What are the risks of early menopause: जब उम्र से पहले ही मेनोपॉज शुरू हो जाता है तो उसे अर्ली मेनोपॉज कहा जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक अगर किसी महिला को 40 वर्ष की उम्र से पहले मेनोपॉज शुरू हो जाता है, तो उसे समय से पहले मेनोपॉज आना कहा जाता है। मेनोपॉज के दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसका असर फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों पर देखने को मिलता है। स्ट्रेस मेंटेन न करना, अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें समय से पहले मेनोपॉज होने की वजह बन सकती हैं। जब समय से पहले मेनोपॉज शुरू हो जाता है, तो इसके कारण फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों पर असर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं समय से पहले मेनोपॉज शुरू होने पर महिलाओं की साइकोलॉजिकल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है? इस बारे में जानने के लिए हमने साकेत के मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की प्रिंसिपल डायरेक्टर ऑफ (ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी) के हेड ऑफ यूनिट- ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी से डॉ. अनुराधा कपूर से बात की।
समय से पहले मोनोपॉज होने पर मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है? How Early Menopause Can Affect Mental Health
समय से पहले मेनोपॉज होने पर शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का प्रोडक्शन कम हो जाता है। एस्ट्रोजन की अचानक आई कमी आने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में महिला में मूड स्विंग, एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। कुछ मामलों में यह डिप्रेशन में जाने की संभावना भी पैदा कर सकता है।
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समय से पहले मोनोपॉज होने पर क्या लक्षण नजर आते हैं? Symptoms of Early Menopause
समय से पहले मेनोपॉज का सामना कर रही महिलाओं में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं-
- समय से पहले मेनोपॉज होने पर महिला को ब्रेन फॉग हो सकता है। यह एक मेडिकल कंडीशन होती है जिसमें कंफ्यूजन बढ़ जाती है और इसका असर याददाश्त पर भी नजर आता है।
- मेनोपॉज शुरू होने के दौरान कुछ महिलाओं को भूलने की बीमारी या चीजें याद न रहने जैसी समस्याएं होने लगती है।
- अर्ली मेनोपॉज के कारण स्लीप साइकिल पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में महिला को नींद न आने या नींद से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके कारण इमोशनल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
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समय से पहले मेनोपॉज से कैसे डील करें? How To Deal With Early Menopause
- समय से पहले मेनोपॉज आना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होता है। क्योंकि यह तब शुरू होता है जब एक महिला काम या पारिवारिक जिम्मेदारियों और दूसरों की देखभाल के बीच संतुलन बना रही होती है।
- आज भी कई महिलाओं को अर्ली मेनोपॉज के बारे में जानकारी नहीं होती है। महिलाओं और उनके करीबियों को यह समझने की जरूरत है कि मेनोपॉज में आने वाले भावनाओं में ये बदलाव शरीर के होने वाले प्राकृतिक बदलावों का हिस्सा हैं।
- समय से पहले मेनोपॉज को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें अपनाने से इन्हें कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसे में खानपान में बदलाव, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT), थेरेपी और स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक्स को अपनाकर इसमें होने वाली परेशानियों को कंट्रोल रखना आसान है।
निष्कर्ष
समय से पहले मेनोपॉज होने पर मेंटल हेल्थ पर काफी असर पड़ता है। ऐसे में शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का प्रोडक्शन कम हो जाता है। एस्ट्रोजन की अचानक आई कमी आने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में महिला में मूड स्विंग, एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। लेकिन अगर डाइट और लाइफस्टाइल को मैनेज किया जाए, तो मेनोपॉज से डील करना आसान हो सकता है। अगर ऐसे में आपको ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तो बिना देरी किये तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
FAQ
महिलाओं में मेनोपॉज के क्या लक्षण हैं?
महिलाओं में मेनोपॉज शुरू होने से पहले ही कई लक्षण नजर आने लगते हैं। ऐसे में पीरियड्स इर्रेगुलर हो जाते हैं, रात को पसीना आना या नींद न आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इनके अलावा, हॉट फ्लैशेज, ब्रेस्ट पेन और योनि में सूखापन जैसे संकेत भी नजर आने लगते हैं।मेनोपॉज के दौरान क्या समस्याएं हो सकती है?
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से परेशानियां होती हैं। ऐसे में पीरियड्स इर्रेगुलर रहते हैं, वजन में बदलाव होता है, गर्मी और पसीना ज्यादा आना, मूड स्विंग्स और इरिटेशन होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।क्या मेनोपॉज मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है?
मेनोपॉज का असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। ऐसे में महिला में मूड स्विंग, एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। कुछ मामलों में यह डिप्रेशन में जाने की संभावना भी पैदा कर सकता है।