Vaginal Dryness After Period: आमतौर पर वजाइनल ड्राइनेस की बात आती है, तो इसे हम उन महिलाओं से जोड़ते हैं, जिन्हें मेनोपॉज हो चुका है या जिनके पीरियड्स अनियमित होते हैं। जबकि, वजाइनल ड्राइनेस की समस्या किसी भी उम्र में और किसी भी महिला को हो सकती है। कई बार तो वजाइनल ड्राइनेस की समस्या पीरियड्स के तुरंत बाद महसूस होती है। ऐसे में यह सवाल महिलाओं को अक्सर परेशान करता होगा कि आखिर पीरियड्स खत्म होने के बाद वजाइनल ड्राइनेस क्यों होती है और इसके पीछे किस तरह के कारण जिम्मेदार हैं। इसी संबंध में सभी जरूरी बातें जानने के लिए हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
पीरियड्स के बाद वजाइनल ड्राइनेस क्यों होती है?- What Causes Vaginal Dryness After Period
सामान्यतः यह देखा गया है कि पीरियड्स के बाद वजाइनल ड्राइनेस हो होती है। यह पूरी तरह नॉर्मल है और ऐसा टेंप्रेरी ही होता है। कुछ समय बाद वजाइनल ड्राइनेस अपने आप दूर हो जाती है, इसलिए यह चिंता का विषय नहीं है। हालांकि, ऐसा क्यों होता है? इसके कारणों के बारे में जानना आवश्यक है-
हार्मोनल बदलाव
डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "पीरियड्स के पहले, इस दौरान और इसके बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। वैसे भी आपने देखा होगा कि जब भी महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है, वैसे भी वजाइनल ड्राइनेस की समस्या हो जाती है। पीरियड्स के बाद यही समस्या हर महिला को होती है। जैसे ही पीरियड्स के बाद हार्मोन संतुलित होते हैं और एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, वैसे ही वजाइनल ड्राइनेस दूर हो जाती है।"
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कंट्रासेप्टिव पिल
डॉ. शोभा गुप्ता आगे बताती हैं, "अगर कोई महिला लंबे समय से कंट्रासेप्टिव पिल्स ले रही हैं, तब भी उन्हें पीरियड्स के बाद वजाइनल ड्राइनेस की समस्या हो सकती है। ऐसा खासकर उन महिलाओं के साथ अधिक होता है, जिनका एस्ट्रोजन का स्तर पहले से ही कम है। असल में कंट्रासेप्टिव पिल्स भी हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है, जिसकी वजह से एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से कम हो जाता है। ऐसे में वजाइनल ड्राइनेस की दिक्कत महिलाओं को हो सकती है।"
मेडिकेशन
जब कोई महिला लंबे समय तक किसी भी तरह की दवा लेती है, तो इसका भी असर वजाइनल हेल्थ पर पड़ता है। इन महिलाओं को वजाइनल ड्राइनेस की दिक्कत हो सकती है, क्योंकि लेंब समय से चल रही मेडिसिन योनि के मॉइस्चर को प्रभावित करती है। इस पर डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "पीरियड्स के बाद इस तरह की दिक्कतें महिलाओं में अधिक बढ़ जाती हैं। अगर महिलाएं चाहती हैं कि उन्हें वजाइनल ड्राइनेस की दिक्कत न हो, तो उन्हें डॉक्टर से इस संबंध में बात करना बेहतर होता है।"
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हाइजीन की कमी
अगर पीरियड्स के दौरान महिलाएं अपनी इंटरनल हाइजीन का प्रॉपर ध्यान नहीं रखती हैं, तब भी इस तरह की समस्या यानी वजाइनल ड्राइनेस की दिक्कत हो सकती है। वहीं, कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान इंटीमेट हाइजीन करने के लिए तरह-तरह के केमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह की प्रोडक्ट भी वजाइनल ड्राइनेस का कारण बन सकते हैं।
निष्कर्ष
पीरियड्स के बाद वजाइनल ड्राइनेस होना आम बात है। अगर ऐसा होता है, तो इसको लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि महिलाओं में पीरियड्स के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। इससे वजाइनल मॉइस्चर कम हो जाती है, जो कि वजाइनल ड्राइनेस का कारण बनती है। इसके बावजूद, आप यह नोटिस करें कि कहीं आपकी वजाइनल ड्राइनेस की समस्या स्थाई तो नहीं है। अगर ऐसा है, तो डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज करवाएं।
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FAQ
औरतों को सफेद पानी क्यों आता है?
औरतों को व्हाइट डिस्चार्ज होना नॉर्मल है। ऐसा हार्मोनल बदलाव, पीरियड्स, प्रेग्नेंसी जैसे कारणों से होता है। अगर व्हाइट डिस्चार्ज में किसी तरह का बदलाव हो, तो डॉक्टर से मिलने में देरी नहीं करनी चाहिए।पीरियड्स कितने दिन तक लेट हो सकते हैं?
विशेषज्ञों की मानें, तो पीरियड साइकिल 21 से 35 दिनों तक का होता है। अगर दो-तीन दिन की देरी हो, तो यह पूरी तरह सामान्य होता है। वहीं, अगर किसी को इर्रेगुलर पीरियड्स होते हैं या लगातार कई पीरियड्स नहीं आते हैं, तो इसे लेट पीरियड या मिस पीरियड कहा जाता है।पीरियड मिस होने पर क्या करना चाहिए?
अगर आप मैरीड हैं, तो पीरियड मिस होने पर प्रेग्नेंसी टेस्ट करें। अगर प्रेग्नेंसी नहीं है,तो पीरियड मिस होने के कारणों पर गौर करें और डॉक्टर से अपना ट्रीटमेंट करवाएं।
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Sep 25, 2025 15:52 IST
Published By : Meera Tagore