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वेट लॉस करने से मेंस्ट्रुअल साइकिल पर क्या असर पड़ता है? जानें एक्सपर्ट से

Weight Loss and Period Changes: वजन ज्यादा और कम होने से भी पीरियड्स साइकिल पर असर पड़ सकता है। जानें वजन घटाने से पीरियड्स कैसे प्रभावित होते हैं।   
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वेट लॉस करने से मेंस्ट्रुअल साइकिल पर क्या असर पड़ता है? जानें एक्सपर्ट से


How Weight Lose Affects Menstrual Cycle: फिट रहने के लिए हेल्दी वेट मेंटेन होना जरूरी है। अगर आपका वजन ज्यादा है, तो इसके कारण आपको कई स्वास्थ्य समस्याएं  होने का खतरा हो सकता है। वहीं महिलाओं को वजन ज्यादा या कम होने से ज्यादा परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। इसके कारण महिलाओं मे पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं जैसे कि पीरियड्स में ज्यादा पैन होना या पीरियड्स अनियमित होने से गुजरना पड़ सकता है। इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट एक्सपर्ट सिमरत कथूरिया ने अपने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। तो आइये लेख के माध्यम से समझें इस बारे में। 

periods hygiene

हमारी फिजिकल हेल्थ मेंस्ट्रुअल हेल्थ से कैसे जुड़ी हुई है- How Physical Health Connected With Menstrual Health

हमारे हार्मोन का असर पूरे शरीर में देखने को मिलता है। पीरियड्स साइकिल को बैलेंस करने के लिए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन जरूरी है। इनके असंतुलित होने से पूरे शरीर पर असर पड़ता है।

पीरियड्स अनियमित होना

अत्यधिक वजन होना भी पीरियड्स अनियमित होने का कारण बन सकता है। इसके कारण आपके पीरियड्स लंबे समय तक के लिए अनियमित हो सकते हैं। वहीं हेल्दी वेट होने से हमारी मेंस्ट्रुअल साइकिल भी बैलेंस रहती है। 

हार्मोंस बैलेंस रहते हैं

वजन ज्यादा होने से हार्मोन्स भी असंतुलित होने लगते हैं, जिस कारण पीरियड्स साइकिल भी असंतुलित हो जाती है। लेकिन अगर आप हेल्दी वेट मेंटेन रखते हैं, तो इससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बैलेंस रहते हैं, जो पीरियड्स साइकिल को बैलेंस रखने के लिए जरूरी है। 

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इनफर्टिलिटी ठीक होती है

ज्यादा वजन होने से महिलाओ में  इनफर्टिलिटी और पीसीओएस की समस्या भी देखी जा सकती है। ऐसे में वेट मेंटेन होने से इनफर्टिलिटी भी ठीक होती है।

लेकिन अगर आपने अचानक से ज्यादा वजन दिखाया है, तो इससे कई नकारात्मक प्रभाव भी देखे जा सकते हैं-

हार्मोंस असंतुलित हो जाते हैं

अगर आपने बहुत जल्दी वजन घटाया है, तो इससे आपके हार्मोंस भी असंतुलित हो सकते हैं। इसके कारण पीरियड्स अनियमित या बिल्कुल बंद भी हो सकते हैं।

लो बीएमआई

कुछ महिलाएं जरूरत से ज्यादा वजन घटा लेती हैं, जिस कारण उनका बीएमआई भी बहुत ज्यादा कम हो जाता है। लो बीएमआई होने से पीरियड्स अनियमित होना या ज्यादा पीरियड्स क्रैम्प्स होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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पोषक तत्वों की कमी

पीरियड्स रेगुलर होने के लिए शरीर में सभी पोषक तत्वों का होना जरूरी है। लेकिन कई महिलाएं बहुत हार्ड डाइट फॉलो करती हैं, जिस कारण उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। पोषक तत्वों की कमी पीरियड्स साइकिल को अनियमित होने का कारण भी बन सकता है।

इसलिए जरूरी है हेल्दी वेट मेंटेन रखा जाए। साथ ही पीरियड्स के दौरान डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल का भी ध्यान रखा जाए। अगर वजन घटाने के कारण आपको ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तो बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना न भूलें।

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