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मेंस्ट्रुअल फेज के हिसाब से खाएं ये फूड्स, एक्सपर्ट से जानें कब क्या खाना होता है फायदेमंद

महिलाएं मेंस्ट्रुअल फेज के दौरान जो भी चीजें खाती हैं, उसका सीधा असर उनकी सेहत पर होता है। यही वजह है कि महिलाओं को अपनी डाइट का एक्स्ट्रा ख्याल रखने की जरूरत होती है। ऐसे में आइए न्यूट्रिशनिस्ट से जानते हैं कि मेंस्ट्रुअल फेज में आपको किन चीजों का सेवन करना चाहिए?   
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मेंस्ट्रुअल फेज के हिसाब से खाएं ये फूड्स, एक्सपर्ट से जानें कब क्या खाना होता है फायदेमंद


पीरियड्स अपने आप में कोई समस्या नहीं होते हैं, लेकिन ये अपने साथ कई अन्य परेशानियां लेकर आते हैं। अगर आप ये समझते हैं कि महिलाओं को पीरियड्स की वजह से हर महीने में सिर्फ 7-8 दिनों की परेशानी होती है, तो ऐसा बिलकुल भी नहीं है। दरअसल, मेंस्ट्रुएशन को 4 फेज में बांटा जाता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में पोषक-तत्वों, उर्जा और खून की कमी होती है। ऐसे में आराम करना और अच्छी डाइट का सेवन बहुत जरूरी हो जाता है। हालांकि, महिलाओं को हर फेज के हिसाब से अपनी डाइट में बदलाव करने पड़ते हैं। इस बारे में न्यूट्रिशनिस्ट लीमा महाजन ने एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में उन्होंने मेंस्ट्रुएशन के 4 फेज और इनमें खाई जाने वाली चीजों के बारे में बताया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि किस फेज में महिलाओं को किन चीजों का सेवन करना चाहिए।

मेंस्ट्रुएशन के 4 फेज कौन-से हैं?

मेंस्ट्रुएशन के चार फेजों में पहला मासिक धर्म है। इसे इंग्लिश में मेंस्ट्रुअल फेज कहा जाता है। दूसरे फेज को कूपिक चरण कहते हैं। इसे फॉलिक्युलर फेज (Follicular Phase) कहा जाता है। तीसरे चरण अंडोत्सर्ग है। इसे ओवुलेटरी फेज (Ovulatory Phase) कहा जाता है। वहीं, चौथे और आखिरी चरण को पीत चरण और इंग्लिश में ल्यूटियल फेज (Luteal Phase) कहा जाता है। आइए अब इन फेज में खाई जाने वाली चीजों के बारे में जानते हैं।

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मेंस्ट्रुअल फेज में क्या खाना चाहिए?

menstrual phase diet

  • मासिक धर्म के दौरान क्या खाएं

मासिक धर्म का फेज सबसे पहला होता है। यह फेज शुरुआती 5 दिनों का होता है। इस दौरान शरीर से खून निकल रहा होता है। ऐसे में आयरन की मात्रा बढ़ाने की जरूरत होती है। इसके अलावा, ऐठन को कम करने वाली चीजों का सेवन करना फायदेमंद होता है। आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए आप पालक, दाल, चुकंदर और कद्दू के बीज खा सकते हैं। इसके अलावा, ऐठन कम करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी चीजों को डाइट में शामिल करें। आप हल्दी, अदरक और ओमेगा-3 से भरपूर अखरोट खा सकते हैं।

  • फॉलिक्युलर फेज के दौरान क्या खाएं

दूसरा चरण यानी फॉलिक्युलर फेज 6 से 14 दिनों तक चलता है। इस दौरान शरीर को एनर्जी और एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ाने की जरूरत होती है। ऐसे में एस्ट्रोजेन बढ़ाने के लिए डाइट में अलसी के बीज, स्प्राउट्स बीन्स और तिलों का सेवन कर सकते हैं। शरीर में एनर्जी बढ़ाने के लिए आप ताजे फल और क्विनोआ जैसे कॉम्प्लेक्स कार्ब्स का सेवन कर सकती हैं।  

 
 
 
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  • ओवुलेटरी फेज के दौरान क्या खाएं

ओवुलेटरी फेज तीसरा चरण होता है। यह फेज 14वें दिन होता है। ओव्यूलेटरी फेज के दौरान, महिलाएं सबसे ज्यादा फर्टाइल होती हैं और प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है। इस दौरान लिवर को डिटॉक्स करना चाहिए। ऐसे में आप ब्रोकोली और गोभी, खट्टे फल और हरी चाय जैसी क्रुसिफेरस सब्जियां खा सकती हैं। इससे एस्ट्रोजन लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

  • ल्यूटियल फेज के दौरान क्या खाएं

ल्यूटियल फेज आखिरी होता है। यह 15 से 28 दिन तक चलता है। इस फेज में गर्भाशय को संभावित गर्भावस्था के लिए तैयार किया जाता है। इस दौरान महिलाओं को अगले महीने की मेंस्ट्रुअल साइकिल के लिए तैयार होना होता है। ऐसे में मैग्नीशियम, विटामिन-बी6, सी और जिंक की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। मैग्नीशियम के लिए आप डार्क चॉकलेट, बादाम और पालक खा सकती हैं। विटामिन बी6 के लिए केले, चने और सूरजमुखी के बीज फायदेमंद होंगे। इसके अलावा, जिंक और विटामिन सी के लिए कद्दू के बीज और संतरे खा सकती हैं।

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महिलाएं मेंस्ट्रुअल फेज में शरीर की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग चीजें खा सकती हैं। इससे बॉडी अगली साइकिल को शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। इस हेल्दी डाइट की मदद से महिलाएं मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान अपना ज्यादा अच्छी तरह से ध्यान रख सकती हैं।   

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