हाई ब्‍लड प्रेेशर से लेकर आंत माइक्रोबायोम में परिवर्तन का कारण हो सकती है खराब नींद: शाेध

हाल में हुए अध्‍ययन में पाया गया है कि आपकी खराब नींद, हाई ब्‍लड प्रेशर के साथ-साथ आंत माइक्रोबायोम में परिवर्तन से जड़ी है।  
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हाई ब्‍लड प्रेेशर से लेकर आंत माइक्रोबायोम में परिवर्तन का कारण हो सकती है खराब नींद: शाेध

क्‍या कितना सोते हैं, कब सोते हैं और कैसी नींद लेते हैं, यह सब आपके अच्‍छे और खराब स्‍वास्‍थ्‍य को तय करता है।  जी हां, सही सुना एक बेहतर या खराब स्‍वास्‍थ्‍य के लिए आपका स्‍लीप पैर्टन या स्‍लीप साइकिल एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसीलिए हेल्‍थ एक्‍सपर्ट एक अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नींद की अच्‍छी गुणवत्‍ता और र्प्‍याप्‍त नींद लेने को कहते हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि नींद की कमी के कारण आपको कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का खतरा बढ़ जाता है। हेल्‍थ एक्‍सपर्टों की मानें, तो आपको हमेशा कम से कम 6 से 7 घंटे की अच्‍छी नींद लेनी चाहिए। वैसे तों, नींद से आपका स्‍वास्‍थ्‍य कई तरीके से जुड़ा है, लेकिन हान में हुए एक नए अध्‍ययन में पाया गया है कि आपकी नींद की गुणवत्‍ता आपके ब्‍लड प्रेशर से लेकर आंत माइक्रोबायोम को प्रभावित कर सकती है। आइए यहां इस नई रिसर्च के बारे में विस्‍तार से जानिए...  

नींद की गुणवत्‍ता, हाई ब्‍लड प्रेशर और आंत माइक्रोबायोम के बीच संबंध 

हाल में हुई इस नई रिसर्च में शोधकर्ताओं ने नींद की गुणवत्‍ता, हाई ब्‍लड प्रेशर और आंत माइक्रोबायोम के बीच संबंध को दर्शाया है। इस अध्‍ययन को चूहों पर किया गया, जिसमें कि शोधकर्ताओं ने इनके बीच संबंध के बारे में लिंक पाया।  इस नई रिसर्च का उद्देश्य यह निर्धारित करता  है कि 28 दिनों की बाधित नींद ने चूहों में माइक्रोबायोटा को बदल दिया। आंत माइक्रोबायोटा आंतों में रहने वाले सूक्ष्मजीवों के संग्रह को संदर्भित करता है। शोधकर्ताओं ने अवांछनीय आर्टरी ब्‍लड प्रेशर परिवर्तनों से जुड़े जैविक विशेषताओं की पहचान करने की भी मांग की। इस अध्‍ययन के परिणाम फिजियोलॉजिकल जीनोमिक्स में प्रकाशित किए गए थे।

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poor sleep

चूहों पर किया गया अध्‍ययन

इस अध्‍ययन को शोधकर्ताओं ने चूहों पर किया, जिसमें शोधकर्ताओं ने चूहों की नींद की अवधि को बाधित किया। प्रयोगों को उनके दिन की नींद की अवधि में हस्तक्षेप करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। जिसमें टेलीमेट्री ट्रांसमीटरों के जरिए चूहों की मस्तिष्क गतिविधि, ब्‍लड प्रेशर और हृदय गति को मापा गया। माइक्रोबियल सामग्री में परिवर्तन की जांच करने के लिए फेकल पदार्थ का भी विश्लेषण किया गया था।

अध्‍ययन के परिणाम 

इस अध्‍ययन के शोधकर्ता माकी ने कहा, ''उन्‍होंने अपने इस अध्‍ययन में पाया कि जब चूहों में एक असामान्य नींद का समय था, तो उनके ब्‍लड प्रेशर में वृद्धि हुई। ब्‍लड प्रेशर तब भी हाई बना रहा, जब वे सामान्य नींद में लौटे। इससे पता चलता है कि खराब नींद एक निरंतर अवधि के लिए शरीर को प्रभावित करती है। ” 

सिर्फ इतना ही नहीं, खराब नींद के ब्‍लड प्रेशर के अलावा, आंत में रहने वाले सभी जीवाणुओं की आनुवांशिक सामग्री - आंत के माइक्रोबायोम में भी अवांछनीय परिवर्तन पाए गए।

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Gut Health

शोधकर्ता माकी ने पाया कि आंत माइक्रोबायोम परिवर्तन तुरंत नहीं हुआ, बल्कि इंफ्लेमेशन के साथ जुड़े रोगाणुओं में वृद्धि सहित विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया के बीच असंतुलन जैसी प्रतिकूल प्रतिक्रिया दिखाने के लिए एक सप्ताह का समय लगा। उनहोंने कहा, “जब नींद में गड़बड़ी या व्‍यवधान  बंद हो गया, तो सब कुछ तुरंत सामान्य नहीं हुआ। यह शोध कई रोग कारकों की उपस्थिति के साथ एक बहुत ही जटिल प्रणाली को दर्शाता है।”

इसलिए स्‍वस्‍थ रहने के लिए अच्‍छी और र्प्‍याप्‍त नींद लेना बहुत जरूरी है। क्‍योंकि आपकी नींद की गुणवत्‍ता आपके समग्र स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित कर सकती है। 

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