
Can Drinking Water Trigger Asthma: अस्थमा सांस से जुड़ी एलर्जिक बीमारी है, जिसमें फेफड़ों के एयरवेज पर असर पड़ता है। अस्थमा के मरीजों को अगर धूल, परागकण, धुआं, ठंडी हवा या प्रदूषण महसूस होता है, तो उसके वायुमार्ग यानी कि एयरवेज सिकड़ जाते हैं। इससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सीटी जैसी आवाज और छाती में जकड़न महसूस होने लगती है। आमतौर पर माना जाता है कि अस्थमा के मरीजों को ठंडी चीजों से भी परहेज करना चाहिए और साथ में यह भी लोग मानते हैं कि ज्यादा पानी पीने से अस्थमा बढ़ सकता है। इसमें कितनी सच्चाई है, यह जानने के लिए हमने इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निखिल मोदी (Dr Nikhil Modi, Senior Consultant, Respiratory and Critical Care, Indraprastha Apollo Hospitals) से बात की।
क्या बहुत ज्यादा पानी पीना अस्थमा को बढ़ा सकता है?
डॉ. निखिल कहते हैं, “अस्थमा आमतौर पर एलर्जी और प्रदूषण से ट्रिगर होता है। पानी से अस्थमा ट्रिगर नहीं होता, बल्कि पानी पीना तो वायुमार्ग को साफ रखने और सांस के सिस्टम को सेहतमंद बनाए रखने में मदद करता है। वैसे कई लोगों को यह लगता है कि बहुत ज्यादा पानी पीने से अस्थमा का अटैक हो सकता है लेकिन इसका कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर और फेफड़ों के लिए फायदेमंद है।
यह एयरवेज में जमा म्यूकस को पतला रखता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। इसलिए अस्थमा मरीजों को हाइड्रेटेड रहना चाहिए।”
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ठंडे पानी से अस्थमा का कनेक्शन
डॉ. निखिल ने बताया कि अस्थमा के मरीजों को ठंडा तापमान बहुत ही आम ही ट्रिगर है। जब ठंडी हवा या ठंडा पानी गले और एयरवेज में जाता है, तो गले की नलिकाओं में सिकड़न कर देता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। यदि अस्थमा मरीज ठंडा ड्रिंक या ठंडा पानी पीते हैं, तो इससे अस्थमा अटैक हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पानी खुद बीमारी का कारण नहीं है। इसलिए गर्म या कमरे के तापमान का पानी अस्थमा रोगियों के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।
अस्थमा मरीजों के लिए पानी पीने का सही तरीका
डॉ. निखिल ने अस्थमा मरीजों के लिए पानी पीने के कुछ तरीके बताए हैं।
- कमरे के तापमान का पानी पिएं। बहुत ठंडा पानी या बर्फ मिलाकर पानी न पिएं।
- एक बार में ही बहुत ज्यादा पानी न पिएं, बल्कि दिनभर में कई बार पानी पिएं।
- गर्म सूप या हर्बल ड्रिंक्स ज्यादा लें। इससे सांस की नली को आराम मिलता है।
- बहुत ज्यादा कॉफी या चाय न पिएं। इससे डिहाइड्रेशन हो सकता है और अस्थमा के ट्रिगर को बढ़ा सकता है।
- डॉक्टर की सलाह पर ही तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं या घटाएं।
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अस्थमा कंट्रोल के लिए टिप्स
डॉ. निखिल ने अस्थमा मरीजों के लिए लाइफस्टाइल टिप्स भी दिए हैं।
- इनहेलर का रेगुलर इस्तेमाल करें।
- डॉक्टर ने जो डोज बताई है, उसे समय से लें।
- योग और प्राणायमा जैसी एक्सरसाइज करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।
- एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 फैटी एसिड आहार शामिल करें।
- मोटापा अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है, इसलिए वजन कंट्रोल में रखना जरूरी है।
- अच्छी नींद के लिए कमरे की साफ-सफाई, बिस्तर, तकिया साफ सुथरा रखें।
निष्कर्ष
डॉ. निखिल कहते हैं कि पानी से अस्थमा नहीं होता, बल्कि ठंडा पानी अस्थमा का ट्रिगर बन सकता है। इसलिए अस्थमा मरीजों को कमरे के तापमान वाला पानी ही पिएं और खुद को हाइड्रेट जरूर रखें। किसी भी तरह की अफवाह पर यकीन न करें, बल्कि डॉक्टर से पूरी जानकारी लेनी चाहिए। किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर से मिलें और अपने लक्षणों की जानकारी दें। इससे अस्थमा को मैनेज करना काफी आसान हो जाएगा।
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Oct 17, 2025 07:06 IST
Published By : Aneesh Rawat