अल्सरेटिव कोलाइटिस यानी बड़ी आंत का सूज जाना एक प्रकार की इन्फ्लेमेटरी बाउल बिमारी होती है। इसमें पेट में दर्द होना और दस्तों में खून आना इसके मुख्य लक्षण है। यदि शुरुआती लक्षणों को देखकर इसका इलाज न किया जाए तो यह घातक भी साबित हो सकती है। लेकिन अपनी डाइट में कुछ बदलाव कर आप इस समस्या को काफी हद तक ठीक कर सकते हैं।
इलाज न किये जाने पर रोगी के शरीर में प्रोटीन, विटामिन या फैट्स की कमी भी हो सकती है। इसलिए इन सभी तत्वों की कमी न होने पाए , इसके लिए सबसे पहला उपाय तो डाइट में बदलाव है। पर समस्या के बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करना भी जरूरी है।
हरी सब्जियां खाएं (Green Vegetables)
वैसे तो आप को फाइबर वाली सब्जियां हमेशा ही खानी चाहिएं। यह आप की सेहत के लिए बहुत उपयोगी हैं। लेकिन जब आप को अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी बीमारी हो तो,आप को अपनी डाइट में ब्रोकली, पत्तागोभी, गोभी आदि जैसी सब्जियों का प्रयोग के बजाय तुरई, शकरकंद व लौकी जैसी सब्जियों को प्रयोग करें। ये पचाने में भी आसान होती हैं। गैस या उल्टी की परेशानी भी नहीं होती। सब्जियों को भाप से गलायें तो इनकी पौष्टिकता बनी रहेगी।
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प्रोबायोटिक्स फूड खाये़ (Probiotics food)
प्रोबायोटिक्स हमारे शरीर के लिए अच्छे बैक्टीरिया माने जाते हैं। इन बैक्टीरिया के कारण हमारे पाचन तंत्र को सुचारु रूप से काम करने में बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा यह बैक्टीरिया हमारे पूरे शरीर की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इन बैक्टीरिया से आप के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। जिसकी वजह से आपकी बड़ी आंत को ठीक होने में बहुत सहायता मिलती है।
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हल्दी और अदरक का सेवन (Turmeric and Ginger Intake)
बड़ी आंत में सूजन के कारण जी मिचलाना उल्टी आना पेट में दर्द आदि समस्याएं भी अक्सर रहतीं हैं। इन समस्याओं के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपचार है कि हल्दी, अदरक व लहसुन का सेवन किया जाए। चाहे तो इन्हें मसाले के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। या अदरक और लहसुन को सूप या ग्रेवी में डालकर भी पीया जा सकता है। इन मसालों से दर्द व मितली में राहत मिलेगी। यह मसाले पाचन संबंधी परेशानियों को दूर करने में काफी सहायक है।
मछली का सेवन (Fish Intake)
कुछ ऐसे हमारे शरीर द्वारा निर्मित नहीं किए जाते, उनमें से एक है ओमेगा-3। यह हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। इसके सेवन से बड़ी आंतों की दीवारों के संकुचन में फायदा होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड्स हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में भी बहुत लाभदायक होता है। हमें ओमेगा 3 मछली खाने से मिल सकता है। अतः मछली को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
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जैतून या इसका तेल (use Olive oil)
जैतून के तेल का सेवन भी ऐसे में फायदेमंद और आरामदायक है क्योंकि इसमें बायोफेनोल्स नामक तत्व मौजूद हैं। यह हमें आहार के रूप में मिलने वाला एंटीऑक्सिडेंट का सबसे प्रचुर स्रोत हैं, अन्य फल सब्जी के मुकाबले। पचाने में भी आसान है। मसालेदार भोजन, रेडमीट, रिफाइंड शुगर का इस्तेमाल इस परेशानी में कम करें।
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