Medical myths and facts: उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में कई बदलाव होते हैं। ऐसे में कई लोगों की याददाश्त भी कमजोर होना शुरू हो जाती है। उम्र बढ़ने के साथ ब्रेन फंक्शन स्लो हो जाते हैं, जिस कारण डिमेंशिया भी हो सकता है। यह एक मानसिक स्थिति होती है, जो उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में अगर मरीज को सही देखभाल और इलाज मिलता है, तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है। यह समस्या बेहद सामान्य है। इसलिए इससे जुड़ी कही-सुनी बातों पर लोग बिना सोचे-समझें भरोसा कर लेते हैं। आइये लेख में एक्सपर्ट से जानें डिमेंशिया से जुड़े (Misconception about dementia) कुछ मिथक के बारे में।
मिथक- डिमेंशिया एक बीमारी है
कई लोग डिमेंशिया को बीमारी मानते हैं। जबकि यह सोचने और याद रखने की क्षमता कम होने की समस्या है, जिससे रोजमर्रा की गतिविधियों पर असर पड़ सकता है। अल्जाइमर जैसी कई मानसिक स्थितियां डिमेंशिया की वजह बन सकती हैं। इसे मानसिक स्थिति में आने वाले बदलावों के कारण होने वाली समस्या कहा जा सकता है।
मिथक- डिमेंशिया जेनेटिक होता है
कई लोग मानते हैं कि अगर परिवार में कभी किसी को डिमेंशिया हुआ है, तो आने वाली पीढ़ी को भी डिमेंशिया होता है। लेकिन इस बात से जुड़ी कोई रिसर्च अभी सामने नहीं आई है। डिमेंशिया कुछ हद तक जेनेटिक हो सकता है। लेकिन लाइफस्टाइल और मेंटल स्ट्रेस के कारण इसका रिस्क ज्यादा हो सकता है। अगर हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो किया जाए, तो इसके रिस्क को कंट्रोल किया जा सकता है।
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मिथक- मेमोरी लॉस हमेशा डिमेंशिया में होता है
कभी-कभार चीजें भूल जाना हमेशा डिमेंशिया नहीं होता है। यह लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याओं की वजह भी हो सकता है। मेमोरी लॉस डिमेंशिया का इकलौता संकेत नहीं है। इस समस्या में व्यक्ति में अन्य संकेत भी नजर आते हैं।
मिथक- डिमेंशिया के कारण व्यक्ति सभी यादें भूल जाता है
ऐसा जरूरी नहीं कि डिमेंशिया में व्यक्ति सभी यादें भूल जाता है। अल्जाइमर की बीमारी (जो डिमेंशिया का ही प्रकार है) में व्यक्ति को आजकल या कुछ दिनों पहले हुई चीजों को भूल सकता है। लेकिन ऐसे में जरूरी नहीं कि उसे अपने बचपन या कुछ साल पहले ही बातें याद न हो।
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मिथक- सिर्फ बूढ़े लोगों को डिमेंशिया होता है
डिमेंशिया से जुड़ा यह मिथक बिलकुल गलत है। क्योंकि, कई तरह के डिमेंशिया लोगों को कम उम्र में हो जाता है। जैसे कि कम उम्र में होने वाली अल्जाइमर की बीमारी 50 कि उम्र में भी लोगों को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया भी कम उम्र में हो सकता है।
निष्कर्ष
लेख में हमने एक्सपर्ट से डिमेंशिया से जुड़े कई मिथक के बारे में जाना है। इस बीमारी से जुड़े किसी भी कही-सुनी बात पर भरोसा करने के बजाय डॉक्टर से उसकी सच्चाई जाननी चाहिए। डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति को देखभाल और इलाज से ठीक किया जा सकता है। लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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Oct 03, 2025 07:05 IST
Published By : Isha Gupta