What Happens When TLC Increase in Blood: हमारे शरीर में खून का विशेष महत्व है। खून न सिर्फ शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है, बल्कि शरीर के अंगों को पोषित भी करता है। लेकिन ये बात बहुत ही कम लोगों को पता होती है कि शरीर की तरह ही खून में कई प्रकार की कोशिकाएं होती हैं, जिनमें से सफेद रक्त कोशिकाएं (WBCs – White Blood Cells) का एक बड़ा महत्व होता है। इन्हीं सफेद रक्त कोशिकाओं की कुल संख्या को मेडिकल भाषा में टीएलसी (TLC - Total Leukocyte Count) कहा जाता है।
हरियाणा के सोनीपत स्थित एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल की रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. बबीता बंसल का कहना है कि TLC हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम का आईना है। जब शरीर में कोई संक्रमण, सूजन या रोग होता है, तो TLC की मात्रा सामान्य से अधिक हो सकती है। इस स्थिति को "Leukocytosis" कहा जाता है।
गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर लोग अपनी ब्लड रिपोर्ट को पढ़ नहीं पाते हैं, जिसकी वजह उन्हें टीएलसी की जानकारी नहीं होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में टीएलसी बढ़कर आए, तो यह चिंताजनक स्थिति है और आपको इस पर विचार करना चाहिए। इस लेख के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं टीएलसी बढ़ने पर क्या होता (TLC Badhne Par kya Hote hai) है?
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टीएलसी क्या है- What is TLC in Hindi
डॉक्टर के अनुसार, टीएलसी यानी की कुल ल्यूकोसाइट काउंट (TLC) खून में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाओं (जिन्हें ल्यूकोसाइट्स भी कहा जाता है) की संख्या को कहा जाता है। ये कोशिकाएं आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में एक मौलिक भूमिका निभाती हैं, जो विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से बचाव करती हैं। जिस व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं कम हो जाती है, तो उसे बीमारियां बहुत ही आसानी से घेर लेती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना है कि सफेद रक्त कोशिकाएं कम होने से सर्दी, जुकाम और मौसमी बुखार का खतरा हमेशा ही बना रहता है। सफेद रक्त कोशिकाएं लगातार घटती रहती है, तो इससे बड़ी बीमारी होने का खतरा रहता है।
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TLC की सामान्य सीमा क्या होती है?
डॉ. बबीता बंसल का कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के खून में TLC का स्तर सामान्य रूप से 4,000 से 11,000 प्रति माइक्रोलिटर (mcL) होता है। जब TLC 11,000 से अधिक हो जाए, तो इसे हाई TLC या Leukocytosis कहा जाता है। यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि किसी अन्य अंदरूनी समस्या या संक्रमण का संकेत हो सकता है।
टीएलसी बढ़ने के कारण - Causes of Increased TLC
डॉ. बबीता बंसल के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के शरीर में टीएलसी बढ़ने के कई कारण होते हैं। इसमें शामिल हैः
1. बैक्टीरियल संक्रमण -Bacterial Infection
जब शरीर में किसी बैक्टीरिया का हमला होता है, तो शरीर इम्यून सिस्टम एक्टिव हो जाता है। लेकिन लंबे समय तक बैक्टीरियल इंफेक्शन की समस्या होने पर टीएलसी लेवल बढ़ता है।
2. वायरल संक्रमण - Viral Infection
कोरोना, डेंगू और कई वायरल संक्रमणों में भी TLC को हल्का बढ़ सकता है। हालांकि वायरस से लड़ने में आमतौर पर लिम्फोसाइट्स की भूमिका अधिक होती है।
3. सूजन या चोट - Inflammation or Injury
शरीर में किसी हिस्से में लगने वाली चोट, किसी प्रकार की जलन और सूजन की समस्या भी टीएलसी लेवल को बढ़ाती है।
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4. धूम्रपान और तनाव
लंबे समय तक मानसिक तनाव में रहने और तनाव के कारण धूम्रपान व शराब का सेवन करने से भी टीएलसी बढ़ सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा की गई रिसर्च बताती है जो लोग अक्सर धूम्रपान करते हैं, उनका टीएलसी अक्सर बढ़ा हुआ रहता है।
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TLC बढ़ने पर शरीर में क्या होता है- What happens in the body when TLC grows
डॉ. बबीता बंसल की मानें, तो जब किसी व्यक्ति के शरीर का टीएलसी बढ़ा हुआ आता है, तो उस समय शरीर इस बात का संकेत देता कि आपको कोई बीमारी है या आने वाले समय में होने वाली है। टीएलसी बढ़ने पर निम्नलिखित परेशानियां हो सकती हैं।
