Uttarakhand Cloudburst की चर्चा हर तरफ है। यहां के उत्तरकाशी के धराली इलाके में बादल फटने के बाद बाढ़ (uttarakhand flash floods) की स्थिति आ गई है। हर तरह पानी और मलबा फैला हुआ है। भले ही प्रशासन यहां राहत कार्य में जुटी हुई है लेकिन आने वाले दिनों में इन इलाकों में कई बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। दरअसल, बहुत से लोगों को इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि बादल फटने के क्या होता है (badal fatne se kya hota hai)? भले ही यह एक प्राकृतिक त्रासदी है लेकिन बाढ़ के बाद कौन सी बीमारियां फैल सकती हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है (what are the diseases caused by floods), इनके बारे में जानकारी आम लोगों को होनी चाहिए। तो जानते हैं इन बीमारियों और इनके लक्षणों के बारे में और ताकि पहला लक्षण नजर आते ही हम इलाज ले सकें।
बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन कौन सी बीमारियां फैलती हैं?
1. हैजा फैलने का खतरा-Cholera outbreaks
जब भी कहीं बाढ़ आती हैं वहां कुछ ही दिनों के अंदर हैजा की बीमारी फैल जाती है। यह असल में जल जनित बीमारी (water borne diseases) है जो कि दूषित पानी, खाना और आस-पास के मलबे से होने वाले इंफेक्शन से फैल सकता है। इसके एक कारणयह भी है कि बाढ़ का पानी, साफ पानी वाली सुविधाओं को भी नुकसान पहुंचा सकता है जिससे बीमारियों का खतरा और बढ़ जाता है। ऐसे में इन लक्षणों (cholera symptoms) पर नजर रखना जरूरी हो जाता है। जैसे कि
- -लगातार होने वाली उल्टी
- -दस्त
- -तेज बुखार
- -कमजोरी और लो बीपी
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2. टाइफाइड और हेपेटाइटिस का खतरा-Typhoid and Hepatitis
बाढ़ वाले इलाकों में टाइफाइड और हेपेटाइटिस फैलने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। यह असल में पानी, गंदगी और मलबों में पनपने वाले जीवाणु संक्रमण की वजह से होता है। तो अगर व्यक्ति को
- - तेज बुखार
- -जठरांत्र संबंधी समस्याएं तेज पेट दर्द, मरोड़ और दस्त हो
- -लिवर से जुड़ी बीमारी जिसमें खाना न पचे और लंबे समय तक बुखार के साथ कमजोरी रहे
3. लेप्टोस्पायरोसिस और गैस्ट्रोएंटेराइटिस-Leptospirosis and Gastroenteritis
बाढ़ में इंसान के साथ जानवरों की भी जान जाती है। तो संक्रमित पशुओं के मूत्र के माध्यम से फैलने वाले जीवाणुजनित रोगों का भी खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में यह दो बीामरियां फैल सकती हैं जिनके लक्षणों पर आपको नजर रखना चाहिए। जैसे कि
- - पेट और आंतों की सूजन
- -दस्त और उल्टी
- -बुखरा और कमजोरी
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4. मच्छर जनित बीमारियां-Vector borne Diseases
बाढ़ के बाद मच्छर जनित रोगों का होना काफी आम है। इस स्थिति में डेंगू और मलेरिया का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में इन दोनों के लक्षणों पर नजर रखें जैसे कि
- - बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द को नजरअंदाज न करें
- -एक तय समय पर कंपकंपी वाला बुखार और फ्लू जैसे लक्षण हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
तो इस प्रकार से इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो समझ जाएं कि आप इनमें से किसी न किसी बीमारी के शिकार हो गए हैं। इस स्थिति में डॉक्टर के पास जाएं और अपने लक्षणों को बताकर टेस्ट करवाएं और सही इलाज लें। साथ ही कोशिश करें कि इस बीच पानी उबालकर पिएं और खाना गर्म खाएं।
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