उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने (cloudburst) की भयावह घटना ने देशभर के लोगों को हिला दिया है। उत्तरकाशी न्यूज से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिनमें बाढ़ जैसे हालात, बहते हुए घर और तबाही के सीन देखे जा सकते हैं। ये दृश्य जितने भयावह हैं, उतना ही गहरा असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी डाल सकते हैं। विशेषकर वे लोग जो पहले से एंग्जायटी (anxiety symptoms in Hindi), डिप्रेशन या घबराहट जैसी मानसिक स्थितियों से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह समय और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सोशल मीडिया पर बाढ़ जैसे हालात, बहती गाड़ियां और तबाह हो चुकी बस्तियों की तस्वीरें और वीडियोज वायरल हो रही हैं। इन दृश्यों को बार-बार देखने से न सिर्फ स्थानीय लोग, बल्कि दूर बैठे लोग भी मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। जिससे शरीर में तनाव हार्मोन यानी कोर्टिसोल का लेवल बढ़ता है। इसका सीधा असर हमारी नींद, सोचने-समझने की क्षमता और मानसिक संतुलन पर पड़ता है।
Google Trends के अनुसार, इन दिनों 'बादल फटना', 'उत्तरकाशी में क्या हुआ', 'घबराहट कैसे रोकें', जैसे कीवर्ड्स को लोग तेजी से सर्च कर रहे हैं। यह दिखाता है कि जनता सिर्फ घटना से नहीं, बल्कि उसके मानसिक प्रभावों से भी चिंतित है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब हर तरफ डर और चिंता का माहौल हो, तो खुद को मानसिक रूप से कैसे मजबूत रखें? क्या कुछ आसान उपाय अपनाकर हम अपने दिमाग को शांत और स्थिर रख सकते हैं? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, संध्या शर्मा (Ms. Sandhya Sharma, Clinical Psychologist, Dharamshila Narayana Superspeciality Hospital, Delhi) से बात की-
वीडियो देखने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है? - badh ke video ka asar
साइकोलॉजिस्ट, संध्या शर्मा के अनुसार, जब कोई व्यक्ति बार-बार किसी भयंकर प्राकृतिक आपदा जैसे बादल फटने या बाढ़ की तस्वीरें देखता है, तो उसका मस्तिष्क उसे एक वास्तविक खतरे की तरह समझता है। इससे फाइट-या-फ्लाइट रिस्पॉन्स एक्टिवेट हो जाता है, जो शरीर में तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल की मात्रा बढ़ा देता है। नतीजा यह होता है कि व्यक्ति चिंता, घबराहट, नींद की कमी और निगेटिव सोच का शिकार होने लगता है।
खुद को मानसिक रूप से मजबूत कैसे बनाएं? - mentally majboot kaise bane
साइकोलॉजिस्ट, संध्या शर्मा की सलाह के अनुसार, यदि आप उत्तरकाशी या किसी अन्य आपदा से जुड़ी खबरों से मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं, तो नीचे दिए गए उपायों को अपनाकर आप खुद को संतुलित रख सकते हैं।
1. सोशल मीडिया पर सीमित समय बिताएं
रोजाना खबरें देखना जरूरी है, लेकिन बार-बार वही डरावनी तस्वीरें या बाढ़ के वीडियो (badh ke video) देखने से मानसिक असंतुलन हो सकता है। तय करें कि दिन में केवल दो बार ही न्यूज चेक करेंगे और हर बार सीमित समय ही देंगे। गलत खबरें घबराहट बढ़ा सकती हैं। इसलिए आधिकारिक और पॉजिटिव खबरों वाले प्लेटफॉर्म से ही जानकारी लें।
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2. डीप ब्रीदिंग और मेडिटेशन करें
दिन में कम से कम 10-15 मिनट प्राणायाम, डीप ब्रीदिंग या मेडिटेशन करें, ऐसा करने से नकारात्मक विचार कम होते हैं और दिमाग को शांति (dimag ko shant karne ka tarika) मिलती है।
3. परिवार और दोस्तों से बात करें
डर, घबराहट या चिंता को अकेले झेलने की बजाय अपने करीबी लोगों से बात करें। बातचीत से मन हल्का होता है और डर कम महसूस होता है।
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4. रूटीन मेंटेन रखें
जब भी बाहरी घटनाएं तनाव देती हैं, तो अपने डेली रूटीन को नियमित रखना मानसिक स्थिरता में मदद करता है। जैसे समय पर सोना, खाना और काम करना। अपने आप को उन कामों में बिजी रखें, जिन्हें करने में आपको मजा आता हो।
5. प्रोफेशनल मदद लें
अगर आप इन उपायों को आजमाने के बाद भी खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं या रोजमर्रा के कामों पर असर पड़ रहा है, तो किसी मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट या डॉक्टर से परामर्श लें।
निष्कर्ष
उत्तरकाशी जैसी घटनाएं निश्चित रूप से हिला देने वाली होती हैं, लेकिन इस दौर में मानसिक संतुलन बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है। खुद को अपडेटेड रखें लेकिन ओवरएक्सपोजर से बचें। साथ ही, दूसरों को भी पॉजिटिव रहने के लिए प्रेरित करें। मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही जरूरी है। इसलिए डर से नहीं, संयम और समझदारी से इन परिस्थितियों का सामना करें। यदि आप या आपके किसी परिचित को इन खबरों से मानसिक असर महसूस हो रहा है, तो मनोचिकित्सक से संपर्क करें।
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