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क्या आप भी करते हैं एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट से जुड़े इन 4 मिथक पर भरोसा, जानें इनके बारे में

एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट से जुड़ी बातों पर लोग बिना सोचे-समझें भरोसा कर लेते हैं। यहां जानें एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट से जुड़े कुछ मिथक के बारे में।
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क्या आप भी करते हैं एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट से जुड़े इन 4 मिथक पर भरोसा, जानें इनके बारे में


What Is the Truth About Inflammation: एक्ट्रेस विद्या बालन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट पर बात की है। उन्होंने बताया है कि एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट फॉलो करके उन्होंने कुछ ही महीनों में वजन घटाया है। तभी से एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियों में बनी हुई है। कई फिटनेस एक्सपर्ट और न्यूट्रिशनिस्ट भी एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट के फायदों पर बात कर चुके हैं। लेकिन वहीं कई लोग बिना किसी प्रमाण के एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट से चीजों पर बात कर रहे हैं। क्या ये सभी बाते सच हैं या महज मिथक है। इस बार में जानने के लिए हमने बात कि गुरुग्राम के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल की न्यूट्रिशनिस्ट एंड डायटेटिक्स हेड डायटिशियन परमीत कौर से। आइए इस लेख में जानें एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट से जुड़े कुछ मिथक के बारे में।

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एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई- Myths and Facts About Anti Inflammatory Diet

एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट सिर्फ एक ट्रेंड है

कई लोग मानते हैं एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट सिर्फ एक ट्रेंड है। लंबे समय तक इस डाइट को फॉलो करना संभव नहीं है। जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है। क्योंकि ट्रेडिशनल डाइट में इन चीजों का सेवन काफी समय से हो रहा है। एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लंबे समय में भी सेहत के लिए फायदेमंद है। इसे ट्रेंड के बजाय एक परमानेंट हैबिट की तरह फॉलो करना चाहिए।

डाइट में सभी इंफ्लेमेटरी फूड्स अवॉइड करने चाहिए

कई लोग मानते हैं डाइट फॉलो करने के दौरान सभी इंफ्लेमेटरी फूड्स अवॉइड करना जरूरी है। एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट से जुड़ा यह मिथक गलत है। क्योंकि आपको पहले अपना इंफ्लेमेशन टाइप समझना होगा। एक्यूट इंफ्लेमेशन शरीर में कोई चोट लगने के कारण होती है और कुछ समय तक रहती है। ऐसे में कुछ ही समय तक फूड हैबिट बदलनी होती है। लेकिन क्रोनिक इंफ्लेमेशन शरीर में बीमारियों की वजह बनती है। इसलिए इसमें लंबे समय पर एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट फॉलो करनी पड़ती है।

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एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट सिर्फ कुछ हेल्थ कंडीशन में जरूरी होती है

अधिकतर लोग इसे हेल्थ कंडीशन होने पर फॉलो करते हैं। जबकि एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट हर किसी के लिए फायदेमंद होती है। एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट फॉलो करने से आपको पर्याप्त पोषक तत्व मिलेंगे। ये डाइट कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ, इम्यूनिटी बूस्ट करने और वजन कम करने में मददगार होती है। खासकर अगर आप एंटी-इंफ्लेमेटरी मसाले डाइट में इस्तेमाल करते हैं, तो इससे आपको ज्यादा फायदे मिलेंगे।

सप्लीमेंट्स एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट को रिप्लेस कर सकते हैं

कई लोग मानते हैं कि सप्लीमेंट्स लेने से आपको एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट फॉलो करने की जरूरत नहीं है। जबकि सप्लीमेंट्स भी डाइट फॉलो करने के साथ ठीक से काम करते हैं। अगर आप केवल सप्लीमेंट्स लेते हैं, तो इससे आपको ज्यादा फायदे नहीं मिलेंगे। सप्लीमेंट्स न्यूट्रिएंट्स की कमी पूरा करने के लिए डाइट में शामिल किये जाते हैं। लेकिन केवल सप्लीमेंट्स लेने से आप इंफ्लेमेशन खत्म नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट और सप्लीमेंट्स दोनों साथ में फॉलो करना जरूरी है।

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अगर आप भी डाइट से जुड़े ऐसे ही किसी मिथक पर भरोसा कर लेते हैं, तो पहले इसकी सच्चाई का पता जरूर लगाएं। लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए एक्सपर्ट से बात की।

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