Myths Related To Inflammation: शरीर में सूजन होना एक ऐसी समस्या है जिससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। अगर शरीर के आंतरिक हिस्सों में सूजन आ गई है, तो इससे डायबिटीज, पीसीओएस, पीसीओडी और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। अगर आपको चोट लगने पर सूजन हुई है, तो इसे एक्यूट इंफ्लेमेशन कहेंगे जो कुछ समय में ठीक हो जाती है। लेकिन अगर आपको क्रोनिक इंफ्लेमेशन हुई है तो लंबे समय में यह समस्या बनी रहेगी। क्रोनिक इंफ्लेमेशन के कारण ही आपको लाइफस्टाइल डिजीज जैसे कि डायबिटीज, पीसीओएस, पीसीओडी और थायराइड का खतरा हो सकता है। हमने हमेशा से शरीर में सूजन से जुड़ी कई कहीं-सुनी बातें सुनी होती है। लेकिन क्या ये केवल मिथक होती हैं या इनमें कोई सच्चाई होती है? आइए इस लेख के माध्यम से जानें इंफ्लेमेशन से जुड़े कुछ मिथक की सच्चाई।
इंफ्लेमेशन से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई- Myths and Facts Related To Inflammation
चीनी खाने से शरीर में सूजन आ सकती है
जब हम कोई भी कार्बोहाइड्रेट वाली चीज का सेवन करते हैं, तो ये हमारे ब्लड स्ट्रीम में शुगर रिलीज करते हैं। बॉडी सेल्स इसी शुगर को एनर्जी मेंटेन रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं। अगर आप चीनी का सेवन करते हैं, तो इससे शरीर में सूजन आने की संभावना हो सकती है। क्योंकि ये कार्बोहाइड्रेट है जो ब्लड शुगर बढ़ाने की वजह बन सकता है। ज्यादा चीनी खाने के कारण क्रोनिक इंफ्लेमेशन का खतरा हो सकता है। इसके कारण डायबिटीज, हार्ट डिजीज और ऑर्थोसिस का खतरा हो सकता है।
इंफ्लेमेशन के कारण लाइफस्टाइल डिजीज हो सकती हैं
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अधिकतर लाइफस्टाइल डिजीज की वजह इंफ्लेमेशन ही होती है। क्रोनिक डिजीज जैसे कि डायबिटीज, थायराइज और पीसीओडी भी इंफ्लेमेशन के कारण हो सकती हैं। अगर आपको इन समस्याओं को कंट्रोल या रिवर्स करना है, तो इंफ्लेमेशन को पूरी तरह खत्म करना होगा।
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एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट इंफ्लेमेशन खत्म कर सकती है
एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट बॉडी इंफ्लेमेशन कम करने में मदद कर सकती हैं। क्योंकि इन डाइट में उन्हीं फूड्स को शामिल किया जाता है, जो शरीर की सूजन कम करने में मदद करती हैं। अगर आपको बॉडी इंफ्लेमेशन है, तो अपनी डाइट में एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स एड करके आप काफी हद तक इसे कंट्रोल कर सकते हैं।
आप खुद बॉडी में इंफ्लेमेशन का पता लगा सकते हैं
कई लोग मानते हैं कि शरीर में सूजन होने पर आसानी से उसका पता चल सकता है। यह बात कुछ स्थितियों पर सही बैठती है। जैसे कि जिन लोगों को ऑर्थोसिस की समस्या रहती है, उन्हें घुटनों में दर्द और अकड़न से सूजन का पता चल जाता है। लेकिन पीसीओएस, पीसीओडी या डायबिटीज जैसी समस्याओं में सूजन का पता लगाना मुश्किल होता है। इसे केवल चेकअप के जरिए समझा जा सकता है।
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इस लेख में हमने इंफ्लेमेशन से जुड़े कई मिथकों के बारे में जाना है। यहां हमने आपको सामान्य जानकारी दी है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।