गर्मी का मौसम आते ही ठंडा पानी पीने का मन करने लगता है। तेज धूप, पसीना और गर्म हवाएं शरीर को थका देती हैं, ऐसे में बर्फ डालकर पानी पीना या ठंडा पानी पीने से राहत मिलती है। घर हो या बाहर, लोग फ्रिज का ठंडा पानी या बोतलबंद चिल्ड वॉटर पीना पसंद करते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि इस ठंडे पानी का हमारे पाचन तंत्र पर क्या असर पड़ता है? आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान दोनों में ही इस विषय पर अलग-अलग मत हैं। आयुर्वेद का मानना है कि बहुत ठंडा पानी, पाचन अग्नि को कमजोर करता है, जिससे खाना सही से नहीं पचता। वहीं कुछ मेडिकल स्टडीज का मानना है कि ठंडे पानी से कुछ मामलों में डाइजेशन पर हल्का असर पड़ सकता है, खासकर अगर खाना खाते समय ठंडा पानी पिया जाए। हालांकि हर व्यक्ति की बॉडी टाइप अलग होती है, इसलिए इसका असर भी अलग हो सकता है। इस लेख में हम समझेंगे कि ठंडा पानी कैसे पाचन को प्रभावित करता है, किन स्थितियों में इसे पीना नुकसानदायक हो सकता है और किन बातों का ध्यान रखकर इसे सुरक्षित तरीके से पिया जा सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के विकास नगर में स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा से बात की।
पाचन तंत्र और ठंडे पानी का संबंध- Connection Between Digestion and Cold Water
हमारा पाचन तंत्र एक मुश्किल प्रक्रिया है, जिसमें भोजन को पचाने के लिए एंजाइम्स और गैस्ट्रिक जूस एक्टिव होते हैं। जब हम बहुत ठंडा पानी पीते हैं, तो एंजाइम्स शरीर के आंतरिक तापमान को अचानक कम कर देता है, जिससे पाचन की गति धीमी हो सकती है। इससे भोजन के टूटने और एब्सॉर्ब होने में समय लग सकता है।
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क्या गर्मियों में ठंडा पानी पीने से पाचन पर असर पड़ता है?- Does Drinking Cold Water in Summer Affect Digestion
हां, ठंडा पानी पीने से पाचन बिगड़ सकता है। आयुर्वेद में ठंडा पानी पीना पाचन अग्नि को बिगाड़ सकता है। इससे कब्ज, गैस और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ खाना खाने से पहले या तुरंत बाद बहुत ठंडा पानी पीने से बचने की सलाह देते हैं। कुछ शोधों में पाया गया है कि ठंडा पानी पेट की मांसपेशियों में अचानक सिकुड़न (Contraction) पैदा कर सकता है। इससे पेट भारी लगने लगता है और पेट में गैस, ऐंठन या एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर अगर ठंडा पानी बहुत तेजी से और खाना खाने के तुरंत बाद पिया जाए, तो यह स्थिति और भी खराब हो सकती है।
कब और कैसे पिएं ठंडा पानी?
- खाना खाने से 30 मिनट पहले या बाद में हल्का ठंडा या सामान्य तापमान का पानी पीना बेहतर होता है।
- बहुत ठंडा या बर्फ मिला पानी एकदम खाली पेट या गर्म खाने के साथ न लें।
- वर्कआउट के बाद पसीने में बहुत ठंडा पानी न पिएं, इससे गले की खराश या मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
- दिनभर में धीरे-धीरे घूंट-घूंट कर पानी पीने की आदत डालें।
किन लोगों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए?
- जिन लोगों को पेट में गैस, एसिडिटी, आईबीएस (Irritable Bowel Syndrome) या क्रॉनिक कब्ज की समस्या रहती है, उन्हें ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए।
- बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए सामान्य तापमान का पानी ही ठीक होता है।
- जिन लोगों को बार-बार गला खराब होता है, उन्हें भी फ्रिज का पानी नहीं पीना चाहिए।
गर्मियों में ठंडा पानी जरूर सुकून देता है, लेकिन इसके ज्यादा सेवन से पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है। हर किसी की बॉडी अलग तरह से रिएक्ट करती है, इसलिए समझदारी के साथ ठंडा पानी पिएं। अगर आपको पाचन संबंधी समस्याएं हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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FAQ
क्या गर्मी में ठंडा पानी पीना हानिकारक है?
गर्मी में बहुत ठंडा पानी पीने से पाचन क्रिया धीमी हो सकती है और गला खराब हो सकता है। शरीर का तापमान अचानक गिरने से सर्दी-जुकाम या सिरदर्द भी हो सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में ही पिएं।ठंडा पानी कब नहीं पीना चाहिए?
खाना खाने के तुरंत बाद, एक्सरसाइज के बाद या बहुत ज्यादा पसीना आने पर ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। इससे पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।ठंडे पानी से किसे बचना चाहिए?
जिन लोगों को साइनस, गला खराब, टॉन्सिल या पाचन की समस्या रहती है, उन्हें ठंडे पानी से बचना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों को भी ज्यादा ठंडा पानी पीने से परहेज़ करना चाहिए।