
आजकल लोगों की नींद का पैटर्न बेहद खराब हो चला है। हर कोई देर रात तक जागता है और सुबह देर से उठता है। ये तरीका हफ्ते में एक दिया वीकेंड पर तो सही है लेकिन हर दिन इसे फॉलो करना आपको बीमार कर सकता है। हाल ही में frontiersin.org की एक स्टडी में बताया गया है कि आप कब सोते हैं उससे आपकी दिल की सेहत का पता चलता है। इस स्टडी में आपके सोने का समय और आपके दिल की सेहत के बारे में भी बताया गया है। आइए जानते हैं इस स्टडी के बारे में विस्तार से और फिर जानें Dr. Sanjay Bhat, Sr. Consultant - Interventional Cardiology, Aster CMI Hospital, Bangalore की राय।
देर रात सोने को लेकर क्या कहती है ये स्टडी?
Frontiersin.org के इस Sleep Heart Health Study में 4576 व्यस्क लोगों ने भाग लिया और उनके सोने के पैटर्न और कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को ध्यान से जांचा गया। इसमें लोगों के सोने के समय को 3 टाइम फेज में बांटा गया जैसे कि पहला ग्रुप 10:00 बेज से लेकर 11:00 बजे वाले ग्रुप में, दूसरा ग्रुप 11 बजे से 12 बजे रात सोने वालों का था और तीसरा ग्रुप इसे बाद सोने वालों का। शोधकर्ताओं ने इन पर 10 साल शोध की किया और इनमें हार्ट अटैक के खतरे को जांचा।
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रात में 10 बजे सोने वालों में हार्ट अटैक का खतरा कम: स्टडी
इस स्टडी में साफ शब्दों में बताया गया है कि जो लोग 10 बजे से 11 बजे के बीच सो जाते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा देर रात 11 बजे के बाज सोने वाले लोगों की तुलना कम होता है। इसके अलावा इस शोध में बताया गया है कि
- - वीकेंड के दिनों में आधी रात के बाद सोने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा 63% बढ़ जाता है।
- - पर्याप्त नींद लेने के बावजूद, अनियमित नींद के पैटर्न से दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा 26% तक बढ़ सकता है।
- - 11 बजे के बाद देर रात तक सोने से शरीर की प्राकृतिक घड़ी बाधित होती है, जिससे रक्तचाप और रक्त वाहिकाओं की मरम्मत प्रभावित होती है।
- - रात 11 बजे के बाद सोने वाली महिलाओं को हृदय रोग का खतरा ज्यादा होता है।
- - नियमित और जल्दी सोने से हृदय की रक्षा हो सकती है और हृदय संबंधी जोखिम कम हो सकता है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
Dr. Sanjay Bhat इस स्टडी को लेकर बताते हैं कि नियमित रूप से देर रात सोने से आपके हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि जो लोग बहुत देर से सोते हैं या जिनकी नींद का समय अनियमित होता है, उनमें
-हाई ब्लड प्रेशर
-मोटापा
-डायबिटीज
-हृदय रोग जैसी समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर की आंतरिक घड़ी, जिसे सर्कैडियन रिदम कहा जाता है, रक्तचाप, चयापचय और हार्मोन स्राव जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करती है। जब आप देर से सोते हैं, तो यह प्राकृतिक लय गड़बड़ा जाती है, जिससे हृदय और अन्य अंगों पर दबाव पड़ता है। अध्ययनों से पता चला है कि रात में देर तक जागने वालों में अक्सर खराब कोलेस्ट्रॉल और सूजन का स्तर अधिक होता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
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डॉक्टर हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नियमित नींद के पैटर्न को बनाए रखने की सलाह देते हैं, जैसे कि हर दिन एक ही समय पर सोना और जागना। सोने का आदर्श समय आमतौर पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच होता है, क्योंकि यह शरीर के प्राकृतिक नींद-जागने के चक्र से मेल खाता है। वे सोने से कम से कम एक घंटा पहले कैफीन, भारी भोजन और स्क्रीन टाइम से बचने की भी सलाह देते हैं। नियमित शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार और तनाव नियंत्रण भी अच्छी नींद और हृदय स्वास्थ्य में सहायक होते हैं।
संक्षेप में, कभी-कभार देर से सोना खतरनाक नहीं है, लेकिन इसे आदत बना लेने से समय के साथ आपके दिल को नुकसान पहुंच सकता है। डॉक्टर जोर देते हैं कि अच्छी नींद की स्वच्छता, जैसे जल्दी सोना, 7-8 घंटे आराम करना और नियमित रूप से सोना, दिल के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि स्वस्थ आहार और व्यायाम। सही समय पर सोने की दिनचर्या आपके शरीर की घड़ी को संतुलित और आपके दिल को मजबूत रखती है।
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Nov 09, 2025 14:58 IST
Published By : Pallavi Kumari