मेनोपॉज़ (Menopause) हर महिला के जीवन का एक स्वाभाविक चरण है। जब महिलाओं की मेंस्ट्रुअल साइकिल परमानेंट रूप से बंद हो जाती है तो इसको मेनोपॉज कहा जाता है। यह आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच होता है। हालांकि यह एक नॉर्मल और नेचुरल प्रक्रिया है, लेकिन इसके साथ आने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव, विशेष रूप से मूड स्विंग्स (Mood Swings), कई बार यह महिलाओं के लिए बड़ी परेशानी की वजह बन सकते हैं। मेनोपॉज़ में कई महिलाओं को अचानक गुस्सा आने बिना वजह, बिना किसी कारण के उदासी रहना मूड स्विंग्स का ही रूप है। इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉ. विभा बंसल जानते हैं कि मेनोपॉज के दौरान मूड स्विंग्स क्यों होते हैं और इनसे निपटने के लिए आप क्या कर सकती हैं।
मेनोपॉज में मूड स्विंग्स के कारण क्या होते हैं - Causes Of Mood Swings During Menopause In Hindi
- हार्मोनल बदलाव: मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) जैसे प्रजनन हार्मोन का स्तर गिरने लगता है।
- नींद की कमी (Insomnia): मेनोपॉज में रात को बार-बार उठना, पसीना आना या बेचैनी नींद को प्रभावित करते हैं, जिससे दिनभर चिड़चिड़ापन और भावनात्मक अस्थिरता बनी रहती है।
- तनाव और जीवनशैली में बदलाव: इस उम्र में महिलाओं के बच्चे बड़े हो रहे होते हैं। साथ ही कई महिलाओं के करियर में परिवर्तन हो सकता है, या स्वास्थ्य संबंधी चिंता बढ़ जाती है। ये सभी स्थितियां मानसिक तनाव का कारण बन सकते हैं।
मेनोपॉज में मूड स्विंग्स से निपटने के प्रभावी उपाय - How To Deal Mood Swings During Menopause In Hindi
संतुलित आहार लें
मेनोपॉज के दौरान ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, मेवे और प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन कर सकती हैं। आपका खानपान सीधे तौर पर आपके मूड को प्रभावित करता है। हार्मोन बैलेंस बनाए रखने के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है। ऐसे में आप साबुत अनाज (whole grains), ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अलसी के बीज, अखरोट आदि ले सकती हैं। इसके अलावा कैफीन, शुगर और तले भुने खाने से दूरी बनाएं।
नियमित व्यायाम करें
एक्टिव रहना मेनोपॉज के मूड स्विंग्स को नियंत्रित करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। एक्सरसाइज से एंडोर्फिन (खुशी के हार्मोन) का रिलीज होता है और बढ़ता है, नींद में सुधार होता है और तनाव और चिंता कम होती है। इसके लिए आप रोजाना 30 मिनट तेज चाल से चलना, प्राणायाम का अभ्यास करें।
पर्याप्त नींद लेना
नींद की कमी मूड स्विंग्स का एक बड़ा कारण है। हार्मोनल असंतुलन के चलते नींद प्रभावित होती है, जिससे मानसिक थकावट और चिड़चिड़ापन बढ़ता है। ऐसे में नींद की क्वालिटी को सुधारने के लिए आप सोने से पहले टीवी न देखें। सोने से पहले एक गिलास गुनगुना दूध और उसमें चुटकी भर जायफल पाउडर मिलाकर पिएं। यह नींद लाने में मदद करता है।
स्ट्रेस मैनेजमेंट करें
मेनोपॉज के दौरान मानसिक दबाव से निपटना बहुत जरूरी है क्योंकि तनाव मूड स्विंग्स को और अधिक बढ़ा सकता है। इससे बचने के लिए आप स्ट्रेस को दूर करने के लिए ध्यान और गहरी सांसों की एक्सरसाइज कर सकते हैं।
सामाजिक संपर्क बनाए रखें
मेनोपॉज के समय महिलाएं अकेलापन महसूस करने लगती हैं। यह भावनात्मक अस्थिरता को बढ़ा सकता है। ऐसे में महिलाओं को अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ समय बिताएं। ग्रुप एक्टिविटी में हिस्सा ले।
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मेनोपॉज में मूड स्विंग्स एक सामान्य अनुभव है लेकिन अगर सही समय पर सही उपाय अपनाए जाएं तो यह अनुभव आसान और शांतिपूर्ण हो सकता है। खानपान, व्यायाम, योग, सामाजिक जुड़ाव और मानसिक संतुलन, ये सभी मिलकर आपको इस बदलाव को मजबूती से पार करने में मदद कर सकते हैं।
FAQ
मूड स्विंग प्रॉब्लम क्या होती है?
मूड स्विंग्स आपके महसूस करने के तरीके में अचानक होने वाले बदलाव को कहते हैं। मूड स्विंग्स की समस्या ज्यादातर मामलों में मस्तिष्क के केमिकल्स के बदलाव के कारण होते हैं।मेनोपॉज में किस तरह की सब्जियां खाएं?
मेनोपॉज में हरी सब्जियां न सिर्फ वजन को कंट्रोल में रखती हैं बल्कि हड्डियों को भी स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। ऐसे में आप पालक, शलजम और बीन्स का सेवन कर सकती हैं। ये सब्जियां कैल्शियम भी प्रदान करती हैं। इसके अलावा ब्रोकली, पत्तागोभी भी फायदेमंद मानी जाती है।रजोनिवृत्ति की चिंता कम करने के लिए क्या लेना चाहिए?
रजोनिवृत्ति में चिंता कम करने के लिए महिलाओं को रोजाना सुबह और शाम योग और मेडिटेशन करने की आदत डालनी चाहिए। शुरुआत में आपको असर कम दिखेगा लेकिन धीरे-धीरे इससे चिंता का स्तर तेजी से कम होता है।