Doctor Verified

मानसून में बढ़ सकता है हैजा और टाइफाइड का जोखिम, बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय

बरसात के दिनों में आपको हैजा, टाइफाइड और बुखार होने की समस्या हो सकती है। आगे जानते हैं कि मानसून के दिनों में दूषित पानी से होने वाले रोगों से कैसे बचाव करें।
  • SHARE
  • FOLLOW
मानसून में बढ़ सकता है हैजा और टाइफाइड का जोखिम, बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय

मानसून में होने वाली गंभीर समस्याएं 

टाइफाइड का बुखार 

मानसून में लोगों को सैल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण टाइफाइड (Typhoid fever) होने की संभावना अधिक होती है। यह समस्या गंदगी के कारण होती है। इसमें रोगी को रात के समय बुखार आता है। इसके साथ उल्टी, सिर में दर्द और गैस आदि की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

हैजा

मानसून के दिनों में दूषित जल पीने की वजह से हैजा (Cholera) होने की संभावना अधिक होती है। गंदगी और दूषित जल व आहार की वजह से हैजा की समस्या होती है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे तक तेजी से फैलता है। 

हेपेटाइटिस

मानसून के दिनों में साफ सफाई का ध्यान न देने से व्यक्ति को हेपेटाइटिस ए फैलने का जोखिम अधिक होता है। यह एक संक्रमित रोग होता है, जो एक से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से फैल सकता है। इसमें व्यक्ति को उल्टी, पाचन क्रिया से जुड़ी समस्याएं, त्वचा का पीला होना आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं। 

prevention tips of monsoon diesease

मानसून में होने वाली बीमारियों से बचाव कैसे करें?

उबला हुआ पानी पीएं 

मानसून में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए आप पानी को उबाल कर पी सकते हैं। इन दिनों बाहर ड्रिंक्स आदि पीने से बचें। मानसून के दिनों में दूषित पानी को बीमारियों का मुख्य कारण माना जाता है, ऐसे में आप स्वच्छ पानी का ही सेवन करें। 

बाहर का खाना न खाएं 

बाहर का तला भूना खाना बारिशों के दिनों में बेहद अच्छा लगता है, लेकिन यह बीमारी की वजह बन सकता है। दरअसल, बाहर के खुले खाने में बैक्टीरिया पनपने की संभावना अधिक होती है। इसलिए बाहर का जंक फूड और तला-भूना खाने से दूरी बनाएं। 

फेस को कवर करें 

बाहर जाते समय आप फेस को कवर करें। दरअसल, किसी व्यक्ति के छींकने से बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे में ट्रांसफर होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में आप फेस को कवर करके ही बाहर जाएं। 

घर के बाहर पानी न भरने दें 

दरअसल, मानसून में मच्छर भी डेंगू व अन्य बीमारियों को फैलाने का कारण बन सकते हैं। मच्छरों से बचने के लिए आप घर के आसपास पानी न भरने दें और बाहर जाते समय आप फुल स्लीव्स के कपड़ें पहनें। 

साफ-सफाई का दें ध्यान 

बाहर से आने के बाद घर के बच्चों या सभी सदस्यों के साफ से हाथ पैर धोकर ही अन्य काम करने चाहिए। साथ ही, भोजन करने से पहले भी हाथों साबुन से साफ करना चाहिए। 

डॉ. अभिक बनर्जी के अनुसार “वायरल बुखार विभिन्न वायरसों के कारण होता है, जिससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इनमें डेंगू, इन्फ्लुएंजा, चिकनगुनिया और वायरल गैस्ट्रोएन्टेराइटिस शामिल हैं, जो मानसून में ज्यादा फैलते हैं। गंदे पानी का जमा होना, मच्छरों का बढ़ना, और दूषित भोजन व पानी पीने से इन मामलों में वृद्धि होती है। इसके लक्षणों में शरीर दर्द, थकान, गले में खराश, खांसी, त्वचा पर चकत्ते और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वायरल बुखार के साथ ही टाइफॉइड और लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बैक्टीरियल इंफेक्शन्स भी मान्सून में ज्यादा देखी जाती हैं, खासकर बाढ़ या जलजमाव वाले इलाकों में। इलाज में आराम करना, पानी ज्यादा पीना और बुखार कम करने की दवाइयां शामिल हैं। गंभीर मामलों में एंटीवायरल या अन्य सपोर्टिव केयर की जरूरत पड़ सकती है। ”

इसे भी पढ़ें : मानसून में बीमार होने से बचना है तो न खाएं ये 5 चीजें, संक्रमण से होगा बचाव

यह आसान उपाय अपनाकर आप मानसून में होने वाले रोगों से खुद का बचाव कर सकते हैं। इस दौरान महसूस होने वाले लक्षणों को आप अनदेखा न करें। यदि, समस्या अधिक है, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

 

Read Next

बीपी लो की हालत में होश खोने से पहले करें ये काम, तुरंत मिलेगा आराम

Disclaimer