
ब्रेस्ट कैंसर पूरी दुनिया में महिलाओं की असमय मृत्यु का एक बड़ा कारण बना हुआ है। महिला कैंसर मरीजों में सबसे ज्यादा संख्या और सबसे ज्यादा मौत का आंकड़ा ब्रेस्ट कैंसर का ही रहता है। परेशानी की बात यह है कि पिछले 1-2 दशक में ये बीमारी और भी तेजी से फैली है। भारत में मेट्रो शहरों में रहने वाली महिलाएं इसका सबसे ज्यादा शिकार होती हैं। ब्रेस्ट कैंसर का इलाज को सफलतापूर्वक संभव है लेकिन देरी से पता चलने पर जब कैंसर कई स्टेज पार कर चुका होता है, तब इलाज मुश्किल हो जाता है। ऐसे में महिलाओं के लिए नंबर-1 किलर बनी इस बीमारी के गंभीरतम मरीजों को ठीक करने के लिए फिलहाल न तो कोई थेरेपी है न ही सर्जरी। लेकिन वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है।

ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर का इलाज हो सकेगा संभव
ऑस्ट्रेलियन वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया है कि मधुमक्खी का विष एग्रेसिव (गंभीरतम) ब्रेस्ट कैंसर सेल्स को कुछ मिनटों में ही मार देता है, और वो भी बिना हेल्दी सेल्स को ज्यादा नुकसान पहुंचाए हुए। इस रिसर्च के बाद संभव है कि ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर की सबसे खतरनाक स्टेज) के मरीजों का इलाज जल्द ही संभव हो जाए। आपको बता दें कि ब्रेस्ट कैंसर के कुल मरीजों में ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगभग 10 से 15 प्रतिशत होते हैं और फिलहाल मेडिकल साइंस में ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए कोई क्लीनिकली स्वीकृत टारगेटेड थेरेपी नहीं है।
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लगभग 1 घंटे में ही कैंसर सेल्स को मार सकता है ये विष
ये रिसर्च ऑस्ट्रेलिया के University of Western Australia के Harry Perkins Institute of Medical Research की 25 साल की ऑस्ट्रेलियन वैज्ञानिक Dr Ciara Duffy और उनकी टीम द्वारा किया गया है। इस रिसर्च को Nature Precision Oncology नामक जर्नल में छापा गया है, जो कि शोधपरक लेखों के लिए एक मानी-जानी शोध पत्रिका है। रिसर्च के अनुसार वैज्ञानिकों ने पाया कि मधुमक्खी के विष से कैंसर सेल्स को लगभग 1 घंटे के समय में ही खत्म कर दिया गया, जबकि इस दौरान दूसरी सेल्स को बहुत कम डैमेज हुआ। इस सफलता से वैज्ञानिक बहुत उत्साहित हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि इस विषय में अभी और अधिक रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
वैज्ञानिकों को मिला मधुमक्खी के विष में एंटी-कैंसर कंपाउंड
नेचर में छपे आर्टिकल के अनुसार ये रिसर्च यूरोपियन मधुमक्खी Apis mellifera के विष से की गई है। इस मधुमक्खी के शहद, वैक्स और विष का इस्तेमाल हजारों सालों से कई रोगों के इलाज में पहले ही किया जाता रहा है, लेकिन इस मधुमक्खी के विष में एंटी-कैंसर गुण भी मौजूद हैं, इस बारे में न तो ज्यादा सोचा गया और न ही रिसर्च की गई। मगर ऑस्ट्रेलियन वैज्ञानिकों ने पाया कि मधुमक्खी के विष में मेलिटिन (melittin) नाम का एक्टिव कंपाउंड होता है, जो कैंसर सेल्स को मार सकता है। ये कंपाउंड इतना पावरफुल है कि इसके जरिए एग्रेसिव कैंसर सेल्स को 60 मिनट से भी कम समय में खत्म किया जा सकता है।
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वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस रिसर्च को मेडिकल साइंस में गंभीरता से लिया जा रहा है इसलिए संभव है कि इस पर जल्दी ही बड़े शोध और स्टडीज करने के बाद अगले कुछ समय में ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज संभव हो सके।
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