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पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन लेवल को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये जरूरी बदलाव, मिलेगा फायदा

पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह बदलाव होते हैं। ऐसे में लाइफस्टाइल में कुछ सकारात्मक बदलाव आपके एस्ट्रोजन के लेवल को नियंत्रित करने में मददगार हो सकते हैं?
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पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन लेवल को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये जरूरी बदलाव, मिलेगा फायदा

Lifestyle Changes To Boost Estrogen Detoxification During Periods: महिलाओं को हर माह एक निश्चित मेंट्रुअल साइकिस से गुजरना पड़ता है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। लेकिन, इस दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल उतार-चढ़ाव होते हैं। यह अंसतुलन महिलाओं के शरीर में कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन एक मुख्य हार्मोन होता है, जिसमें उतार-चढ़ाव अधिक होता है। ऐसे में होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए एस्ट्रोजन के स्तर को नियंत्रित करना आवश्यक होता है। इस हार्मोन को संतुलित करने के लिए महिलाओं को लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करने की आवश्यकता होती है। इस लेख में एंसेट्रिक्स डाइट क्लीनिक की डायटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन को डिस्टॉक्सिफिकेशन के लिए लाइफस्टाइल में क्या (Lifestyle changes to reduce estrogen during periods) बदलाव किये जाने चाहिए। 

पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करें? - Lifestyle Changes To Boost Estrogen Detoxification During Periods in Hindi 

हरी सब्जियों का सेवन करें 

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, केल, ब्रोकली, और सलाद के पत्ते एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित रखने में सहायक होती हैं। ये सब्जियां क्लोरोफिल से भरपूर होती हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजन डिटॉक्सिफिकेशन (Estrogen Detoxification) को बढ़ावा देता है। इससे शरीर में अन्य हार्मोन भी संतुलित होते हैं। 

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व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें

नियमित व्यायाम से हार्मोनल संतुलन बना रहता है और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। योग और हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज जैसे व्यायाम शरीर में ब्लड फ्लो को बढ़ाते हैं और पसीने के माध्यम से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालते हैं। 

प्रोबायोटिक्स भी जरूर लें 

प्रोबायोटिक्स जैसे कि दही आदि से पाचन क्रिया बेहतर होती है। यह आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है, जिससे शरीर में एस्ट्रोजन को बेहतर तरीके से डिटॉक्स किया जा सकता है। प्रोबायोटिक्स (Probiotics) न केवल पाचन में सुधार करते हैं बल्कि हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होते हैं।

फाइबर युक्त आहार 

फाइबर शरीर में अतिरिक्त एस्ट्रोजन को बाहर निकालने में सहायक होता है। सब्जियां, फल, साबुत अनाज और दालें फाइबर के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। फाइबर से भरपूर (Fiber Foods) आहार न केवल पाचन तंत्र को ठीक रखता है, बल्कि यह शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालने में मदद करता है।

अधिक से अधिक पानी पिएं

पीरियड्स के समय में हार्मोनल अंसुतलन को दूर करने के लिए महिलाओं को पर्याप्त मात्रा (drinking water) में पानी पीना चाहिए। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने से शरीर से अतिरिक्त एस्ट्रोजन को यूरिन के जरिए बाहर निकाला जा सकता है। 

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पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन का अत्यधिक स्तर शरीर में असंतुलन पैदा कर सकता है, लेकिन उचित जीवनशैली में बदलाव करके इस हार्मोन को नियंत्रित किया जा सकता है। फाइबर युक्त आहार, अधिक पानी, हरी सब्जियां, प्रोबायोटिक्स, नियमित व्यायाम, शराब और कैफीन में कमी, और तनाव प्रबंधन ऐसे उपाय हैं जो एस्ट्रोजन डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ाने में सहायक हैं। 

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