
आजकल की भागदौड़ भरी इस जिंदगी में किसी भी व्यक्ति के लिए अपनी सेहत को बेहतर रखना बेहद मुश्किल हो गया है। अपनी सेहत की ओर खास ध्यान न देने पाने के कारण कई बीमारियां एक साथ हमारी शरीर को प्रभावित कर रही हैं। इन्हीं बीमारियों में शामिल है, कार्डियोवास्कुलर किडनी मेटाबॉलिक (CKM) सिंड्रोम। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल, किडनी और शरीर की मेटाबॉलिक क्रिया जैसे शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और मोटापा एक साथ प्रभावित होते हैं। यह सिंड्रोम धीरे-धीरे आपके शरीर में विकसिक होते हैं, जिसे अगर समय के साथ न पहचाना जाए तो ये गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है। कार्डियोवास्कुलर किडनी मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्या को होने से रोकने या समय पर कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि इसके जोखिम कारकों के बारे में पता हो। तो आइए नई दिल्ली के लाजपत नजर में स्थित मूलचंद अस्पताल के बेस्ट क्लिनिकल और प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एच के चोपड़ा से जानते हैं कार्डियोवास्कुलर किडनी मेटाबॉलिक सिंड्रोम के जोखिम कारक क्या हैं?
कार्डियोवैस्कुलर किडनी मेटाबोलिक सिंड्रोम के जोखिम कारक - Risk Factors For Cardiovascular Kidney Metabolic Syndrome in Hindi
1. हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन CKM सिंड्रोम का एक मुख्य कारण होता है। दरअसल, जब आपके शरीर में ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ा रहता है तो यह दिल पर दबाव डालता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। साथ ही, किडनी की नाजुक ब्लड वेसल्स भी इससे प्रभावित होती हैं और धीरे-धीरे काम करना बंद कर सकती हैं।
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2. डायबिटीज और प्रीडायबिटीज
शरीर में इंसुलिन के ठीक तरह से काम नहीं कर पाने या ब्लड शुगर लेवल के लगातार बढ़ने के कारण आपके मेटाबॉलिक सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है। बता दें कि डायबिटीज आपके दिल की धमनियों को सख्त बना सकती है और किडनी की फिल्टर करने की क्षमता को भी कम कर सकती है, जिससे कार्डियोवास्कुलर किडनी मेटाबॉलिक सिंड्रोम का जोखिम बढ़ जाता है।
3. मोटापा
मोटापा खासकर पेट के आसपास बढ़ी हुई चर्बी आपके शरीर के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक मानी जाती है। शरीर का मोटापा आपके बॉडी में कई तरह की मेटाबॉलिक समस्याओं को बढ़ावा देती है, जिसमें इंसुलिन रेसिस्टेंस, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां शामिल हैं। मोटापा CKM सिंड्रोम के तीनों अंगों दिल, किडनी और मेटाबॉलिक सिस्टम को प्रभावित करता है।
4. हाई कोलेस्ट्रॉल
जब शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) का स्तर कम हो जाता है तो यह धमनियों को सिकोड़ सकता है। इससे दिल तक खून की सप्लाई पूरी करना मुश्किल हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है। साथ ही, किडनी की ब्लड सप्लाई पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
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5. खराब लाइफस्टाइल
खराब लाइफस्टाइल के कारण भी लोगों में कार्डियोवास्कुलर किडनी मेटाबॉलिक सिंड्रोम का जोखिम बढ़ सकता है। अनहेल्दी डाइट जैसे ज्यादा तेल, घी, नमक, चीनी और प्रेसेस्ड फूड का सेवन मेटााबॉल्जिम को धीमा कर सकता है। इसके अलावा शारीरिक गतिविधियों की कमी आपके शरीर में मोटापे, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है। इतना ही नहीं, अगर आप पर्याप्त मात्रा में नींद पूरी नहीं करते हैं और तनाव लेते हैं, तो इसका असर भी आपके वजन, मेटाबॉलिक सिस्टम और हार्मोन असंतुलन के रूप में नजर आ सकता है, जो दिल और किडनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है.
6. स्मोकिंग और शराब का सेवन
स्मोकिंग और शराब जैसी खराब आदतें आपके सेहत के लिए हानिकारक मानी जाती हैं। स्मोकिंग करने से ब्लड ट्यूब सिकुड़ने लगती हैं और दिल तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है, जो दिल की बीमारियों को बढ़ाता है। जबकि ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन लिवर, किडनी और मेटाबॉलिक सिस्टम पर सीधा असर डालता है।
निष्कर्ष
कार्डियोवास्कुलर किडनी मेटाबॉलिक सिंड्रोम, कोई एक बीमारी नहीं है, बल्कि ये समस्या कई बीमारियों के एक साथ होने से जुड़ी है। इस समस्या की शुरूआत अक्सर धीमी होती है, लेकिन समय के साथ ये गंभीर रूप ले सकती है, जिससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने लाइफस्टाइल में सुधार करें, हेल्दी डाइट लें और नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करवाएं।
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FAQ
मेटाबॉलिज्म को ठीक करने के लिए क्या खाना चाहिए?
मेटाबॉलिज्म को बेहतर रखने के लिए आप अपनी डाइट में प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर फूड्स के सेवन को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही, अपने शरीर को हाइड्रेटेड रकने की कोशिश करें, और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।मेटाबॉलिज्म बढ़ने से क्या होता है?
मेटाबॉलिज्म बढ़ने से शरीर काने को एनर्जी में तेजी से बदल देता है, जिससे वजन कम करने और शरीर में एनर्जी लेवल में सुधार करने में मदद मिलती है।कार्डियोवास्कुलर किडनी मेटाबोलिक सिंड्रोम क्या है?
कार्डियोवास्कुलर किडनी मेटाबोलिक (CKM) सिंड्रोम, एक डिसऑर्डर है जो दिल की बीमारी, किडनी से जुड़ी समस्याओं, डायबिटीज और मोटापे के बीच कनेक्शन को बढ़ाती है। इस बीमारी में दिल, किडनी और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी कई समस्याएं एक साथ होती हैं।
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Oct 17, 2025 16:50 IST
Published By : Katyayani Tiwari