1. बुखार और थकावट : टीएलसी का बढ़ा हुआ होना विभिन्न प्रकार के संक्रमण की ओर इशारा करता है, जिससे व्यक्ति को बुखार, कंपकंपी और थकान महसूस हो सकती है।
2. सांस लेने में दिक्कत : यदि संक्रमण फेफड़ों या श्वसन तंत्र से जुड़ा हो, तो सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
3. हार्ट बीट तेज होना : बढ़ा हुआ TLC के कारण अक्सर लोगों को दिल की धड़कन तेज हो जाती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा कई गुणा ज्यादा होता है।
4. स्किन रैशेज या खुजली : खून में टीएलसी बढ़ने पर त्वचा पर खुजली, जलन और रैशेज की परेशानी हो सकती है। अगर त्वचा पर अक्सर लालिमा या सूजन का एहसास होता है, तो ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं।
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टीएलसी कम होने के कारण होने वाली बीमारियां- Diseases caused by TLC reduced
डॉक्टर का कहना है कि टीएलसी के कम होने से सबसे पहले इम्यूनिटी से जुड़ी बीमारियां आपको परेशान करती हैं। जिसके कारण मौसम बदलने पर बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है। सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी से ल्यूकेमिया या ब्लड कैंसर, हेपेटाइटिस आदि के होने का खतरा बना रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा समय में लोगों के खानपान में कमी, अनियमित जीवनशैली के कारण शरीर की सफेद रक्त कोशिकाएं (व्हाइट ब्लड सेल्स) कमजोर पड़ रही हैं। इसे ठीक करने के लिए सबसे पहले खानपान को सुधारने की जरूरत है।
व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ाने का तरीका- Remedies for White Blood Cells
व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाने के लिए खानपान और जीवनशैली में सुधार करने की जरूरत है। इसके लिए आप अपनी डाइट में पपीते की पत्तियां, अदरक, लैवेंडर ऑयल जैसी चीजों को शामिल कर सकते हैं।
पपीते की पत्तियां
पपीते की पत्तियों में एसिटोजिनिन (acetogenins) पाया जाता है। यह पोषक तत्व शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाकर इम्यूनिटी को मजबूत बना सकता है। व्हाइट सेल्स बढ़ाने के लिए आप महीने में एक बार पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं।
लहसुन
शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाने के लिए लहसुन काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाने में असरदार हो सकते हैं। रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन का सेवन करने से व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाने में मदद मिलती है।
दही
दही स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। ब्लड में व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाने के लिए भी यह फायदेमंद हो सकता है। व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ाने के लिए नियमित रूप से अपने डाइट में 1 कटोरी दही को शामिल करें। इससे आपके शरीर को काफी फायदा हो सकता है।
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निष्कर्ष
खून में TLC का बढ़ना अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह किसी अंदरूनी बीमारी या संक्रमण का संकेत है। टीएलसी बढ़ना एक चेतावनी है कि शरीर का इम्यून सिस्टम एक्टिव है और किसी समस्या से जूझ रही है। TLC के बढ़ने को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।
FAQ
TLC का टेस्ट कैसे किया जाता है?
TLC की जांच Complete Blood Count (CBC) टेस्ट के जरिए की जाती है, जिसमें खून की सभी कोशिकाओं की संख्या जांची जाती है।TLC बढ़ने पर इलाज क्या होता है?
टीएलटी बढ़ने पर इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। टीएलसी बढ़ने पर संक्रमण में एंटीबायोटिक, एलर्जी में एंटीहिस्टामिन, सूजन में एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं और कैंसर में कीमोथेरेपी जैसे इलाज काम करते हैं।क्या घरेलू उपायों से TLC को कंट्रोल किया जा सकता है?
हां घरेलू उपायों को करने से TLC को कंट्रोल किया जा सकता है। गिलोय, आंवला, हल्दी-दूध, लहसुन, तुलसी का सेवन करने से बढ़े हुए टीएलसी को कंट्रोल किया जा सकता है।क्या TLC बढ़ने से कोई खतरा होता है
हां, TLC अधिक बढ़ने से शरीर में गंभीर संक्रमण, सूजन या ब्लड कैंसर जैसी बीमारियों का संकेत मिल सकता है, जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।