People Who Are At Risk of Kidney Stones: किडनी स्टोन एक दर्दनाक और गंभीर समस्या है। यह स्थिति तब होती है जब किडनी में मिनरल्स, साल्ट्स और अन्य तत्व जमा होकर पत्थर जैसे कणों में बदल जाते हैं। अक्सर यह समस्या बिना किसी लक्षण के धीरे-धीरे बढ़ती है और जब पथरी बड़ी हो जाती है या यूरिन के रास्ते में अड़चन बनती है, तब तेज दर्द और अन्य समस्याएं होने लगती हैं। किडनी स्टोन का खतरा न केवल पानी की कमी या खानपान से बढ़ता है, बल्कि कई बीमारियां और शारीरिक समस्याएं भी इसका कारण बन सकती हैं। अगर समय रहते किडनी स्टोन का इलाज न किया जाए, तो यह किडनी फेलियर तक का कारण बन सकता है। ऐसे में जरूरी है कि हम जानें कि किन लोगों को किडनी स्टोन का खतरा रहता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. मोटापे से पीड़ित लोगों को किडनी स्टोन हो सकते हैं
मोटापा पथरी का एक मुख्य कारण हो सकता है। असंतुलित जीवनशैली और ज्यादा वजन से शरीर में एसिडिटी बढ़ सकती है, जो पथरी का कारण बनती है। एक्सरसाइज करना, सही डाइट लेना और वजन को कंट्रोल करना किडनी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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2. टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को किडनी स्टोन हो सकते हैं
टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन की कमी के कारण शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इस स्थिति में यूरिन में कैल्शियम और ऑक्सालेट का स्तर बढ़ सकता है, जिससे पथरी बनने की संभावना ज्यादा होती है। डायबिटीज के मरीजों को किडनी स्टोन से बचने के लिए शुगर कंट्रोल करना चाहिए और नियमित चेकअप करना चाहिए।
3. यूटीआई के मरीजों को किडनी स्टोन हो सकते हैं
बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) होने पर किडनी में स्टोन बनने का खतरा बढ़ सकता है। कुछ बैक्टीरिया यूरिन को अमोनिया में बदल देते हैं, जो स्टोन बनने का कारण बनता है। यूटीआई से बचने के लिए हाइजीन का ध्यान रखें और जरूरत पड़ने पर एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करें।
4. इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण किडनी स्टोन हो सकते हैं
इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) के कारण पाचन तंत्र में सूजन होती है, जिससे शरीर में ऑक्सलेट ज्यादा एब्सॉर्ब हो जाता है। ज्यादा ऑक्सालेट किडनी में जमा होकर, स्टोन का कारण बन सकता है। आईबीडी के मरीजों को किडनी स्टोन से बचने के लिए ऑक्सालेट युक्त चीजों का सेवन कम करना चाहिए।
5. हाइपरपैराथायरायडिज्म में किडनी स्टोन हो सकते हैं
हाइपरपैराथायरायडिज्म में पैराथायरॉइड ग्लैंड्स ज्यादा मात्रा में पैराथायरॉइड हॉर्मोन बनाते हैं, जिससे ब्लड में कैल्शियम का लेवल बढ़ जाता है। ज्यादा कैल्शियम किडनी में जमा होकर किडनी का फॉर्म ले सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम को कंट्रोल करने वाली दवाइयां और आहार लेना जरूरी होता है।
अगर परिवार में किसी को किडनी स्टोन की समस्या रही है, तो आपको भी यह समस्या हो सकती है। कुछ लोग जेनेटिक कारणों से किडनी स्टोन के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होते हैं।
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image credit: operarme.com