आजकल उत्तर भारत समेत कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान 45 डिग्री से ऊपर जा रहा है, जिससे लोगों के लिए दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में गर्मी से राहत पाने के लिए लोग घंटों एसी के सामने बैठते हैं या दिन-रात एसी रूम में ही समय बिताते हैं। हालांकि, एसी की ठंडी हवा कुछ समय के लिए राहत देती है, लेकिन इसका शरीर पर कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। कई लोगों को यह शिकायत होती है कि जब भी वे देर तक एसी में बैठते हैं या रातभर एसी चालू रखते हैं, तो सुबह उठते ही गले में खराश, खिचखिच या सूजन महसूस होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई एसी की ठंडी हवा गले को नुकसान पहुंचा सकती है? क्या यह गले की बीमारियों को जन्म देती है या पहले से मौजूद समस्याओं को और बढ़ा सकती है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से बात की-
क्या एसी की हवा गले में खराश पैदा कर सकती है? - Can AC Cause Sore Throat And Cough
एयर कंडीशनर नमी को कम कर देता है, जिससे हवा सूखी हो जाती है। सूखी हवा गले की म्यूकस मेम्ब्रेन को शुष्क यानी ड्राई कर देती है, जिससे गले में जलन और खराश महसूस होती है। ऐसे में जब एसी की ठंडी हवा सीधे गले पर पड़ती है, तो यह गले की मांसपेशियों को ठंडा कर देती है, जिससे खांसी, गले में सूजन और खराश होने लगती है। लगातार ऐसा होने पर गले की कमजोरी बढ़ सकती है।
एसी की ठंडी हवा में रहना शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को कमजोर कर सकता है। कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण गले में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जिससे इंफेक्शन के कारण गले में दर्द और खराश होती है। इसके अलावा एयर कंडीशनर में अगर नियमित सफाई न हो तो वह धूल, फंगस और बैक्टीरिया का घर बन सकता है। यह हवा के साथ अंदर आने वाले सूक्ष्म जीव (Microorganisms) गले में जलन और इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
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गले की समस्या से बचाव के उपाय - Ways to prevent throat problems
1. एसी का तापमान कंट्रोल रखें
एसी का तापमान बहुत ज्यादा ठंडा न रखें। सामान्यतौर पर 24-26 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त माना जाता है। इससे ठंडी हवा सीधे गले पर नहीं पड़ेगी और शरीर को आराम भी मिलेगा।
2. एसी की डायरेक्ट हवा से बचाव करें
कभी भी एसी की ठंडी हवा सीधे गले या चेहरे पर आने न दें। एसी की वेंट को ऊपर या ऊपर की ओर सेट करें ताकि ठंडी हवा सीधे न आए।
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3. नमी बनाए रखें
घर या ऑफिस में एयर कंडीशनर के साथ ही ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें या कमरे में एक कटोरी पानी रखें ताकि हवा में नमी बनी रहे। इससे गले की ड्राईनेस कम होगी।
4. पानी पीते रहें
दिन भर पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी पीते रहें। पानी गले को गीला रखता है, जिससे खराश कम होती है।
5. सफाई का ध्यान रखें
एयर कंडीशनर की नियमित साफ-सफाई बहुत जरूरी है। इसके फिल्टर और वेंट्स को महीने में कम से कम एक बार साफ करें ताकि उसमें धूल और बैक्टीरिया जमा न हो।
6. गले की देखभाल के लिए हॉट ड्रिंक्स लें
अदरक वाली चाय, तुलसी का काढ़ा या शहद मिला हुआ गर्म पानी गले को आराम देता है और खराश को कम करता है।
अगर संभव हो तो एसी के लगातार लंबे समय तक इस्तेमाल से बचें। बीच-बीच में बाहर जाकर ताजी हवा लें ताकि शरीर और गला दोनों आराम महसूस करें। अगर गले में लगातार खराश बनी रहे या दर्द बढ़े तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। कभी-कभी गले की समस्या वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का संकेत हो सकती है, जिसे सही इलाज की जरूरत होती है।
निष्कर्ष
एयर कंडीशनर की ठंडी हवा से गला खराब होना एक सामान्य समस्या है, लेकिन सही सावधानी और समय पर देखभाल से इससे बचा जा सकता है। एसी के इस्तेमाल के दौरान तापमान का ध्यान रखना, हवा की नमी बनाए रखना और गले की साफ-सफाई पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। साथ ही गले में हो रही किसी भी असुविधा को नजरअंदाज न करें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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FAQ
क्या गर्म पानी पीने से गले की खराश दूर होती है?
हां, गर्म पानी पीना गले की खराश दूर करने में काफी फायदेमंद होता है। जब गला सूखा या खिचखिच वाला महसूस हो, तो गर्म पानी पीने से गले की मांसपेशियों को आराम मिलता है और सूजन कम होती है। यह गले में जमे बलगम को भी ढीला करता है जिससे खांसी और खराश में राहत मिलती है। गर्म पानी वायरल इंफेक्शन या ठंडी हवा से हुए गले के इरिटेशन में भी राहत देता है।गले की खराश में क्या खाना चाहिए?
गले की खराश में ऐसे फूड्स का सेवन करना चाहिए जो नरम, हल्के और गले को आराम देने वाले हों। इस दौरान गर्म सूप, खिचड़ी, दलिया, उबले हुए सब्जी, हल्दी वाला दूध और तुलसी-अदरक की चाय फायदेमंद होते हैं। शहद भी गले को कोटिंग देकर सूजन कम करता है। गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करना और गर्म तरल पदार्थ पीना राहत देता है। ठंडा, मसालेदार, बहुत तला-भुना या खट्टा खाना गले की समस्या को बढ़ा सकता है, इसलिए इनसे बचें।गले में खराश क्यों होती है?
गले में खराश कई कारणों से हो सकती है, जिनमें सबसे आम हैं वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन, जैसे सर्दी-जुकाम, फ्लू या टॉन्सिलाइटिस। इसके अलावा, एसी की ठंडी और सूखी हवा, धूल-धुआं, एलर्जी, तेज मसालेदार खाना, ज्यादा बोलना या चिल्लाना, धूम्रपान और प्रदूषण भी गले में इरिटेशन और खराश पैदा कर सकते हैं। कभी-कभी एसिड रिफ्लक्स के कारण भी गले में जलन और खराश होती है। मौसम में अचानक बदलाव या नाक बंद रहने के कारण मुंह से सांस लेने पर भी गला सूख जाता है और खराश हो सकती है।