Expert

Melatonin: 7 बजे शाम के बाद शुरू होता है इस हार्मोन का खेल, जानें शुगर, मेटाबॉलिज्म और फैट पर इसका असर

सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने हाल ही में बताया कि क्यों 7 बजे शाम के बाद खाना नहीं खाना चाहिए। साथ ही जानेंगे कि मेलाटोनिन हार्मोन का असर शुगर, मेटाबॉलिज्म और फैट पर कैसा असर होता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
Melatonin: 7 बजे शाम के बाद शुरू होता है इस हार्मोन का खेल, जानें शुगर, मेटाबॉलिज्म और फैट पर इसका असर

सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा हमेशा सेहत के लिए कुछ न कुछ हेल्दी टिप्स शेयर करती रहती हैं। ऐसे में हाल ही में उन्होंने अपने एक पोस्ट में बताया कि कैसे 7 बजे शाम के बाद शरीर में मेलाटोनिन बढ़ने लगता है और इसका आपकी सेहत पर कैसा असर हो सकता है। दरअसल, इस पोस्ट में पूजा मखीजा बता रही हैं कि सूरज ढ़लने के साथ शरीर में मेलाटोनिन बढ़ने लगता है और रात 10 बजे तक ये अपने पीक पर रहता है। मेलोटोनिन हार्मोन नींद से जुड़ा हार्मोन है जिसकी वजह से आप बेहतर महसूस करते हैं,रिलैक्स फील करते हैं और स्लो होने लगते हैं। ये स्लो होना असल में मानसिक सेहत से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि शरीर का मेलाटोनिन पर असर है। दरअसल, इस दौरान शरीर के हर अंग का कामकाज स्लो पड़ने लगता है और इसलिए पुराने लोग 7 बजे के बाद खाना पीना बंद कर देते थे। ये कुछ ऐसा होता था जैसे कि शाम होते ही शरीर का गेट बंद हो जाना लेकिन सवाल उठता है कि मेलाटोनिन हाई होने के साथ क्या होता है (melatonin levels too high)


इस पेज पर:-


मेलाटोनिन हाई होने के साथ क्या होता है-What happens when melatonin levels are high after 7 pm evening

सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा बताती हैं कि मेलाटोनिन हाई होने से शरीर पर गहरा असर होता है और शरीर के तमाम काम स्लो पड़ने लगते हैं। जैसे कि सबसे पहले मेलाटोनिन हाई होने की वजह से शुगर स्पाइक बढ़ने लगता है और शरीर की शुगर पचाने की गति प्रभावित होने लगती है।

इंसुलिन सेंसिटिविटी में आती है कमी

सोने से 2-3 घंटे पहले मेलाटोनिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता 50% तक कम हो जाती है और फैट कोशिकाएं स्टोरेज मोड में चली जाती हैं। इसलिए, एक ही भोजन का असर शाम 7 बजे और रात 10 बजे बहुत अलग होता है। यही जब आप 7 बजे से पहले खा लेते हैं तो जल्दी पच जाता है और शुगर स्पाइक नहीं होता और जब आप बजे शाम के बाद खाते हैं तो तुरंत शुगर स्पाइक बढ़ता है।

इसे भी पढ़े: अगर रात में नींद ना आए तो डाइट में शामिल करें इन 2 चीजों से भरपूर फूड्स, अपने आप महसूस होगा बदलाव

मोटापा बढ़ता है

आपको जानकर हैरानी हो सकती है शाम 7 बजे के बाद जो भी आप खाते हैं ये जमा होने लगता है और फैट मोड स्टार्ट हो जाता है। इस दौरान मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है और तेजी से वजन बढ़ने लगता है। इसलिए भी बजे शाम के बाद खाना खाना आपका वजन तेजी से बढ़ा सकता है और आप मोटापे के शिकार हो सकते हैं।

weight_gain

कैलोरी बर्न करने की क्षमता आधी हो जाती है

शाम 7 बजे से 10 बजे के बीच शरीर का हर अंग धीमे-धीमे काम करता है जिससे शरीर की कैलोरी बर्न करने क्षमता कम होने लगती है और धीमे-धीमे आपका शरीर वेट गेन करने लगता है। इस स्लो मेटाबॉलिज्म के साथ आप जो भी खाते-पीते हैं वो पूरी तरह से पतने की जगह शरीर में जमा होने लगता है जिससे कब्ज, एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या होती है।

इसे भी पढ़े: मेलाटोनिन हार्मोन को बैलेंस करता है शहद, अच्छी नींद के लिए जानें सेवन का तरीका

इसके अलावा इन दौरान का खान-पान शरीर में सूजन की वजह भी बनता है इसलिए आपको अपनी लाइफस्टाइल को सही करते हुए रोजाना 7 बजे से पहले खाना खा लेना चाहिए। अगर आप इसे फॉलो करेंगे तो अपने आप ही कई बीमारियों से बचे रहेंगे। तो सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा की बात मानें और लाइफस्टाइल में बड़ा बदलाव करें।

यह विडियो भी देखें

FAQ

  • क्या मेलाटोनिन रात में रिलीज होता है?

    मेलाटोनिन एक ऐसा हार्मोन है जो कि शाम ढ़लने के साथ शरीर द्वारा अपने आर रिलीज होने लगता है। ये सुबह सूरज की गति को देखकर शुरू होता है और बॉडी क्लॉक के साथ सेट हो जाता है। इसे शरीर खुद बनाता है और जिनमें इनकी कमी होती है उन्हें नींद कम आती है।
  • क्या दूध पीने से मेलाटोनिन बढ़ता है?

    दूध पीने से मेलाटोनिन बढ़ता है क्योंकि इसमें ट्रिप्टोफैन (Tryptophan) होता है जो कि मेलाटोनिन बूस्टर की तरह है और रात में नींद आने वाले लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है।
  • कौन से खाद्य पदार्थ सेरोटोनिन और ट्रिप्टोफैन से भरपूर होते हैं?

    एवोकाडो, खजूर, अंगूर, खरबूज, केले, अनानास, केले, कीवी और दूध सब सेरोटोनिन और ट्रिप्टोफैन से भरपूर होते है और इन दोनों ही हार्मोन को बढ़ावा देते हैं।

 

 

 

Read Next

ये 5 लक्षण बता रहे हैं आपको ब्लड टेस्ट की है जरूरत, न करें इग्नोर

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Dec 21, 2025 10:45 IST

    Published By : Pallavi Kumari

TAGS