तो आप कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं। इनमें बच्चे को गर्म तरल पदार्थ, बलगम को ढीला करने के लिए गर्म सिकाई और भाप लेना शामिल हैं।

 

 

 

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