Is It Normal To Have White Discharge After Menopause In Hindi: मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति में जिसमें महिलाओं को पीरियड्स पूरी तरह बंद हो जाते हैं। पीरियड्स बंद होने का मतलब है कि महिला की प्रजनन क्षमता पूरी तरह खत्म हो गई है। इस अवस्था के बाद यौन संबंध बनाने के बावजूद महिला प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं कर सकती हैं। जाहिर है, इसका मुख्य कारण पीरियड्स न होना है। पीरियड्स न होने की वजह से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। इस हार्मोन की कमी होने पर शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। जैसे हॉट फ्लैशेज, हड्डियों का कमजोर होना, बढ़ती उम्र के लक्षण नजर आना, हेयर फॉल होना आदि। बहरहाल, आमतौर पर यही माना जाता है कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन में कमी आ जाती है, जिससे उन्हें किसी तरह का वजाइनल डिस्चार्ज भी नहीं हेता है। लेकिन, कई महिलाओं को मेनोपॉज के बाद व्हाइट डिस्चार्ज होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मेनोपॉज के बाद व्हाइट डिस्चार्ज होना नॉर्मल होता है? या यह किसी बीमारी का संकेत है। इस इस बारे में हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
क्या मेनोपॉज होने के बाद भी होता है व्हाइट डिस्चार्ज?- Is It Normal To Have White Discharge After Menopause In Hindi
मेनोपॉज होना एक नेचुरल प्रक्रिया है। मेनोपॉज होने के दौरान या इसके बाद महिलाओं को वजाइनल डिस्चार्ज होना सामान्य नहीं होता है। इसलिए, यह मेनोपॉज के बाद व्हाइट डिस्चार्ज होने को भी नॉर्मल कहा जाना सही नहीं है। मेनोपॉज के बाद व्हाइट वजाइनल डिस्चार्ज में इसलिए कमी आती है, क्योंकि इस दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बहुत तेजी से घट जाता है। पीरियड्स पूरी तरह बंद हो जाते हैं। हां, अगर मेनोपॉज के बाद व्हाइट डिस्चार्ज हो रहा है, तो इस स्थिति में महिलाओं को डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। ऐसा किसी इंफेक्शन या अन्य बीमारी का संकेत हो सकता है। हालांकि, कभी-कभी ऐसा होना नॉर्मील भी होता है।
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मेनोपॉज के डिस्चार्ज क्यों और कब होता है?
मेनोपॉज के बाद डिस्चार्ज होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे एस्ट्रोजन के स्तर में कमी आने की वजह से वजाइनल पीएच लेवल बदल जाता है। इससे इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। नतीजतन, इंफेक्शन के लक्षण के तौर पर वजाइनल व्हाइट डिस्चार्ज हो सकता है।
बैक्टीरियल इंफेक्शन
वजाइनल पीएच लेवल बदलने से बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का रिस्क बढ़ जाता है। इसका जिक्र हमने कुछ देर पहले ही किया है। आमतौर इंफेक्शन होने पर सिर्फ व्हाइट डिस्चार्ज ही नहीं होता है, बल्कि यह ग्रे और थिक भी हो सकता है।
यीस्ट इंफेक्शन
मेनापॉज के बादम महिलाओं को यीस्ट इंफेक्शन होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। इस स्थिति में वजाइनल डिस्चार्ज काफी गाढ़ा, कॉटेज चीज जैसा नजर आता है। इस स्थिति में कई बार महिलाओं को बहुत ज्यादा इचिंग भी होती है।
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एसटीआई
मेनोपॉज के बाद व्हाइट डिस्चार्ज का रिस्क उन महिलाओं में भी बढ़ जाता है, जिन्हें एसटीआई होता है। हालांकि, एसटीआई की वजह से असामान्य डिस्चार्ज होता है, जिसका रंग हमेशा सफेद नहीं होता है। इसका कलर पीला या हल्का ग्रीन भी हो सकता है।
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FAQ
क्या रजोनिवृत्ति के दौरान सफेद डिस्चार्ज हो सकता है?
मेनोपॉज के बाद व्हाइट डिस्चार्ज होना सामान्य हो सकता है। हालांकि, मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर में कमी आ जाती है। इस स्थिति में व्हाइट डिस्चार्ज कम हो जाता है और एस्ट्रोजन के कम होने की वजह से इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है।पीरियड के बाद व्हाइट डिस्चार्ज क्यों होता है?
पीरियड्स के बाद व्हाइट डिस्चार्ज होना सामान्य है। इससे वजाइनल हेल्थ में प्रभाव पड़ता है। असल व्हाइट डिस्चार्ज का मतलब है कि वजाइनल हेल्थ सही है और इससे योनि में ड्राइनेस भी नहीं आती है।व्हाइट डिस्चार्ज कब होता है?
व्हाइट डिस्चार्ज को ल्यूकोरिया भी कहा जाता है। यह पीरियड्स के दौरान, इससे पहले हो सकता है। आमतौर पर हेल्दी डिस्चार्ज उसे माना जाता है, जब यह व्हाइट, चिपचिपा या लाइट येलो कलर का होता है। इसमें किसी तरह की गंध नहीं होती है। अगर व्हाइट डिस्चार्ज से तीव्र गंध आने लगे और इचिंग की दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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