Heart attack oral bacteria: हमारे मुंह के बैक्टीरिया, हमारी सेहत को भी प्रभावित कर सकते हैं। ये हम नहीं बल्कि हाल ही में आई स्टडी बता रही है। दरअसल, एक नए अध्ययन में पाया गया है कि मुंह में पाए जाने वाले बैक्टीरिया दिल के दौरे को प्रेरित करने में सीधी भूमिका निभा सकते हैं। Cell नामक इस जर्नल में छपी रिपोर्ट बताती है कि एथेरोस्क्लेरोटि प्लाक जो हार्ट अटैक की वजह बन सकता है, इसके अंदर कई मौखिक बैक्टीरिया पाए गए हैं। इसके अलावा भी इस स्टडी में काफी कुछ बताया गया है तो, जानते हैं इस रिसर्च के बारे में विस्तार से।
200 से ज्यादा लोगों की धमनियों में मिले मुंह के बैक्टीरिया
इस स्टडी के लिए फिनलैंड के टैम्पियर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 200 से ज्यादा लोगों पर रिसर्च किया और पाया कि कैसे इन सभी की धमनियों में जमा प्लाक में मुंह में मिलने वाले बैक्टीरिया थे। बता दें कि ये तमाम लोग कोरोनरी धमनी रोग से पीड़ित थे और हार्ट अटैक के शिकार थे।
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टैम्पियर विश्वविद्यालय के चिकित्सक और इस शोध के शोधकर्ता पेक्का करहुनेन बताते हैं, "कोरोनरी धमनी रोग में बैक्टीरिया की भागीदारी का संदेह लंबे समय से रहा है, लेकिन प्रत्यक्ष और ठोस सबूतों का अभाव रहा है। हमारे अध्ययन ने एथेरोस्क्लेरोटिक पट्टिकाओं के अंदर कई ओरल बैक्टीरिया से प्राप्त आनुवंशिक पदार्थ जैसे डीएनए की उपस्थिति को देखा है।
एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह से आया हार्ट अटैक
शोध में बताया गया है कि जिन लोगों पर शोध किया गया, उन सभी को एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) की वजह से हार्ट अटैक आया था। बता दें कि एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें धमनियों की दीवारों पर अनहेल्दी फैट, कैल्शियम, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं। ये प्लाक धमनियों को संकरा कर देते हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और यही हार्ट अटैक का कारण बनता है।
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कैसे किया गया ये शोध?
शोधकर्ताओं ने 121 ऐसे रोगियों से कोरोनरी प्लाक के नमूने लिए जिनकी अचानक मृत्यु हो गई थी, साथ ही 96 ऐसे रोगियों थे जिनकी आर्टरी से ब्लॉकेज हटाने के लिए सर्जरी की गई थी। टीम ने इन नमूनों का मात्रात्मक पॉलीमरेज़चेन रिएक्शन विश्लेषण किया, जो सूक्ष्मजीवों की पहचान करने की एक तकनीक है। उन्होंने इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री का भी उपयोग किया, जिसमें विशिष्ट विषाक्त पदार्थों की पहचान करने के लिए एंटीबॉडी का उपयोग किया जाता है। इसी टेस्टिंग में कई ऐसे मुंह के बैक्टीरिया मिले जो विरिडन्स स्ट्रेप्टोकोकी समूह के थे।
इसके अलावा अचानक मृत्यु वाले रोगियों के 42.1 प्रतिशत कोरोनरी प्लाक में और सर्जरी वाले रोगियों के 42.9 प्रतिशत में ओरल स्ट्रेप्टोकोकी नामक मुंह के बैक्टीरिया पाए गए और इस तरह से रिसर्च के बाद ये रिजल्ट आया कि कैसे मुंह के बैक्टीरिया हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं।