मूड स्विंग होना, नींद न आना, मोटापा, कमजोरी आदि समस्याएं, अक्सर शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण होते हैं। हमारे शरीर की कार्यप्रणाली अलग-अलग हार्मोन्स के द्वारा कंट्रोल होती है। हार्मोन्स केमिकल संदेशवाहक हैं, जो दिमाग, पाचन, नींद, प्रजनन क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। लेकिन आज की लाइफस्टाइल में हमारी आम सी दिखने वाली कुछ आदतें ऐसी हैं, जो अनजाने में आपके शरीर में हार्मोनल बदलाव का कारण बन सकते हैं। ऐसे में आइए एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानते हैं कि रोजमर्रा की वो कौन-सी आदतें हैं जो आपके शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन का कारण बन सकते हैं।
हार्मोनल स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली आदतें - Habits That Affect Your Hormonal Balance in Hindi
1. ब्रेकफास्ट में सिर्फ कॉफी पीना
बहुत से लोग सुबह उठते ही कॉफी पीना पसंद करते हैं और सोचते हैं कि इससे बेहतर उनके दिन की शुरुआत क्या हो सकती है। लेकिन, खाली पेट कैफीन का सेवन आपके शरीर में कोर्टिसोल यानी तनाव हार्मोन को बढ़ा सकता है इसके साथ ही दब आप ब्रेकफास्ट नहीं करते हैं तो आपका ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी पर प्रभाव डाल सकता है। ब्रेकफास्ट में सिर्फ कॉफी पीना और कुछ न खाने के कारण आपके शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ सकता है, थायराइड हार्मोन पर असर पड़ता है, मेटाबॉलिज्म धीमा होता है और पीसीओएस होने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए आप अपने सुबह कॉफी पीने से पहले प्रोटीन से भरपूर हल्का ब्रेकफास्ट करें।
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2. सुबह की धूप न लेना
सूरज की रोशनी हमारे सर्कैडियन रिद्म को रीसेट करती है। सुबह की सूरज की नेचुरल रोशनी मेलाटोनिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन के स्तर को सही बनाए रकने में मदद करती है। लेकिन, अगर आप सुबह घर के अंदर ही रहते हैं और सुबह की हल्की धूप नहीं लेते हैं, तो इसका असर आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। सुबह की धूप न लेने के कारण आपके नींद की गुणवत्ता में कमी आ सकती है, स्ट्रेस हार्मोन में असंतुलन आ सकता है। साथ ही, टेस्टोस्टेरोन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन पर भी इसका असर पड़ सकता है। इसलिए, आप रोजाना सुबह कम से कम 15 मिनट हल्की धूप में टहलें।
3. रात में ज्यादा स्क्रीन टाइम
सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी देखने की आदत आपके शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन को बाधित कर सकती है, जिससे नींद प्रभावित हो सकती है। इन गैजेट्स से निकलने वाली नीली रोशनी आपके दिमाग को संकेत देती है कि अभी दिन है, जिससे आपको देर रात तक नींद नहीं आती है और हार्मोन्स को ठीक होने में समय लगता है। देर रात तक स्क्रीन टाइम आपमें नींद की कमी, इंसुलिन रेजिस्टेंस, वजन बढ़ने और हार्मोनल एक्रोनिम्स जैसे PMS, PCOS और थायराइज इंबैलेंस का कारण बन सकता है। ऐसे में आप रात को सोने से कम से कम 1 या 2 घंटे पहल स्क्रीन से दूर रहें।
4. शारीरिक गतिविधियां न करना
शरीर में हार्मोन्स को संतुलित रखने के लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियां करें। रोजाना सीमित मात्रा में शारीरिक गतिविधियां करना आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि बिल्कुल भी फिजिकल एक्टिविटी न करने से आपके शरीर में इंसुलिन, एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन्स के असंतुनल का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं, इसके कारण आपके शरीर में PCOS और PMS के लक्षण नजर आ सकते हैं, लो लिबिडो की समस्या हो सकती है और आपको हर समय थकाम और मूड स्विंग्स बने रह सकते हैं। इसलिए, आप रोजाना कम से कम 30 मिनट हल्के-फुल्के एक्सरसाइज करें, जिसमें वॉकिंग, योग और डांस शामिल हो।
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5. हमेशा बीजी और तनाव में रहना
अगर आपका दिमाग हर समय प्लानिंग, चिंता या किसी न किसी काम के फोकस में लगा रहता है तो आपका शरीर कभी भी आराम नहीं कर पाएगा। हर समय किसी न किसी बात के तनाव में रहने से आपके शरीर में तनाव का हार्मोन यानी कोर्टिसोल का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ सकता है, जो धीरे-धीरे आपके शरीर के अन्य हार्मोन्स को असंतुलित कर सकता है। इसके कारण थायराइड फंक्शन के काम करने में गिरावट, नींद न आने की समस्या, वजन बढ़ना आदि समस्याएं हो सकती है। इसलिए, आप हर दिन कम से कम 10 से 15 मिनट खुद को डिजिटल डिटॉक्स करें। गहरी साँसें लें, प्राणायाम करें या बस चुपचाप बैठें रहे और अपने शरीर पर ध्यान दें।
निष्कर्ष
शरीर के हार्मोन्स को संतुलित रखने के लिए जरूरी है कि आप अपनी कुछ आदतों में बदलाव करें। फिजिकल एक्टिविटी, हेल्दी डाइट, सूरज ही हल्की रोशनी, और कम तनाव लेने जैसी आदतें आपके शरीर हार्मोन्स को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
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FAQ
हार्मोन संतुलन के लिए कौन सा व्यायाम सबसे अच्छा है?
हार्मोन संतुलन के लिए योग और कार्डियो एक्सरसाइज दोनों ही फायदेमंद मानी जाती है। योग तनाव कम करने और मेंटल हेल्थ में सुधार करने में मदद करता है, जबकि कार्डियो एक्सरसाइज इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने में मदद करता है।क्या तनाव से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है?
हां, तनाव लेने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। लंबे समय तक तनाव लेने से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे हार्मोन्स असंतुलन की समस्या हो सकती है।हार्मोन ठीक करने के लिए क्या खाएं?
हार्मोन को ठीक करने के लिए जरूरी है कि आप संतुलित डाइट लें, जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन डी, हेल्दी फैट्स, अश्वगंधा और शतावरी जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हों।